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Friday, 22 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावनतीजों से पहले विपक्ष पहुंचा चुनाव आयोग, ईवीएम- वीवीपैट मिलान मामले पर फिर उठाया सवाल

नतीजों से पहले विपक्ष पहुंचा चुनाव आयोग, ईवीएम- वीवीपैट मिलान मामले पर फिर उठाया सवाल

कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई बैठक के बाद राजनीतिक दल के सभी नेता चुनाव आयोग पहुंचे जहां वह आयोग के सामने वीवीपैट और ईवीएम को टैली करने की बात रखी.

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नई दिल्ली: एग्ज़िट पोल में एनडीए को दिखाई गई एकतरफा बढ़त को देखते हुए एकबार फिर विपक्ष के सभी दल एकजुट हुए. कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई बैठक के बाद राजनीतिक दल के सभी नेता चुनाव आयोग पहुंचे जहां वह आयोग के सामने वीवीपैट और ईवीएम को टैली करने की बात रखी. डेढ घंटे हुई बैठक के बाद सभी राजनीतिक दलों ने बताया कि हमने वीवीपैट से ईवीएम मशीन के मिलान से लेकर स्ट्रांग रूम के पास गाड़ियों और धांधली पर अपनी बात रखी. बता दें कि सोमवार रात यूपी और बिहार से कुछ वीडियो सामने आए हैं जिसमें ईवीएम मशीनों सी लदी गाड़ियां दिखाई गई हैं.  चुनाव आयोग ने इसे पहले भी सिरे से खारिज किया वहीं राजनीतिक दलों से मुलाकात के दौरान भी इन आरोपों को गलत बताया है और कहा है कि जो भी दिखाया जा रहा है वह मशीने उपयोग में नहीं रही हैं.

चुनाव आयोग से मिलकर बाहर आए कांग्रेस के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने बताया कि किस तरह से उनके कार्यकर्ताओं ने बताया कि मतदान करने के दौरान वीवीपैट में दूसरी पार्टी यानी भाजपा की स्लिप दिखाई दे रही थी. गुलाम नबी आजाद ने यह भी कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने यह भी कहा कि हमने एकबार फिर मांग रखी है कि अगर किसी पोलिंग बूथ पर वीवीपैट की गिनती ईवीएम से मैच नहीं होती है तो उस विधानसभा का पूरे चुनाव को निरस्त किया जाना चाहिए.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने कहा कि चुनाव आयोग विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा गया है कि पांच पोलिंग बूथ के वीवीपैट पर्चियों का मिलान वोटों की गिनती से पहले न कि आखिरी राउंड की गिनती के बाद किए जाएं. यही नहीं इन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने यह भी मांग रखी है कि अगर वीवीपैट मिलान नहीं हो पता है तो उस विधानसभा क्षेत्र की सभी वीवीपैट पर्ची का मिलान किया जाना चाहिए, नहीं तो पूरे विधानसभा के चुनाव को कैंसिल किया जाना चाहिए. विपक्षी दलों ने कहा कि अगर एक भी वीवीपैट में गड़बड़ी पाई जाती है तो पूरे विधासभा का चुनाव कैंसिल करना होगा.

वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम लगातार डेढ़ महीने से चुनाव आयोग के सामने अपनी मांगे रखते आ रहे हैं. सतीश मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जहां जहां ईवीएम मशीने रखी गई हैं वहां बहुत गड़बड़ी की खबरें आ रही हैं.

पहले नेताओं ने की कांस्टीट्यूशन क्लब में बैठक, तैयार की रणनीति

दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में चली बैठक में विपक्ष एकबार फिर एकजुट दिखा लेकिन इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती सहित कई बड़े चेहरे मौजूद नहीं थे. अब सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या यह बैठक एक खानापूर्ति है? या फिर यह बैठक बेमन से की जा रही है. इस बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, राम गोपाल यादव, ममता दीदी और तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे डेरेक ओ बरान, सीताराम येचुरी,कनीमोड़ी, मनोज झा, डी राजा, प्रफुल्ल पटेल पहुंचे. इस बैठक में 19 दलों के नेता मौजूद थे जिसमें कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, टीडीपी, डीएमसी, आरजेडी, जेडीएस, सीपीआई, सीपीआईएम, एनसीपी और डीएमके के नेता मौजूद थे. बता दें कि इस बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और वाईएसआरसीपी के जगमोहन रेड्डी भाग नहीं ले रहे हैं.

तीन दिनों से चंद्रबाबू जुटे हैं विपक्ष को मिलाने में

बता दें कि पिछले तीन दिनों से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू विपक्ष को एकजुट करने करने में जुटे हैं. चंद्रबाबू पिछले तीन दिनों में सीताराम येचुरी, डी. राजा, शरद पवार, मायावती, और अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद सोमवार को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात कर महागठबंधन की रणनीति पर चर्चा की है. वहीं यह मोर्चा एकबार फिर तीसरा मोर्चा की ओर बढ़ रहा है.

तीसरे मोर्चे की कवायद को लेकर केसीआर भी सक्रिय हैं. ऐसी भी खबर है कि यदि यूपीए गठबंधन में पिछड़ती है. तो तीसरे मोर्चे की कवायद शुरू हो सकती है. इसके अलावा अब गठबंधन छोटे दलों पर भी निशाना साध रहा है. इस क्रम में आंध्र में जनसेना पार्टी के पवन कल्याण को साधने की भी जुगत की जा रही है.

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