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बैंकिंग सेक्टर को सुधारने के लिए सरकार का बड़ा ऐलान, तीन बड़े बैंकों का होगा विलय

इनका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ रुपये होगा. इसके बाद अब देश में महज 12 सरकारी बैंक ही रह जाएंगे.

निर्मला सीतारमण| तस्वीर- एएनआई

नई दिल्ली : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर एक और बड़ा फैसला किया है. सरकार ने अब बैंकों के विलय का प्लान तैयार किया है. इनमें पब्लिक सेक्टर के कई बैंकों का आपस में विलय होगा. इसके बाद अब देश में महज 12 सरकारी बैंक ही रह जाएंगे. वित्तमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय किया जाएगा, जिससे देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक तैयार होगा, जिनका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ रुपये होगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक के विलय से चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनाएंगे जिसका कारोबार 15.20 लाख करोड़ होगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा, जिसका कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा.

इन सुधारों की घोषणा के साथ वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार भारत को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है. सरकार इसका रोडमैप तैयार कर चुकी है. उन्होंने कहा, ‘सरकार ने एनबीएफसी को समर्थन के कई उपाय किए हैं. वह बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करना चाहती है. कर्ज बांटने में सुधार प्राथमिकता के तौर पर होगा. बैंकों के ग्रॉस एनपीए में कमी आई है. नीरव मोदी जैसे हालात बनाने से बचेंगे.’

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वित्तमंत्री ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए काम किया जा रहा है. बैंकों ने लोगों के हित में फैसले लिए हैं. पिछली घोषणाओं के बाद 4 एनबीएफसी ने अपने समस्याओं का समाधान बैंकों के जरिए किया है. 8 पीएसयू बैंकों ने रेपो लिंक लोन लांच किए हैं. अर्थव्यवस्था के लिए बैंकों की अहम भूमिका होगी. आधुनिक तकनीक के प्रयोग से बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर सकें.

केंद्रीय मंत्री ने कहा प्रक्रियाओं में मूलभूत परिवर्तन के परिणाम अब दिखने लगे हैं. लोन रिकवरी का रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है, 1.21 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी की गई है. सकल एनपीए 7.90 लाख करोड़ रुपये तक कम हो गया है.

वित्तमंत्री ने कहा कि बड़े बैंक अब अपना लक्ष्य ग्लोबल मार्केट पर रखेंगे, मंझले बैंक राष्ट्रीय स्तर के बनेंगे और कुछ बैंक स्थानीय नेतृत्व करेंगे. 3 लाख फर्जी कंपनियां बंद की गईं है. 8 पीएसयू बैंकों ने रेपो रेट को ब्याज दर से जोड़ा है.
सीतारमण ने कहा कि बैंकिग सेक्टर को मजबूत बनाने पर हमारा जोर है. 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन की मॉनिटरिंग के लिए स्पेशलाइज्ड एजेंसियां बनाई गई हैं.18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 प्रॉफिट में हैं.

उन्होंने कहा कि यह बैंकिंग के रिफार्म के लिए किया जा रहा है. बैंक सेक्टर को मजबूत करने की जरूरत है. बैंकों में कोई दखल नहीं देनी है. लोन की निगरानी की जाएगी.

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