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‘यौन शोषण’ के मामले में इस्तीफा देने वाले गोवा भाजपा के मंत्री मिलिंद नाइक भ्रष्टाचार के भी आरोपी हैं

गोवा के शहरी विकास और समाज कल्याण मंत्री मिलिंद नाइक का इस्तीफा राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ही आया है. वह तीन बार मोरमुगांव से विधायक रहे हैं.

दिवाली के दौरान पूजा करते मिलिंद नाइक/ @MilindSagunNaik

मुंबई: गोवा विधानसभा चुनाव से करीब दो महीने पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्री मिलिंद नाइक के इस्तीफे ने इस तटीय राज्य में संकटों में घिरी कांग्रेस के लिए एक बड़ा मौका उपलब्ध करा दिया है.

दक्षिण गोवा के मोरमुगाओ से विधायक नाइक राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार में पहले ऐसे मंत्री बने, जिन्हें मुख्यत: गोवा कांग्रेस के सदस्यों की तरफ से लगाए गए पद के दुरुपयोग के आरोपों पर इस्तीफा देना पड़ा था.

पूर्व मंत्री पर बिहार की एक महिला के यौन शोषण का आरोप है और इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता सीधे तौर पर उनके निर्वाचन क्षेत्र के ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस नेता संकल्प आमोनकर हैं (कांग्रेस नेता पर इस महिला की तरफ से जबरन वसूली और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है. लेकिन उन्होंने इस आरोप को निराधार बताया है.).

सामाजिक कल्याण और शहरी विकास विभाग के मंत्री रहे नाइक ने इस मामले में टिप्पणी के लिए दिप्रिंट की तरफ से किए गए फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने गुरुवार शाम ट्वीट किया कि आरोप तो ‘सामाजिक जीवन में होने पर लगते रहते हैं’ लेकिन उन्हें न्यायिक प्रक्रिया और न्यायपालिका में पूरा भरोसा है.

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गोवा कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ‘हम इस सरकार के गलत कार्यों को लगातार उजागर कर रहे हैं, लेकिन यह बेशर्म सरकार है. हमने सरकारी नौकरियों में, शहरी विकास विभाग में, खाद्य एवं औषधि विभाग में भ्रष्टाचार उजागर किया है..लेकिन सरकार ने केवल इस मामले में ही कार्रवाई की हैं.

हालांकि, यह मामला पहली बार नहीं है जब मिलिंद नाइक मुश्किल स्थितियों में घिरे हैं.


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विवादों भरा सफर

नाइक को यौन उत्पीड़न के इस ताजा मामले का ही आरोप नहीं झेलना पड़ रहा है. 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले भी 35 वर्षीय एक महिला ने शिकायत की थी कि उन्होंने उसका यौन शोषण किया है, जिस पर मोरमुगाओ पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. हालांकि, नाइक का दावा था कि यह मामला ‘राजनीतिक ड्रामा’ है.

गोवा के एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि चुनाव के बाद सबूतों के अभाव में मामला बंद कर दिया गया. अधिकारी ने कहा, ‘हमने शिकायतकर्ता को बुलाया और सबूत के संबंध में उससे पूछताछ की. उसने बताया कि उस पर मामला दर्ज करने के लिए राजनीतिक दबाव था.’

पिछले महीने नाइक पर उनकी ही पार्टी के एक सहयोगी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. वास्को से भाजपा विधायक और खुले तौर पर नाइक के विरोधी माने जाने वाले कार्लोस अल्मेडा ने नाइक के नेतृत्व वाले गोवा राज्य शहरी विकास प्राधिकरण की तरफ से मोरमुगाओ नगरपालिका परिषद की हेरिटेज बिल्डिंग को मरम्मत में अनियमितताओं का आरोप लगाया था. नाइक ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और अल्मेडा को अपने आरोप साबित करने के लिए साक्ष्य देने चाहिए.

2014 में मिलिंद नाइक और पांच अन्य भाजपा विधायक एक विवाद में घिर गए थे, जब गोवा सरकार ने उस सभी के तथाकथित अध्ययन दौरे के सिलसिले में ब्राजील में फुटबॉल विश्व कप में हिस्सा लेने जाने के लिए 89 लाख रुपये की मंजूरी दी. राज्य सरकार ने अंततः इस फैसले को रद्द कर दिया और विधायकों को अपना बिल खुद ही भरना पड़ा.

उसी वर्ष गोवा कांग्रेस ने नाइक पर अपने निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया. राज्य का सूचना और प्रचार विभाग, जो उस समय उनके अधीन था, ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी जिसमें भाजपा ने नाइक के निर्वाचन क्षेत्र मोरमुगाओ में उनके नेतृत्व वाले एक ट्रस्ट के सहयोग से नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया था. नाइक ने आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि पार्टी का ‘कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है.’

