नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने केंद्रीय बजट 2023-24 पर असंतोष जताते हुए कहा है कि इसमें बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट 2023-24 पेश किया।
एटक ने बयान में कहा, ‘‘बेरोजगारी, स्वास्थ्य, शिक्षा, महंगाई आदि के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किए बिना बजट बेहद खोखला है। सिवाय इसके कि मतदाताओं को लुभाने के इरादे से कुछ झुनझुना थमाया गया है। इसका उद्देश्य जन केंद्रित आर्थिक विकास और मानव विकास की ओर बढ़ना नहीं है।’’ बजट भाषण झूठ और बाजीगरी से भरा हुआ था।’’
यूनियन ने कहा कि लोगों से संबंधित किसी भी वास्तविक मुद्दे का समाधान नहीं किया गया है।
एटक ने कहा कि ट्रेड यूनियन, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और कृषि श्रमिकों सहित असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी तय किये जाने की मांग कर रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि शिक्षा पर खर्च अपर्याप्त है। भारत में औसत स्कूली शिक्षा की दर में भारी गिरावट आई है। बजट उच्च शिक्षा पर खर्च की बात करता है। इसने विदेशी विश्वविद्यालयों को लाने का खाका पहले ही बना लिया है।
एटक ने कहा, ‘‘सरकार ने अमीरों और कॉरपोरेट्स पर कर लगाकर कर आय बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया है… यह भूख, गरीबी और बेरोजगारी के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित नहीं करता है।’’
भाषा राजेश राजेश अजय
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