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ईपीएफओ बोर्ड ने प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज को 8.65 फीसदी किया

उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिया था कि इस वित्तीय वर्ष के लिए जमा ईपीएफ पर ब्याज आम चुनावों के मद्देनजर 8.55 प्रतिशत से अधिक हो सकता है

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ईपीएफओ

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) बोर्ड ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 फीसदी ब्याज दर की सिफारिश की है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 10 आधार अंक अधिक है.

वित्त वर्ष 2017-18 में ब्याज दर 8.55 फीसदी थी. वर्ष 2015-16 के बाद पहली बार ब्याज दरों में वृद्धि की गई है.

ईपीएफओ के सभी सदस्यों ने बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए ग्राहकों को अधिक ब्याज देने पर सहमति व्यक्त की. केंद्रीय श्रम मंत्री सुशील गंगवार ने सीबीटी की बैठक के बाद कहा प्रस्ताव अब मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास जाएगा.

इससे पहले उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिया था कि इस वित्तीय वर्ष के लिए जमा ईपीएफ पर ब्याज आम चुनावों के मद्देनजर 8.55 प्रतिशत से अधिक हो सकता है

श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाली सीबीटी ईपीएफओ ​​का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है जो वित्तीय वर्ष के लिए जमा पीएफ पर ब्याज दर को अंतिम रूप देता है.

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सीबीटी द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय की सहमति की आवश्यकता होती है. ब्याज दर को वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ग्राहकों के खाते में जमा किया जाता है.

ईपीएफओ ने 2017-18 के लिए अपने ग्राहक को 8.55 प्रतिशत की पांच साल की कम ब्याज दर पर प्रदान किया था. निकाय ने 2016-17 में ब्याज दर 8.65 प्रतिशत और 2015-16 में 8.8 प्रतिशत रखी थी. इसने 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 के लिए 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था. 2012-13 में ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी.

(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

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