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Friday, 15 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावउत्तर पूर्वी दिल्ली से बसपा प्रत्याशी ने कहा, ‘दिल्ली में केजरीवाल वोट नहीं, फिरौती मांग रहे हैं.’

उत्तर पूर्वी दिल्ली से बसपा प्रत्याशी ने कहा, ‘दिल्ली में केजरीवाल वोट नहीं, फिरौती मांग रहे हैं.’

बसपा दिल्ली की सात में से पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. उत्तर पूर्व दिल्ली से राजवीर सिंह मैदान में हैं. उन्हें समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त है. 

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नई दिल्ली: उत्तर पूर्व दिल्ली से बसपा ने राजवीर सिंह को मैदान में उतारा है. उन्हें समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त है. पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे राजवीर ने वृहस्पतिवार को दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अबकी बार जनता से वोट नहीं, फिरौती मांग रहे हैं.’

दिल्ली में 12 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं. हर पार्टी अपनी तरफ से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. कांग्रेस, भाजपा और  ‘आप’ के अलावा दिल्ली की सात में से पांच सीटों पर बहुजन समजावादी पार्टी भी मैदान में है. दिल्ली में शुक्रवार को मायावाती की होनी वाली रैली से पहले उत्तर पूर्वी दिल्ली से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राजवीर सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस की.

दिल्ली के मुख्यमंत्री वोट नहीं, फिरौती मांग रहे

राजवीर कहते हैं, ‘कुछ दिन पहले सीलिंग के मुद्दे पर केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली का जो व्यापारी वर्ग है वो अगर हमें दिल्ली की सातों सीट दे देता है तो मैं उनकी सीलिंग बंद करवा दूंगा. मैं उनको राहत प्रदान करा दूंगा. अगर आप हमें वोट देतें हैं तो हम आपका काम करा देंगे. आप बताइए क्या कोई वर्तमान मुख्यमंत्री इस तरह की बात करता है. आप मेरा काम करो, तब मैं तुम्हारा काम करूंगा. ये फिरौती ही तो हुई.’


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उत्तर पूर्व दिल्ली में  बीएसपी की पीसी.

अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए क्या साधन अपनाया

उत्तरी दिल्ली की लोकसभा सीट इस बार हाईप्रोफाइल मानी जा रही है जहां कांग्रेस की तरफ से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित मैदान में हैं तो वहीं भाजपा ने वर्तमान सांसद और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को एक बार फिर से मौका दिया है. ‘आप’ की तरफ से दिलीप पांडे को टिकट दिया गया है. मीडिया में इस सीट पर इन्हीं तीनों प्रत्याशियों की चर्चा है. ऐसे में राजवीर सिंह अपनी बात जनता तक किस तरह से पहुंचा रहे.

इस पर वे दिप्रिंट को बताते हैं, ‘आप जमीन पर उतर कर देखिए. जनता के मन में तीनों पार्टियों को लेकर आक्रोश है. इन्होंने इनकी मूलभूत सुविधाओं को पूरा नहीं किया है.’ ‘मैं इस क्षेत्र की दसों विधानसभा सीटों से हो आया हूं और हमने घर-घर जाकर अपनी बात रखी है. ’

कौन सा नया रोडमैप लेकर आएंगे

दिल्ली की जनता ने कांग्रेस, भाजपा और ‘आप’ तीनों दलों को मौका दिया है लेकिन जैसा कि आरोप लगाए जा रहे तीनों दलों ने जनता को धोखा दिया है. ऐसे में बसपा के पास ऐसा क्या रोडमैप है जिस पर जनता भरोसा करे कि वो उनके मुद्दों का हल ढूंढ़ निकालेंगे.

इस सवाल के जवाब में राजवीर सिंह कहते हैं, ‘यहां से जो जनप्रतिनिधि बनते हैं वो क्षेत्र में दोबारा नहीं आते. आप पूरे इलाके में घूम आइए और पिछले पांच सालों में सांसद निधि से किए गए एक भी कार्य का बोर्ड लगा दिख जाए तो बता दीजिए. मैं सांसद निधि खर्च करके इस क्षेत्र का विकास करूंगा.’

पार्टी की घोषणा पत्र से अलग घोषणा पत्र जारी किया

इससे पहले उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रत्याशी राजवीर सिंह ने ऐन वक्त पर यानी, मतदान से महज तीन दिन पहले अपना चुनावी घोषणा पत्र ’सर्व समाज विकास पत्र और शपथ पत्र’ जारी किया. राजवीर सिंह का यह ’सर्व समाज विकास पत्र और शपथ पत्र’ बसपा के चुनावी वादों से बिल्कुल अलग है, क्योंकि इसे इन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र की समस्याओं को देख-समझकर जारी किया है. साथ ही उन्होंने अपने घोषणा पत्र में सांसद निर्वाचित होने के बाद अपनी प्राथमिकताएं और संकल्प को जाहिर किया है, यानी उन्होंने ’सर्व समाज विकास पत्र और शपथ पत्र’ में सर्वांगीण और समावेशी विकास का वादा किया है.

उनके बड़े वादों में सबको शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार, स्वच्छ जलापूर्ति, बेहतर परिवहन और सड़क, आंबेडकर ऑडिटोरियम, गर्ल्स हॉस्टल, तकनीकी संस्थान, केंद्रीय विद्यालय और अन्य बुनियादी ढांचे शामिल हैं.


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मायावती की रैली के बारे में सूचना दी

राजवीर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 10 मई को बसपा सुप्रीमो मायावती दिलशाद गार्डन में जीटीबी एंक्लेव में उनके पक्ष में रैली को संबोधित करने जा रही हैं. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. मायावती की इस प्रस्तावित रैली से पार्टी कैडर और अधिक प्रभावित होगा. हालांकि, रैली का आयोजन उस दिन किया जा रहा है, जब चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा, क्योंकि दिल्ली में 12 मई को मतदान होगा, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि यह रैली मतदाताओं के दिल-दिमाग को बसपा के पक्ष में मोड़ने में पूरी तरह सफल होगी.

बसपा पिछली बार दिल्ली में सातों सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें उसे किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली. इस बार पार्टी ने फिर से सातों सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन दो प्रत्याशियों का नामांकन रद्द हो गया. जिन दो सीटों पर नामांकन रद्द हुआ है वो हैं उत्तर पश्चिमी दिल्ली और नई दिल्ली.

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