होम राजनीति केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री बघेल बोले- कोविशील्ड के बारे में अखिलेश यादव...

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री बघेल बोले- कोविशील्ड के बारे में अखिलेश यादव के आरोप निराधार हैं

सपा प्रमुख ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लेकर हल्ला मचा रहे हैं, लेकिन बघेल WHO की मंजूरी की ओर इशारा कर रहे हैं. मंत्री को अपनी आगरा सीट बरकरार रखने का भी भरोसा है.

आगरा से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल प्रचार के दौरान | फोटोः फेसबुक/SP Singh Baghel

आगरा: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के “घातक” कोविशील्ड वैक्सीन को मोदी सरकार की मंजूरी के दावों पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने आरोपों को “निराधार” बताया है.

यूके की अदालत में फार्मास्युटिकल दिग्गज एस्ट्राजेनेका द्वारा उसके कोविड वैक्सीन से कुछ मामलों में रक्त के थक्के जमने के खतरे के बारे में दलील देने के बाद, यादव चिंता जताने वालों में से हैं – हालांकि डॉक्टरों और शोधकर्ताओं को भरोसा है कि चिंता का कोई कारण नहीं है.

चुनावी रैलियों में इस मुद्दे को लगातार उठाते हुए, सपा प्रमुख ने बीजेपी और कथित तौर पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया – जिसने भारत में कोविशील्ड ब्रांड नाम के तहत ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का निर्माण किया – द्वारा दिए गए डोनेशन के बीच एक संबंध होने की बात की है.

पिछले हफ्ते मैनपुरी में एक रैली को संबोधित करते हुए, यादव ने कहा कि ऐसी “घातक” दवाओं की अनुमति देना “किसी की हत्या की साजिश” के बराबर है. उन्होंने आगे आरोप लगाया, “वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने [प्रधानमंत्री नरेंद्र] मोदी की पार्टी को डोनेशन दिया है…इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए.”

दिप्रिंट से बात करते हुए, मौजूदा सांसद और आगरा निर्वाचन क्षेत्र, जहां मंगलवार को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मतदान हो रहा है, से भाजपा उम्मीदवार, बघेल ने यादव के आरोपों को खारिज कर दिया.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा, “उनके आरोप निराधार हैं.” उन्होंने कहा, “यह कोरोना काल के दौरान मोदीजी की अथक मेहनत पर सवाल उठाने जैसा है.”

मंत्री ने कहा कि ऐसा करके यादव भारत के स्वास्थ्य कर्मियों, डॉक्टरों और पैरामेडिक्स से लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिकों के प्रयासों पर भी सवाल उठा रहे हैं.

बघेल ने यह भी विश्वास जताया कि वह अपनी आगरा सीट, एक आरक्षित (अनुसूचित जाति) निर्वाचन क्षेत्र, बरकरार रखेंगे जहां उनका मुकाबला सपा के सुरेश चंद कर्दम और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की पूजा अमरोही से है.

उन्होंने कहा, ”हमारे पास गरीबों के कल्याण, देश की एकता और अखंडता के मुद्दे और उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए योजनाएं हैं.”

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का जिक्र करते हुए, जो गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करती है, उन्होंने कहा: “इसके अलावा, 80 करोड़ लोग जो 5 किलो गेहूं और चावल खा रहे हैं, वे मोदी जी को सुरक्षा कवच दे रहे हैं.”

‘भारत के लोगों को कालिदास न समझें’

बघेल ने यह भी कहा कि यादव को भारत के लोगों को “कालिदास” नहीं मानना ​​चाहिए. यह उनका प्राचीन कवि और नाटककार के जीवन में पहले मूर्ख होने की किंवदंती की ओर इशारा था.

उन्होंने आगे कहा, ”हम वह काम कर रहे हैं ताकि भविष्य में अखिलेश यादव के बच्चे भी मोदी के कल्याण वृक्ष का फल खा सकें.” उन्होंने आगे कहा कि चुनाव में सपा की हार होगी और बीजेपी 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी.

कभी अखिलेश यादव के पिता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी रहे बघेल 2009 में बसपा में चले गए और बाद में भाजपा में शामिल हो गए.

उन्होंने दो बार सीधे तौर पर अखिलेश यादव का सामना किया है और दोनों बार हार गए. पहली बार 2009 में फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र के लिए (बसपा के टिकट पर) और दोबारा 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा के टिकट पर करहल विधानसभा सीट के लिए. कुल मिलाकर, भाजपा ने उन्हें पिछले 10 वर्षों में पांच बार मैदान में उतारा है – 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में और 2017 और 2022 के यूपी चुनावों में, और अब 2024 के आम चुनाव में भी.

उन्होंने कहा, ”मैंने पांच बार चुनाव लड़ा है और मोदी जी ने बार-बार मुझ पर भरोसा जताया है.”

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढे़ंः HC ने कहा- निजी स्कूलों में EWS सीटों पर डेडलाइन का हवाला देकर नहीं रोक सकते स्टूडेंट्स का एडमिशन 


 

Exit mobile version