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‘पता नहीं सोनिया या इंदिरा गांधी के पास मंगलसूत्र था या नहीं’ : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

दिप्रिंट को दिए एक विशेष इंटरव्यू में बिहार के बेगुसराय से भाजपा उम्मीदवार सिंह ने कई विषयों पर बात की — मंगलसूत्र विवाद, काशी-मथुरा की योजनाओं से लेकर राहुल गांधी के ‘इतिहास के ज्ञान की कमी’ तक.

बेगुसराय: बिहार के बेगुसराय लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “मुझे शक है कि इंदिरा या सोनिया के पास बलिदान देने के लिए मंगलसूत्र था भी या नहीं.”

वे प्रियंका गांधी को जवाब दे रहे थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस तंज पर प्रतिक्रिया जताई थी कि कांग्रेस सत्ता में आने पर महिलाओं से उनका सोना और मंगलसूत्र छीन लेगी — उन्होंने (प्रियंका) राजीव गांधी की हत्या का ज़िक्र करते हुए दावा किया कि उनकी मां और उनकी दादी ने भारत से युद्ध के दौरान मंगलसूत्र का बलिदान दिया था.

केंद्रीय मंत्री ने दिप्रिंट से कहा, “मुझे नहीं पता कि उनकी मां, सोनिया गांधी, जो इटली से हैं, के पास मंगलसूत्र था या नहीं और उनकी दादी, इंदिरा गांधी, जिन्होंने फिरोज़ गांधी से शादी की थी, के पास मंगलसूत्र था या नहीं. फिरोज़ के धर्म में मंगलसूत्र रखने की प्रथा नहीं है. मेरा मानना है कि प्रियंका के पास मंगलसूत्र है, लेकिन वे ‘दादी’, ‘परिवार’ के बारे में और कितने दिन तक बात करते रहेंगे?”

फिरोज़ गांधी का जन्म बंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था.

गिरिराज सिंह ने पहले भी गांधी परिवार के बारे में विवादास्पद टिप्पणियां की हैं. उन्होंने एक बार कहा था कि सोनिया गांधी की त्वचा के रंग ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनने में मदद की और दूसरी बार उन्होंने राहुल गांधी को “विदूषक” कहा था.

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मंगलसूत्र विवाद पर मंत्री ने आगे कहा, “किसी देश का संसाधन क्या है? जब चंद्रशेखर की सरकार के दौरान देश पर संकट आया तो उन्होंने देश को बचाने के लिए सोना गिरवी रख दिया. अगर मनमोहन सिंह जैसे किसी (पूर्व) प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है और अगर चीन युद्ध के दौरान, मां-बेटी ने देश के लिए अपने मंगलसूत्र दान किए, तो यह हमारी संपत्ति थी.”

मनमोहन सिंह पर उनकी टिप्पणी पीएम मोदी द्वारा बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान इसी तरह के आरोप लगाने के बाद आई है.

वे 2006 की राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक का ज़िक्र कर रहे थे, जहां तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने “एससी/एसटी, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रमों” के महत्व पर जोर दिया था और यह सुनिश्चित किया था कि “अल्पसंख्यक, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यक, विकास के फल में समान रूप से साझा करने के लिए सशक्त हैं.”

कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति पर पार्टी लाइन अपनाते हुए सिंह ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे गरीब लोगों का राष्ट्रीय संसाधनों पर दावा है, लेकिन कांग्रेस देश को बांटना चाहती है. कांग्रेस के कारण देश की आज़ादी के बाद से ही तुष्टीकरण की राजनीति का सामना कर रहा है.”

राजनीतिक वंशवाद की आलोचना करते हुए गिरिराज सिंह ने दिप्रिंट से कहा, “देश में कांग्रेस पार्टी का क्या योगदान है? इंदिरा का क्या योगदान था? क्या उन्होंने किसी स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था?…वे जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं.”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस से लेकर लालू प्रसाद और ममता बनर्जी तक, उन्होंने अपने रिश्तेदारों को राजनीति में आगे बढ़ाया है. इन परिवार-आधारित पार्टियों की तुलना प्रधानमंत्री मोदी से क्या की जा सकती है, जिनके पास शासन के लंबे कार्यकाल के बावजूद न तो धन है और न ही उनके हाथ में पैसा है — पहले 12 साल तक मुख्यमंत्री के रूप में और फिर 10 साल तक पीएम के रूप में.”

उन्होंने कहा, “वे (मोदी) एक फकीर हैं, वे भारत के विकास और इसकी संस्कृति की रक्षा के लिए भगवान के रूप में अवतरिक हुए हैं.”

गिरिराज सिंह ने 2014 के चुनाव में नवादा लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने 2019 के चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ माने जाने वाले बेगुसराय में सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार को दो लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया.

इस चुनाव में सिंह सीपीआई के तीन बार के विधायक अवधेश राय के खिलाफ लड़ रहे हैं, जो राजद के साथ, इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. 2019 में राजद सीपीआई के साथ गठबंधन में नहीं था, जिससे सिंह के लिए राह आसान हो गई थी.