नाइक की घटती लोकप्रियता

नाइक मोरमुगाओ से तीन बार विधायक रहे हैं और दो बार कैबिनेट मंत्री. पहली बार 2012 में जब भाजपा ने गोवा में सरकार बनाई, और दूसरी बार 2018 में, जब पार्टी ने उन्हें एक और बीमार मंत्री की जगह नियुक्त किया.

भाजपा और कांग्रेस दोनों के स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं दिप्रिंट को बताया कि नाइक का भंडारी समुदाय के बीच व्यापक जनाधार है, जो गोवा में अच्छा-खासा वर्चस्व रखने वाली एक ओबीसी जाति है. लेकिन सत्ता विरोधी लहर और अनियमितताओं और कदाचार के तमात आरोपों के कारण नाइक की अपने निर्वाचन क्षेत्र पर पकड़ लगातार घटती जा रही है.

2007 में नाइक की पहली जीत के समय, जब उन्होंने कांग्रेस के जियोवानी वाज को हराया, उन्हें 2,406 वोटों से जीत हासिल हुई थी. 2012 और 2017 में यह अंतर घटकर क्रमश: 913 और 140 वोटों तक हो गया, जब नाइक ने मोरमुगाओ निर्वाचन क्षेत्र में अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी संकल्प अमोनकर को हराया.

यौन शोषण मामले में आए उतार-चढ़ाव

कांग्रेस ने पहले पिछले माह आरोप लगाया था कि सावंत कैबिनेट के एक मंत्री की तरफ से एक महिला का यौन शोषण किया जा रहा है, लेकिन पार्टी की तरफ से खुले तौर पर नाइक का नाम बुधवार को ही लिया गया, जिसके कुछ ही घंटों बाद उनका इस्तीफा हो गया.

महिला की तरफ से 10 दिसंबर को पुलिस से संपर्क करने और कांग्रेस नेता संकल्प अमोनकर और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं पर जबरन वसूली और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के एक हफ्ते से भी कम समय बाद यह मामला सामने आया है. अमोनकर ने बाद में मीडिया को बताया कि पीड़िता ‘मुकर’ गई है और उसे उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया गया था.

अमोनकर ने बुधवार को पणजी के महिला थाने में नाइक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने इस कथित सबूत के तौर पर अपने पास मौजूद कुछ फोटो और वीडियो भी जमा कराए कि नाइक महिला का यौन शोषण कर रहे थे.

पिछले महीने के आखिर में गोवा कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने दावा किया था कि उनके पास एक महिला के साथ भाजपा के एक मंत्री की तस्वीरें, वीडियो और व्हाट्सएप चैट की आपत्तिजनक तस्वीरें हैं. उन्होंने एक ऑडियो क्लिप का भी जिक्र किया जिसमें मंत्री को कथित तौर पर महिला से अपमानजनक तरीके से बात करते और गर्भपात के लिए कहते सुना जा सकता है.

चोडनकर ने यह आरोप भी लगाया कि सीएम सावंत इस सबूत से वाकिफ हैं और इस मंत्री को बचा रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को यह अल्टीमेटम भी दिया था: 15 दिनों के भीतर मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करें नहीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 19 दिसंबर को राज्य के दौरे से पहले सार्वजनिक डोमेन में सभी ‘सबूत’ जारी कर दिए जाएंगे.

कांग्रेस के आरोप पर भाजपा की पहली औपचारिक प्रतिक्रिया यही थी कि यदि वास्तव में कार्रवाई चाहते हैं तो उन्हें मंत्री का नाम बताना चाहिए. मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब महिला ने बिहार में अमोनकर और दक्षिण गोवा कांग्रेस के अन्य नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने भाजपा के एक मंत्री को ‘हनी ट्रैप’ करने के लिए उसे 10 लाख रुपये का भुगतान किया और फिर उसकी ऑडियो और वीडियो क्लिप बना ली. अमोनकर का दावा है कि महिला ने यह शिकायत ‘राजनीतिक दबाव’ में दर्ज कराई थी.

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार देर रात संवाददाताओं से कहा कि नाइक ने स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए अपनी मर्जी से इस्तीफा दे दिया है.

नाइक के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया पेजों पर इस बात पर उल्लेख किया कि कैसे ‘कांग्रेस के दबाव’ में मंत्री को बाहर का रास्ता दिखाया गया.

अमोनकर ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि नाइक अब भी उनके निशाने पर हैं. उन्होंने कहा, ‘मिलिंद नाइक के खिलाफ कई मामले हैं और ज्यादातर मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. मैं नाइक के खिलाफ दो अन्य मामलों की जांच कर रहा हूं. एक लौह अयस्क की तस्करी से जुड़ा है और दूसरा सरकारी जमीन पर आंशिक रूप से अतिक्रमण करके अवैध रूप से बनाए जा रहे उनके घर से संबंधित है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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