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मास्क अप: COVID-19 केस की बढ़ी संख्या, देश में 2,997 तो केरल में पिछले 24 घंटों में 265 नए मामले दर्ज

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 594 ताजा COVID​​-19 संक्रमण दर्ज किए गए, जिसके साथ ही सक्रिय मामलों की संख्या पिछले दिन 2,311 से बढ़कर 2,669 हो गई.

कोरोनावायरस/पिक्साबे
कोरोनावायरस/पिक्साबे

नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केरल ने पिछले 24 घंटों में 265 ताजा COVID-19 संक्रमण और एक मौत की सूचना दी.

देश में कोविड-19 के कुल सक्रिय मामलों की संख्या 2,997 दर्ज की गई.

इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 594 ताजा COVID​​-19 संक्रमण दर्ज किए गए, जिसके साथ ही सक्रिय मामलों की संख्या पिछले दिन 2,311 से बढ़कर 2,669 हो गई.

इस बीच, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के उभरने पर बढ़ती चिंताओं के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

हालांकि, उन्होंने लोगों से उचित एहतियाती कदम उठाकर सतर्क रहने का आग्रह किया.

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भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, “हमें सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे पास यह सुझाव देने के लिए कोई डेटा नहीं है कि यह वैरिएंट JN.1 अधिक गंभीर है या यह अधिक निमोनिया, अधिक मृत्यु का कारण बनने वाला है.”

डॉक्टर ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें जो करने की ज़रूरत है वह सामान्य निवारक उपाय करने की कोशिश करना है जिससे हम सभी अब परिचित हैं. हम ओमीक्रॉन से परिचित थे और यह उसी का एक वेरिएंट है इसलिए बहुत कुछ नहीं बदला है, लेकिन 1 या 2 नए म्यूटेशन सामने आए हैं. मुझे लगता है कि WHO ने कहा है कि इस पर नजर रखें.”

उन्होंने संक्रमण से बचने के लिए सावधानियां बरतने की सलाह देते हुए कहा, “बिना मास्क के भाड़ वाली जगह में न जाए.

स्वामीनाथन ने कहा, “अगर आपमें गंभीर थकान, लंबे समय तक बुखार या सांस फूलने जैसे कुछ चेतावनी लक्षण और संकेत हैं, तो अस्पताल जाएं.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में जेएन.1 को वेरिएंट के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है, जो इसके मूल वंश बीए.2.86 से अलग है. हालांकि, वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान साक्ष्यों के आधार पर JN.1 द्वारा उत्पन्न समग्र जोखिम कम है.


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