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पीएम मोदी और ट्रंप की बातचीत, भारत को जी-7 बैठक के लिए दिया न्यौता

बातचीत में राष्ट्रपति ट्रम्प ने जी-7 भारत सहित अन्य महत्वपूर्ण देशों को शामिल करने के लिए इसके दायरे का विस्तार की अपनी इच्छा व्यक्त की.

द्विपक्षीय वार्ती के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रतीकात्मक तस्वीर /फाइल फोटो-एएनआई

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मंगलवार को फोन पर बातचीत की, इस दौरान दोनों नेताओं ने जी-7 में बैठक में भारत को आमंत्रित करने, कोविड-19 महामारी सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

 

मोदी ने ट्वीट किया, ‘मेरे मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ गर्माहट भरी सार्थक चर्चा हुई. हमने जी-7 की अमेरिकी अध्यक्षता के लिये उनकी योजना, कोविड-19 महामारी और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-अमेरिका चर्चाओं की समृद्धता और गहराई कोविड के बाद की वैश्विक संरचना में एक महत्वपूर्ण स्तंभ होगी.

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बातचीत में राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिका की अध्यक्षता में होने वाले जी-7 की बैठक को लेकर पीएम मोदी से बात की, और भारत सहित अन्य महत्वपूर्ण देशों को शामिल करने के लिए इसके दायरे का विस्तार की अपनी इच्छा व्यक्त की. इस संदर्भ में, उन्होंने यूएसए में आयोजित होने वाले अगले जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधान मंत्री मोदी को निमंत्रण दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान रचनात्मक और दूरदर्शी दृष्टिकोण के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प की सराहना की, इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि इस तरह का एक विस्तारित मंच कोविड के बाद की दुनिया की उभरती वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित शिखर सम्मेलन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए भारत, अमेरिका और अन्य देशों के साथ काम करके खुश होगा.

वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में अभी चल रहे नागरिक तनाव को लेकर चिंता व्यक्त की, और स्थिति के शीघ्र ठीक के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं.

दोनों नेताओं ने अन्य सामयिक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जैसे कि दोनों देशों में कोविड​​-19 की स्थिति, भारत-चीन सीमा की स्थिति और विश्व स्वास्थ्य संगठन में सुधार की आवश्यकता पर.

राष्ट्रपति ट्रम्प ने मोदी के साथ बातचीत में इस साल फरवरी में अपनी भारत यात्रा को गर्मजोशी से याद किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह यात्रा कई तरह से यादगार और ऐतिहासिक रही है, और इसने द्विपक्षीय संबंधों में नई गतिशीलता भी जोड़ी है.

बातचीत में असाधारण गर्मजोशी और स्पष्टता ने भारत-अमेरिका संबंधों की विशेष प्रकृति और साथ ही दोनों नेताओं के बीच मित्रता और पारस्परिक सम्मान को दिखाता है.

जी-7 सम्मेलन में भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया को आमंत्रित करने की ट्रम्प की योजना से चीन नाराज

वहीं इससे पहले समूह-7 (जी-7) शिखर सम्मेलन के लिए भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को आमंत्रित करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना पर चीन ने मंगलवार को नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जतायी और कहा कि बीजिंग के खिलाफ किसी गुटबंदी का प्रयास नाकाम साबित होगा.

समूह-7 दुनिया की शीर्ष सात विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा शामिल हैं. जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए इन देशों के प्रमुखों की हर साल बैठक होती है.

ट्रंप ने जी-7 की बैठक सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है. उन्होंने इच्छा व्यक्त की है कि इस ‘पुराने पड़ गए संगठन’ का विस्तार किया जाए तथा इसमें भारत और तीन अन्य देशों को शामिल किया जाए तथा इसे जी-10 या जी-11 बनाया जाए.

भारत और तीन अन्य देशों को जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने की ट्रंप की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘चीन का मानना ​​है कि सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों को विभिन्न देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने वाला होना चाहिए, जिससे बहुपक्षीयता कायम रह सके और विश्व शांति तथा विकास को बढ़ावा मिल सके.’

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह दुनिया भर के देशों की भारी बहुमत की भूमिका है. उन्होंने कहा कि चीन के खिलाफ कोई भी गुटबंदी का प्रयास विफल होगा.

ट्रंप द्वारा भारत और तीन अन्य देशों को आमंत्रित किए जाने से चीन में बेचैनी की भावना है.

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