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अनिल अंबानी, तेंदुलकर जैसे भारतीयों ने लगाया हुआ है विदेशी कंपनियों में पैसा, ‘पेंडोरा पेपर्स’ में खुलासा

ये जांच तक़रीबन 1.2 करोड़ डॉक्युमेंट्स पर आधारित है, जिन्हें इंटरनेशनल कंसॉर्शियम एंड इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने हासिल किया है. लिस्ट में कई मशहूर भारतीय हस्तियों, और विश्व नेताओं के नाम दिए गए हैं.

बाएं से अनिल अंबानी और सचिन तेंदुलकर | फाइल तस्वीरें.

नई दिल्ली: एक वैश्विक जांच से सामने आया है कि कैसे दुनिया के सबसे अमीर और ताक़तवर लोगों ने, जिनमें कई मशहूर भारतीय भी शामिल हैं, कर अधिकारियों से अपनी आमदनी छिपाने के लिए, कथित रूप से विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल किया है.

ये जांच जिसे ‘पेंडोरा पेपर्स’ कहा गया है, तक़रीबन 1.2 करोड़ डॉक्युमेंट्स पर आधारित है, जिन्हें इंटरनेशनल कंसॉर्शियम एंड इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने हासिल किया है. भारत में इसे इंडियन एक्सप्रेस ने छापा था.

आईसीआईजे की वेबसाइट के अनुसार, विश्व नेताओं और अरबपतियों के विदेशी ठिकानों और छिपी हुई दौलत की जांच, 14 विदेशी सेवा प्रदाताओं के गोपनीय रिकॉर्ड्स पर आधारित है, जो ब्रिटिश वर्जिन आईलैण्ड्स, पनामा, बेलिज़, साइप्रस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और सिविटज़रलैण्ड में स्थित हैं, और जिन्होंने कम या ज़ीरो-टैक्स वाले क्षेत्रों में, शेल कंपनियां, ट्रस्ट, फाउण्डेशन और दूसरी संस्थाएं बनाने में, इन धनी व्यक्तियों की सहायता की’.


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अनिल अंबानी, सचिन तेंदुलकर, नीरव मोदी की बहन के नाम

लीक हुए दस्तावेज़ों में रिलायंस ग्रुप अध्यक्ष अनिल अंबानी, दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, भगोड़े हीरा व्यवसायी नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी और बायोकॉन अध्यक्ष किरन मजूमदार-शॉ के पति वग़ैरह के नाम शामिल हैं.

दि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बहुत से व्यक्ति और व्यवसाय जो पहले ही जांच के घेरे में हैं, पता लगने से बचने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. वो अपने देश के क़ानूनों की कमियों तथा कर-मुक्त देशों के ढीले अधिकार क्षेत्रों का फायदा उठा रहे हैं.

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रिपोर्ट में रोशनी डाली गई है कि किस तरह सूची में शामिल 300 से अधिक भारतीयों में, दिवालिए अनिल अंबानी और उनके प्रतिनिधियों के पास जर्सी, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स (बीवीआई) और साइप्रस में 18 एसेट होल्डिंग विदेशी कंपनियां हैं, जिनका कुल मूल्य 1.3 अरब डॉलर है.

अख़बार के ख़ुलासे के बाद, अंबानी के वकील ने कहा, ‘हमारे मुवक्किल भारत के एक कर निवासी हैं, और क़ानून के अनुपालन में भारतीय अधिकारियों को जो भी ख़ुलासे करने होते ज़रूरी हैं, वो उन्होंने किए हैं. लंदन कोर्ट के समक्ष ख़ुलासा करते हुए, सभी ज़रूरी बातों का ध्यान रखा गया था’.

लिस्ट में भगोड़े हीरा जौहरी नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी का नाम भी शामिल है. दस्तावेज़ों के अनुसार, पूर्वी ने ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में एक ट्रस्ट स्थापित किया, जिनका मक़सद सिंगापुर की ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी के ज़रिए गठित किए गए एक ट्रस्ट के, कॉर्पोरेट रक्षक के तौर पर काम करना था.

ट्रस्ट स्थापित होने के एक महीने बाद ही, जनवरी 2018 में नीरव मोदी भारत छोड़कर निकल गये.

इस ख़ुलासे पर प्रतिक्रिया के लिए, दि इंडियन एक्सप्रेस के अनुरोध के जवाब में पूर्वी मोदी के वकील मानवेंद्र मिश्रा ने कहा, ‘हम सुश्री पूर्वी मोदी के लिए भारत में वकीलों का काम कर रहे हैं. हम नीचे आपके ई-मेल में लिखे सभी आरोपों का खंडन करते हैं. इस समय हम कोई प्रतिक्रिया देने या टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हैं, चूंकि ये मामला विशेष पीएमएलए कोर्ट में विचाराधीन है’.

लीक हुए दस्तावेज़ों में सचिन तेंदुलकर के साथ, उनकी पत्नी अंजलि तेंदुलकर और ससुर आनंद मेहता को भी, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में स्थित एक कंपनी, सास इंटरनेशनल लिमिटेड के हिताधिकारी स्वामी और डायरेक्टर्स के तौर पर नामित किया गया है. पनामा पेपर्स के सामने आने के 3 महीने बाद, कथित रूप से इस कंपनी को बेच दिया गया.

