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लोकसभा चुनाव: जानें किस आधार पर सपा और बसपा में हुआ सीटों का बंटवारा

यूपी में कुल 17 रिजर्व सीटें हैं. सपा-बसपा के बीच हुए इस बंटवारे में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर बसपा ज्यादा मजबूत है.

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती, फाइल फोटो.
लखनऊ : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे का ऐलान हो गया है. बहुजन समाज पार्टी 38 पर व समाजवादी पार्टी 37 सीट पर चुनाव लड़ेगी. वहीं 3 सीटें आरएलडी व दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी गई हैं. सीट बंटवारे को लेकर पिछले कुछ चुनाव के परफाॅर्मेंस व पार्टी के प्रभाव का पूरा ध्यान रखा गया है.
समाजवादी पार्टी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादातर सीटें दी गई हैं. बहुजन समाज पार्टी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में ज्यादातर सीटें मिली हैं. आरएलडी को पश्चिम उत्तर प्रदेश में ही 3 सीटें दी गई हैं.

बहुजन समाज पार्टी की सीटें

सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, फतेहपुर सिकरी, आंवला, शाहजहांपुर, धौरहरा, सीतापुर, मोहनलालगंज, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, अकबरपुर, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, आंबेडकर नगर, कैसरगंज, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, देवरिया, बांसगांव, लालगंज, घोसी, सलेमपुर, जौनपुर, मछलीशहर, गाजीपुर, भदोही.

समाजवादी पार्टी की सीटें

लिस्ट के मुताबिक पश्चिम, अवध, बुंदेलखंड और पूर्वांचल में सपा को सीटें हासिल हुई हैं. कैराना, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, गाजियाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, खीरी, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, इटावा, कन्नौज, कानपुर, झांसी, बांदा, कौशाम्बी, फूलपुर, इलाहाबाद, बाराबंकी, फ़ैजाबाद, बहराइच, गोंडा, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, आजमगढ़, बलिया, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और राबर्टसगंज सीट से सपा चुनाव लड़ेगी.
राष्ट्रीय लोकदल तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिनमें बागपत, मुज्जफरनगर और मथुरा शामिल हैं. पिछले दिनों लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि 37 सीटों पर सपा और 38 सीटों पर बसपा लड़ेगी.

रिजर्व सीटें ज्यादा बसपा के खाते में

यूपी में कुल 17 रिजर्व सीटें हैं. सपा-बसपा के बीच हुए इस बंटवारे में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर बसपा ज्यादा मजबूत है. इसी कारण इनमें से बीएसपी के हिस्से में 10 तो एसपी के हिस्से में सात सीटें आईं हैं. इसके अलावा 2014 में जिन पांच लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी, वे भी एसपी के ही हिस्से में ही आई हैं.

वीआईपी सीटों पर सपा करेगी मुकाबला

रायबरेली-अमेठी को कांग्रेस के लिए छोड़ा गया है. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से उनको चुनौती देने के लिए एसपी कैंडिडेट उतारेगी. वहीं, योगी आदित्यनाथ का गढ़ गोरखपुर, उद्योग नगरी कानपुर, इलाहाबाद, फैजाबाद और लखनऊ जैसी चर्चित सीटों पर भी एसपी चुनाव लड़ेगी. सहारनपुर की सीट बीएसपी के हिस्से में आई है. आगरा, फतेहपुर सीकरी, मेरठ, गाजीपुर, बुलंदशहर और सुलतानपुर से बीएसपी कैंडिडेट मैदान में उतारेगी. अधिकतर शहरी सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में गई हैं, जबकि ग्रामीणों इलाकों की ज्यादातर सीटें बसपा के खाते में हैं.

ये था 2014 का प्रदर्शन

2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम को देखें तो यूपी की 80 में से 34 सीटें ऐसी थीं जहां बसपा उम्मीदवार दूसरे नंबर पर थी. ये सीटें: मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सिकरी, शाहजहांपुर, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, मोहनलालगंज, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अकबरपुर, जालौन, बांदा, फतेहपुर, आंबेडकरनगर, डुमरियागंज, संतकबीर नगर, महाराजगंज, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, जौनपुर, मछलीशहर, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, रोबर्ट्सगंज की थीं.
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने 2014 में पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी और 31 सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी.  सपा ने 2014 के चुनाव के दौरान फिरोजाबाद, मैनपुरी, बदायूं, कन्नौज व आजमगढ़ की सीटों पर चुनाव जीता था.
वहीं  बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, गौतमबुद्धनगर, एटा, आंवला, बरेली, पीलीभीत, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, झांसी, हमीरपुर, कौशाम्बी, फूलपुर, इलाहाबाद, फैजाबाद, बहराइच, कैसरगंज, श्रावस्ती, गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, लालगंज, बलिया, गाज़ीपुर, वाराणसी, कुशीनगर, बाराबंकी और कानपुर में मजबूती से चुनाव लड़ा था.

अखिलेश- माया कहां से लड़ेंगे?

अभी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन चर्चाएं अखिलेश और मायावती की सीट को लेकर है. सूत्रों की मानें तो अखिलेश कन्नौज तो मायावती नगीना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. वहीं जयंत चौधरी मथुरा से चुनाव लड़ सकते हैं. इनके अलावा बीजेपी से टिकट कटने या न मिलने की उम्मीद में कुछ उम्मीदवार सपा-बसपा से टिकट पाने की कोशिश में भी हैं.

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