सुल्तान बाथरी का नाम 'बैटरी' से आया है जहां टीपू सुल्तान ने एक बार अपने हथियार संग्रहीत किए थे. भाजपा के राज्य प्रमुख और वायनाड से उम्मीदवार के. सुरेंद्रन ने यह कहकर विवाद पैदा कर दिया है कि इसका नाम बदला जाना चाहिए.
दिप्रिंट ने शाह द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष दायर हलफनामे के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इक्विटी बाजार के अलावा, शाह और उनकी पत्नी ने छोटी बचत योजनाओं, सोना और म्यूचुअल फंड में भी निवेश किया है.
बसपा की अब तक की 64 उम्मीदवारों की सूची में अनुसूचित जाति के लिए केवल आरक्षित सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि 10 ब्राह्मणों और 5 ठाकुरों को मैदान में उतारा गया है, लेकिन उनके भाजपा के 'उच्च जाति' वोट आधार में सेंध लगाने की संभावना नहीं है.
जहां राकांपा (अजित पवार) नेता संजय खोडके ने राणा से अपने बैनरों में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करने को कहा, वहीं पीजेपी प्रमुख बच्चू कडू, जो शिंदे सेना का समर्थन करते हैं, ने उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा किया है.
ग्रामीणों ने मोबाइल फोन नेटवर्क नहीं मिलने पर मतदान का बहिष्कार करने की धमकी दी है. यह वोटिंग और सुरक्षा अधिकारियों के लिए भी एक मुद्दा है, जिन्हें जानकारी भेजने के लिए वायरलेस हेडसेट की ज़रूरत रहती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद AAP अपने ‘जेल से जवाब’ अभियान के जरिए से शहर में धारणा की लड़ाई जीतने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि अदालतों ने उन्हें ज़मानत देने से इनकार किया है.
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम कमल नाथ की छिंदवाड़ा पर चार दशकों से मजबूत पकड़ रही है. निवासियों के अनुसार, जिले के विकास का अधिकांश श्रेय उन्हीं को जाता है.
भले ही बीजेपी का लक्ष्य उत्तर बंगाल में 2019 की जीत को दोहराना हो, टीएमसी अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, कूच बिहार, रायगंज, बालुरघाट और दार्जिलिंग सीटों पर दावा करने के लिए आक्रामक है.
आज़ाद इस चुनाव में अपनी पार्टी के अकेले उम्मीदवार हैं, जो आरक्षित सीट नगीना से चुनाव लड़ रहे हैं. वे निर्वाचन क्षेत्र के युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि पूरे यूपी में उपस्थिति के लिए उन्हें और अधिक कोशिश करने की ज़रूरत है.
रालोद के बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने के साथ, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कैराना में जाटों और मुसलमानों के बीच एकजुटता खत्म हो रही है, जहां 19 अप्रैल को सपा की इकरा हसन बीजेपी के प्रदीप चौधरी के खिलाफ मैदान में उतरेंगी.
तिरुवनंतपुरम में राजीव चंद्रशेखर का मुकाबला शशि थरूर से है. वे खुद को एक ऐसे राज्य के लिए प्रचारित कर रहे हैं जिसने परंपरागत रूप से भाजपा के प्रति घृणा दिखाई है.