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कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन से देश की वायु गुणवत्ता में हुआ काफी सुधार: सीपीसीबी

सीपीसीबी ने जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन का वायु प्रदूषण पर असर को लेकर रिपोर्ट जारी की है.

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एक पैदल यात्री वायु प्रदूषण से बचने के लिए अपने चेहरे को रूमाल से ढंके हुए, फाइल फोटो.

नई दिल्ली: कोरोनावायरस से लड़ने के लिए देश भर में लगे जनता कर्फ्यू और उसके बाद 21 दिनों के बंद से प्रदूषण में काफी कमी आई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक 29 मार्च को 91 शहरों में वायु गणुवत्ता ‘अच्छी’ और ‘संतोषजनक’ श्रेणी में रही.

इसने बताया कि यात्रा प्रतिबंध और उद्योगों के बंद होने के कारण प्रदूषण के स्तर में कमी आई है.

सीपीसीबी ने कहा, ‘वायु प्रदूषण में योगदान करने वाले बड़े सेक्टर हैं यातायात, उद्योग, बिजली संयंत्र, निर्माण गतिविधियां, बायोमास प्रज्वलन, आवासीय गतिविधियां आदि. इसके अलावा डीजी सेट चलाना, रेस्तरां, कचरे के ढेर में लगी आग भी वायु प्रदूषण में योगदान करते हैं.’

इसने कहा, ‘कड़े यात्रा प्रतिबंधों और गैर आवश्यक गतिविधियों को बंद करने से देश भर के कई शहरों और महानगरों में वायु गुणवत्ता में सुधार आया है.’

रिपोर्ट के मुताबिक 21 मार्च को (जनता कर्फ्यू से एक दिन पहले) 54 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘अच्छी’ और ‘संतोषजनक’ दर्ज की गई थी जबकि 29 मार्च को 91 शहरों में न्यूनतम प्रदूषण मापा गया.

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सीपीसीबी ने जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन का वायु प्रदूषण पर असर को लेकर रिपोर्ट जारी की है.

शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छा माना जाता है, 51-100 के बीच संतोषजनक, 101-200 के बीच मध्यम, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच काफी खराब और 401-500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है. एक्यूआई जितना कम हो वायु गुणवत्ता उतनी ही अच्छी मानी जाती है.

पूरे वर्ष भर दिल्ली में वायु प्रदषण का स्तर उच्च होता है वहां भी काफी सुधार देखा गया है.

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