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BJP की राह पर आगे

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने और उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भाजपा के वैचारिक एजेंडे का ज़िक्र करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून और घुसपैठियों का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की ज़रूरत होगी.

इस अप्रैल में प्रकाशित भाजपा के 2024 घोषणापत्र में एनआरसी को शामिल नहीं किया गया है, जबकि 2019 के घोषणापत्र में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और यूसीसी को लागू करने के वादों को बरकरार रखा गया है.

गिरिराज सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण की वकालत करते हुए कहा, “जिन्ना तो चले गए, लेकिन जेन्ना, जिन्ना अभी भी बचे हुए हैं. कुछ लोगों, ओवैसी (एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी) भाइयों ने हाल ही में कहा कि हिंदुओं के कई बच्चे होते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या ओवैसी संसद में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का प्रस्ताव रखेंगे?”

उन्होंने कहा कि देश की जनसंख्या वृद्धि चिंताजनक हो गई है. मंत्री ने कहा, “हम चीन से भी अधिक हैं. अनौपचारिक रूप से रोहिंग्या और बांग्लादेशियों ने देश में घुसपैठ की है…हर देश में नागरिकों के लिए एक पहचान पत्र होता है…चाहे हिंदू, मुस्लिम या सिख, हर देश की तरह हर नागरिक के लिए राष्ट्रीय पहचान संख्या होनी चाहिए.”

उन्होंने एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के इस दावे पर भी पलटवार किया कि मुस्लिम आबादी में प्रजनन दर में गिरावट आई है, उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि वे किस शोध विंग का उपयोग कर रहे हैं.”

यह पूछे जाने पर कि क्या अयोध्या के बाद काशी और मथुरा में मंदिर बनाने की बारी है, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान में कोई भी मंदिर सुरक्षित और अक्षुण्ण नहीं है…भारत में अयोध्या, काशी और मथुरा में आक्रमणकारियों के निशान बने हुए हैं. कांग्रेस के लोगों ने मुसलमानों का वोट पाने के लिए जानबूझकर आक्रमणकारियों की निशानियां बरकरार रखीं हैं.”

उन्होंने कहा, “अयोध्या का दावा किया गया, लेकिन अदालत ने लोगों को अयोध्या का अधिकार दे दिया. मैं मुस्लिम भाइयों से अपील करना चाहूंगा कि वे ऐसी साइटों को हिंदुओं को सौंप दें. अगर कृष्ण के जन्मस्थान पर ‘मकबरा’ बनाया है और इसे (ज़मीन) को वापस नहीं दिया गया है, तो इससे लोगों में गुस्सा बढ़ेगा. मुसलमान मक्का जा सकते हैं, वहां इतने सारे मकबरा हैं, हिंदू कहां जाएंगे? हिंदुओं के लिए केवल तीन स्थल काशी, मथुरा और अयोध्या ही महत्वपूर्ण हैं.”

‘पाकिस्तानियों से वोट नहीं चाहिए’

अपनी टिप्पणियों का बचाव करते हुए सिंह ने कहा, “पाकिस्तान समर्थक राष्ट्र-विरोधी” से वोट नहीं मांगेंगे, जिसके बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने चुनाव आयोग (ईसी) के साथ उनके खिलाफ शिकायत की. गिरिराज सिंह ने कहा, “मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया… 1982 से 1992 तक, रोहिंग्या और घुसपैठियों की आबादी बढ़ी और इन लोगों के लिए आश्रय स्थल उभरे. बहुत से लोग इन देशद्रोहियों का समर्थन करते हैं. मैंने अपने लोगों से कहा कि वे राष्ट्र-विरोधी और पाकिस्तान प्रेमी लोगों से वोट न मांगें.”

उन्होंने कहा, “मैं टुकड़े-टुकड़े गैंग और राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) से पूछना चाहता हूं कि क्या आप पाकिस्तानियों से वोट चाहते हैं? क्या आपको देश विरोधियों का वोट चाहिए? यह तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है.”

यह पूछे जाने पर कि भाजपा देश में जाति जनगणना क्यों नहीं चाहती, लेकिन पार्टी की बिहार इकाई ने राज्य में इसका समर्थन किया, सिंह ने कहा, “भाजपा ने बिहार में इसका समर्थन किया…अगर राज्य सर्वेक्षण करते हैं, तो राज्यों के सर्वेक्षणों का कुल योग मिलेगा राष्ट्रीय स्थिति की एक तस्वीर. हमने कभी इसका विरोध नहीं किया.”

उन्होंने यह भी कहा कि यह अज्ञानतावश है कि कांग्रेस देश में जाति जनगणना को मुद्दा बना रही है जबकि राहुल के पिता राजीव गांधी ने ही मंडल आयोग का विरोध किया था. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को इस देश के इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है…उन्हें एक शिक्षक की ज़रूरत है.”

(इस इंटरव्यू को अंग्रेज़ी में पढ़ने लिए यहां क्लिक करें.)


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