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भारत और अमेरिका ने 2022 में COVID, जलवायु परिवर्तन समेत कई और मुद्दों को आगे बढ़ने की उम्मीद जताई

भारत के साथ लगती सीमा पर चीन के आक्रामक व्यवहार संबंधी एक और सवाल के जवाब में साकी ने कहा कि अमेरिका हालात पर लगातार नजर रख रहा है.

व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पहली बार जो बाइडन की बैठक/ फोटो: ट्विटर
व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पहली बार जो बाइडन की बैठक/ फोटो: ट्विटर

वाशिंगटन: भारत और अमेरिका को कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने, जलवायु परिवर्तन, चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) और नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों समेत व्यापक पहलों पर साथ आगे बढ़ने की उम्मीद है.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले सितंबर में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस में मेजबानी की थी और उनकी बैठक का मकसद अमेरिका-भारत संबंधों के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू करना था. उस समय, दोनों नेताओं ने अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को लेकर अपने साझा दृष्टिकोण को साझा किया था और हम इस साल निकटता से मिलकर काम करना जारी रखेंगे.’

साकी से 2022 में भारत और अमेरिका के संबंधों के संदर्भ में बाइडन प्रशासन के एजेंडे पर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘आप उम्मीद कर सकते हैं कि हमारी सरकारें वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए सहयोग से लेकर, जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयास तेज करने, द्विपक्षीय तरीके से और क्वाड के जरिए काम करने, व्यापार एवं निवेश में सहयोग बढ़ाने, साइबर और नई एवं उभरती प्रौद्योगिकी तक व्यापक पहलों में आगे बढ़ेंगीं.’

साकी ने कहा, ‘हम हमेशा की तरह वार्ता जारी रखेंगे, हम हमारे लोगों के बीच गहरे संबंधों और हमारे संबंधों के आधार हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. निस्संदेह, हम यहां से संबंधों को आगे बढ़ाएंगे.’

भारत के साथ लगती सीमा पर चीन के आक्रामक व्यवहार संबंधी एक और सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका हालात पर लगातार नजर रख रहा है.

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उन्होंने कहा, ‘हम हालात पर निकटता से नजर रख रहे हैं. हम इन सीमा विवादों के वार्ता के जरिए तथा शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं. हम इस बात को लेकर स्पष्ट रहे हैं कि हम क्षेत्र में चीन के व्यवहार को किस प्रकार देखते हैं. हमारा मानना है कि यह अस्थिर करने वाला हो सकता है और हम अपने पड़ोसियों को डराने की चीन की कोशिश से चिंतित हैं.’

साकी ने कहा, ‘हम इस मामले पर अपने साझेदारों के साथ खड़े रहेंगे.’


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