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Thursday, 21 November, 2024
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मध्य प्रदेश में न चल पाएगा मोदी मैजिक: कमलनाथ

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राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि उनकी पार्टी एकजुट है और मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में 150 से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि राज्य में होने वाले चुनावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई असर नहीं पड़ेगा और उनकी पार्टी 230 सदस्यीय विधानसभा में “150 से अधिक” सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है।

नवंबर-दिसंबर में मध्यप्रदेश में मतदान होना है।

15 वर्षों से राज्य में सत्ताहीन कांग्रेस ने हाल ही में 71 वर्षीय, नौ बार छिंदवाड़ा से सांसद रहे कमल नाथ को राज्य की बागडोर सौंपी गई है।

भोपाल में सिविल लाइंस में स्थित अपने निवास पर दिप्रिंट के साथ एक साक्षात्कार में, कमलनाथ ने मोदी के प्रभाव को नकार दिया, उन्होंने कहा कि देश भर के लोगों ने प्रधानमंत्री से सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं कि उन्होंने रोजगार के लिए क्या किया है और 15 लाख रुपयों का क्या हुआ, जिनको उन्होंने हर किसी के बैंक खाते में भेजने का वादा किया था।

नाथ ने कहा, “ये सवाल पूछे जाएंगे। लोग पहले से ही ऐसे सवाल पूछना शुरू कर चुके हैं। इसके अलावा, राजनीति आजकल अत्यधिक स्थानीयकृत (क्षेत्रीय) हो गई है। लोग नेताओं को अपने गांवों में, अपने ब्लॉक में और राज्य स्तर पर देखकर प्रेरित होते हैं।

उन्होंने मोदी के आकर्षक व्यक्तित्व की आम धारणा को खारिज कर दिया। “मुझे नहीं पता। मध्य प्रदेश में उनका परीक्षण अभी तक नहीं हुआ है। अगर वहाँ (उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली) था, तो उनको (बीजेपी) कर्नाटक में जीतना चाहिए था, जहां हम सत्ता में थे।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस एकजुट है

प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नाथ को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है हालांकि इसकी कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। पिछले हफ्ते मंदसौर में किसानों की रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नाथ के अनुभव का जिक्र करते हुए संकेत दिया कि प्रमुख राज्य नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया युवा हैं और उनको अभी बहुत लंबा सफर तय करना है।

नाथ ने दिप्रिंट को बताया “हमें चुनाव प्रचार के लिए कई चेहरों की आवश्यकता है। किसी एक चेहरे से प्रचार कराना काफी नहीं है। अगर कभी (मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा) इसकी आवश्यकता होती है तो इस पर राहुल गांधी फैसला करेंगे। लेकिन मुझे लगता है कि इस पर कोई घोषणा नहीं करनी चाहिए … क्योंकि यहाँ हर कोई एक साथ है।”

उन्होंने कांग्रेस में आंतरिक लड़ाई की खबरों को खारिज कर दिया, जो एक ऐसा कारक था जिसने अतीत में बीजेपी को सत्ता से हटाने के पार्टी के प्रयासों को बर्बाद कर दिया था।

“नाथ ने कहा, “मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि यहाँ कोई गुटबाजी नहीं है। मेरे सभी लोगों के साथ अच्छे संबंध हैं। यह स्वाभाविक है, किसी भी राजनीतिक दल में या यहाँ तक कि एक परिवार में, कोई न कोई एक दूसरे का करीबी होता ही है। यहाँ कोई दिग्विजय सिंह का करीबी हो सकता है; तो कोई सिंधिया का करीबी हो सकता है। इसका मतलब गुटवाद नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह नाशकारी है।

समन्वय समिति के प्रमुख दिग्विजय सिंह 31 मई से राज्य भर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठित करने और उनके बीच मतभेदों को सुलझाने के उद्देश्य से एकता यात्रा पर हैं। जब भी जिला इकाई में गुटबाजी के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो राज्य कांग्रेस अध्यक्ष इसकी जानकारी सिंह को देते हैं और उनसे मिलने और उन पार्टी कार्यकर्ताओं तक पहुँचने के लिए कहते हैं। सिंह ने खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर कर लिया है।

चौहान के लिए चुनौती

शिवराज सिंह चौहान सरकार के सबसे कमजोर बिंदुओं पर चर्चा करते हुए नाथ ने कृषि संकट, मध्य प्रदेश “सबसे भ्रष्टतम राज्य”, उच्चतम बेरोजगारी और महिलाओं के खिलाफ अधिकतम अत्याचार और “मुद्दों की एक पूरी श्रृंखला (सूची) का हवाला दिया।”

उन्होंने यह भी कहा कि “मैंने आज तक सरकार के खिलाफ समाज के सभी वर्गों- किसानों, युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों और मजदूरों को नहीं देखा है। मैंने ऐसा होते हुए अपने पूरे राजनीतिक जीवन में नहीं देखा है। 2013 में ऐसा कोई कृषि संकट नहीं था (जब अंतिम विधानसभा चुनाव हुए थे)।”

नाथ ने कहा कि व्यापक भ्रष्टाचार के कारण मध्यप्रदेश में निवेश नहीं आ रहा है।

कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार पर फोन, लैपटॉप और बिजली बिल छूट के रूप में लोगों को “लुभाने” की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “मैं लोगों को बताता हूं कि कृपया अपने फोन और कंप्यूटर लें, लेकिन अपने भविष्य के साथ मत खेलें।”

कांग्रेस के सबसे कमजोर बिंदु के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने पार्टी को संरचनात्मक रूप से बदलने के लिए “समय की कमी” और लोगों को संगठित करने के लिए 15 साल से घर से बाहर रहने वाले कार्यकर्ताओं का हवाला दिया।

राज्य कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “हम जिस पार्टी (भाजपा) से मुकाबला कर रहे हैं उसकी ताकत संगठनात्मक शक्ति और पैसे की ताकत है, यह स्वीकार करते हुए कि उनकी पार्टी में संसाधनों की कमीं है और पार्टी कार्यकर्ताओं को अपना पूरा “योगदान करना” होगा।

Read in English : Kamal Nath says Modi’s personality cult won’t cut in Madhya Pradesh

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