दि इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सचिन तेंदुलकर फाउण्डेशन के सीईओ और डायरेक्टर मृणमॉय मुखर्जी ने कहा: ‘श्री तेंदुल्कर के जिस निवेश का हवाला दिया गया है, वो उनके कर अदा किए गए फंड्स से, लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत किया गया था, जिसे उनके टैक्स रिटर्न्स में पूरा हिसाब देकर घोषित कर दिया गया था.’

एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि जॉन मैकलम मार्शल शॉ ने, जो एक ब्रिटिश नागरिक तथा बायोकॉन संस्थापक किरन मजूमदार शॉ के पति हैं, कुनाल अशोक कश्यप के साथ मिलकर दि डीनस्टोन ट्रस्ट स्थापित किया था. कश्यप पर सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप में पाबंदी लगाई हुई है.

कश्यप के साथ इस संबंध के बारे में पूछे जाने पर, किरन मजूमदार-शॉ ने दि इंडियन एक्सप्रेस से कहा: ‘श्री कुनाल कश्यप एक फाइनेंशियल एडवाइज़री सर्विस चलाते हैं, जिसका बायोकॉन और ग्लेनटेक दोनों ने इस्तेमाल किया है. बायोकॉन के अलावा श्री कश्यप कई दूसरी कंपनियों को भी सलाह देते हैं. मैं समझती हूं कि मिस्टर कश्यप का सेबी केस फिलहाल सैट में लंबित है, इसलिए इस मामले में आगे कोई टिप्पणी करना, मेरे लिए उचित नहीं होगा’.


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विश्व के नेता

विश्व स्तर पर जिन प्रमुख नेताओं ने अपने धन को जमा करने के लिए, कम कर वाले देशों का इस्तेमाल किया, उनमें यूके के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, पाकिस्तान के पीएम इमरान ख़ान की कैबिनेट के मंत्री और जॉर्डन किंग वग़ैरह शामिल हैं.

पुतिन के छवि-निर्माता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के छवि-निर्माता कॉन्सटेंटीन अर्न्स्ट, जो एक टेलीवीज़न एक्ज़िक्यूटिव तथा ऑस्कर नामांकित प्रोड्यूसर भी हैं, कथित रूप से ‘मॉस्को शहर में दर्जनों मूवी थिएटर्स और अन्य संपत्ति ख़रीदने के लिए एक सरकारी वित्त-पोषित निजीकरण कॉन्ट्रेक्ट में विदेशी कंपनियों की परतों के पीछे छिपकर निष्क्रिय साझेदार बन गए हैं’.

दस्तावेज़ों के अनुसार, इन प्रॉपर्टी होल्डिंग्स में अर्न्स्ट के निजी हितों का मूल्य 14 करोड़ डॉलर से अधिक है.

इमरान ख़ान के कैबिनेट के मंत्री

दस्तावेज़ों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के मौजूदा और पूर्व कैबिनेट मंत्रियों की विदेशी संपत्तियों का भी ख़ुलासा किया गया है, जिनमें उनके वित्त मंत्री भी शामिल हैं.

दस्तावेज़ों से ये भी पता चलता है कि पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्री चौधरी मूनिस इलाही ने, 2016 में सिंगापुर स्थित विदेशों में सेवाएं देने वाली एक कंपनी से, एक ट्रस्ट बनाने के लिए कहा जिसमें एक पारिवारिक ज़मीन सौदे के मुनाफे का निवेश किया जा सके, जो ऋणदाता के अनुसार एक अवैध ऋण था. रिपोर्ट के मुताबिक़ बैंक ने कहा कि ये क़र्ज़, इलाही के पिता के रसूख़ के चलते मंज़ूर किया गया, जो एक पूर्व उप-प्रधानमंत्री थे.

चेक PM ने फ्रांस में भव्य संपत्ति ख़रीदी

लीक हुए रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि 2009 में, चेक प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस ने, जो अपने देश के सबसे धनी व्यक्तियों में से थे, एक शेल कंपनी में 2.2 करोड़ डॉलर की राशि डाली, जिससे फ्रांस में कान्स के निकट पहाड़ी पर बसे एक गांव मॉजिन्स में, एक विशाल संपत्ति ख़रीदी जानी थी जो शातो बीगो के नाम से जानी जाती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि बाबिस ने अपनी संपत्ति की घोषणा में, शेल कंपनियों और शातो का ख़ुलासा नहीं किया है, जो एक सार्वजनिक पदाधिकारी होने के नाते, उन्हें करना चाहिए था.

टोनी ब्लेयर की संपत्ति

यूके के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर 2017 में, 60.45 लाख पाउंड्स मूल्य का लंदन टाउनहाउस ख़रीदते समय, 312,000 पाउंड्स की स्टांप ड्यूटी अदा करने से किनारा कर गए. इस संपत्ति में उनकी पत्नी शेरी के कारोबार का ऑफिस था और उन्होंने उस विदेशी फर्म को ख़रीद लिया, जो उसकी मालिक थी.

जॉर्डन के किंग

जॉर्डन के राजा किंग अब्दुल्लाह II ने मालिबू में बीच पर बने तीन महल ख़रीदे, जिन्हें तीन विदेशी कंपनियों के ज़रिए 6.8 करोड़ डॉलर में उन सालों में ख़रीदा गया, जब अरब स्प्रिंग के दौरान बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ, भारी संख्या में जॉर्डन वासी सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

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(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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