scorecardresearch
Tuesday, 5 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावराजस्थान में राज्य सरकार पर संकट गहराया, नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठी

राजस्थान में राज्य सरकार पर संकट गहराया, नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठी

कांग्रेस की यह हार काफी शर्मनाक रही, क्योंकि पार्टी अभी छह महीने पहले ही विधानसभा चुनाव जीत कर सत्ता में आई है.

Text Size:

जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की अटलकबाजी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट लोकसभा चुनाव में राज्य में पार्टी की पराजय के कारणों को गिनाने गुरुवार से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं.
भाजपा ने राज्य में 24 सीटें जीती, जबकि एक अन्य सीट पर उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जीत दर्ज की. कांग्रेस की यह हार काफी शर्मनाक रही, क्योंकि पार्टी अभी छह महीने पहले ही विधानसभा चुनाव जीत कर सत्ता में आई है.

पार्टी के एक नेता ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ कहा, ‘सत्ता के दो केंद्र बनने के कारण हमारी पार्टी में स्थितियां खराब हुईं. एक नेता जमीन से जुड़ा हुआ है, जबकि दूसरा हाईफाई है और ग्रामीण इलाकों में भी अंग्रेजी में बोलता है.’

एक अन्य वरिष्ठ नेता ने अपने टेबल पर पड़े कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के चित्र की ओर उंगली दिखाते हुए कहा, ‘इन्होंने हमें पूरी छूट नहीं दी.’

और टेबल पर पड़े राहुल गांधी के चित्र की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘वह राहुल संगठन में युवाओं को शामिल कर उसे बदलना चाहते थे, लेकिन इन लोगों (सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह) ने उन्हें रोक दिया.’

सूत्रों ने कहा कि कई नेता सोचते हैं कि पार्टी का नेता कोई एक होना चाहिए. एक स्थानीय पार्टी नेता ने कहा, ‘ज्यादा लोगों का हस्तक्षेप होने से बात बिगड़ जाती है.’

नेता ने कहा कि जयपुर, जयपुर ग्रामीण, झालावाड़, रातसमंद, अजमेर और भीलवाड़ा सहित कम से कम छह सीटों पर गलत लोगों को टिकट दिए गए.

इस बीच भाजपा ने गहलोत से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है.

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने उदयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘गहलोत पूरे राज्य में और खुद के क्षेत्र में अपने बेटे को जिताने के लिए दौड़ते रहे.’ लेकिन वह किसी को नहीं जिता पाए. ‘उन्हें पद इस्तीफा दे देना चाहिए.’

share & View comments