श्रीलंका जैसे वित्तीय संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को आईएमएफ बेलआउट की जरूरत है. हालांकि, इस नए बजट से आईएमएफ खुश नहीं है. उसका मानना है कि इसमें सब्सिडी में कटौती करने और प्रत्यक्ष करों को बढ़ाने का पर्याप्त प्रावधान नहीं है. चुनावी हार के डर सरकार ने कड़े फैसले नहीं लिए लेकिन जैसे जैसे शेयर बाजारों में और रुपये की कीमतों में गिरावट आ रही है वैसे-वैसे वक्त हाथ से निकलता जा रहा है.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए समय समाप्त हो रहा है, लेकिन इसके नए बजट से IMF खुश नहीं
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