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Friday, 26 April, 2024
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डीडी ने पीएम का ‘मिशन शक्ति’ भाषण शूट किया था, पर अपना लोगो नहीं लगाया

प्रसार भारती में कुछ विशिष्ट सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि ये वीडियो डीडी न्यूज ने बनाया और डीडी व एआईआर के दूसरे चैनलों नें इसे वहां से लिया.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन शक्ति के भाषण की रिकॉर्डिंग सरकारी चैनल दूरदर्शन (डीड) न्यूज़ ने की थी पर जान-बूझकर प्रसारण में दूरदर्शन का लोगो नहीं लगाया गया था. ये कदम चुनाव आयोग से बचने के लिए उठाया गया था.

प्रसार भारती में कुछ विशिष्ट सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि ये वीडियो डीडी न्यूज ने बनाया था और डीडी व ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के दूसरे चैनलों नें इसे वहां से लिया था. दोनों दूरदर्शन और एआईआर प्रसार भारती के तहत आते हैं. लोगो को चुनाव आचार संहिता से बचने के लिए नहीं लगाया गया था, जिसके अनुसार, दोनों डीडी और एआईआर को ये भाषण दिखाने के पहले चुनाव आयोग की अनुमति लेनी पड़ती.

मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार सरकारी मीडिया का इस्तेमाल राजनीतिक खबरों के प्रसार प्रचार के लिए या ऐसे प्रसार के लिए नहीं किया जाना चाहिए, जिससे किसी पार्टी का फायदा हो. मोदी के बुधवार को राष्ट्र को संबोधन के प्रसारण की डीडी और एआईआर ने कोई अनुमति नहीं ली थी.

इससे पहले एक उच्चस्तरीय सरकारी सूत्र ने दिप्रिंट को बताया था कि डीडी और एआईआर का ‘प्रधान मंत्री के ए-सैट भाषण से कोई लेना देना नहीं था.’ और ये भाषण यूट्यूब से लिया गया है. एक वरिष्ठ डीडी अधिकारी ने कहा, कि ऐसा प्रसारण ‘अभूतपूर्व था.’ ऐसे भाषणों में आमतौर पर बहुत सारी परमिशन लेनी पड़ती है और संगठन के अंदर कई संदेशों का आदान-प्रदान होता है. एक अधिकारी ने बताया ‘पर आतंरिक सूचना के लिए बेसिक फाइल नोटिंग की भी इस प्रसारण के लिए ज़रूरत महसूस नहीं हुई.’

दिप्रिंट ने प्रसार भारती के सीईओ शेखर वेम्पति से संपर्क करने की कोशिश की पर उनसे बात नहीं हो पाई. बात होने पर रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जायेगा.

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वीडियो कैसे आया

बुधवार को चुनाव आयोग में इस मामले में एक आंतरिक बैठक हुई, जिसमें चुनाव आयोग के अधिकारियों ने एआईआर के अधिकारियों से पूछा था कि प्रधानमंत्री का भाषण कहा से आया था. सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि एआईआर ने जवाब दिया कि ये वीडियो दूरदर्शन से लिया गया था.

एक उच्चस्तरीय सूत्र ने बताया कि चूंकि इस वीडियो को डीडी न्यूज़ ने शूट किया था, एआईआर और डीडी को उसी से ये वीडियो लेना पड़ा, और सरकारी संचार माध्यम इतना महत्वपूर्ण भाषण कभी भी निजी कंपनियों से नहीं लेते.

सूत्रों का कहना है कि पीएमओ से निर्देश आए थे कि इस अचानक दिए गए भाषण को रिकॉर्ड किया जाये. एक उच्चस्तरीय स्रोत ने कहा कि ‘डीडी न्यूज़ का लोगो न लगा कर ये दिखाने की कोशिश की गई कि इसकी शूटिंग किसी भी चैनल द्वारा की जा सकती थी. हो सकता है कि ये पीएमओ को चुनाव आयोग से बचाने के लिए किया गया हो.’

डीडी न्यूज़ ही पसंद क्यों

प्रधानमंत्री के घर, 7 लोक कल्याण मार्ग में डीडी न्यूज़ का पूरा स्टूडियो स्थापित है. प्रधानमंत्री के कई भाषण डीडी की न्यूज़ टीम प्री रिकॉर्ड करती है और कई बार उसका सीधा प्रसारण किया जाता है. 8 नवंबर, 2016 को जब प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा की थी, वो वीडियो पहले रिकॉर्ड किया गया था और उसे डीडी न्यूज़ पर प्रसारित किया गया था और बाकी चैनल्स ने भी उसे डीडी से लिया था. पर जब भी दूसरे चैनल डीडी से कोई सामग्री लेते हैं तो वो डीडी को क्रेडिट देते हैं.

सूत्रों की मानें तो इस मामले के बढ़ने के बाद दूरदर्शन में सभी वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी हुई. इस बैठक के सभी अधिकारियों ने सभी संबंधित विभागों के कर्मचारियों मीटिंग बुलाई. सभी को आगे से इस मामले में विशेष तौर ध्यान रखने की हिदायत दी गई. इसके बाद सभी को सरकार से संबंधित विषयों को लेकर गाइडलाइन भी जारी की गई है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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