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मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों पर WHO कर सकती है इमरजेंसी मीटिंग

यह बीमारी लोगों में आसानी से नहीं फैलती लेकिन बॉडी फ्ल्यूड, मंकीपॉक्स के घावों या उन फ्ल्यूड्स लगे कपड़ों या सांस लेने पर बाहर आने वाले ड्रॉपलेट्स के जरिए फैल सकता है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रियासस

वॉशिंगटनः रूसी मीडिया के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने तेजी से मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेषज्ञों की एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाने का फैसला किया है.

यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, बेल्जियम, इटली, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सहित पूरी दुनिया में मई की शुरुआत से ही कई देशों में वायरस फैल रहा है. यूके हेल्थ सिक्युरिटी एजेंसी के मुताबिक 7 मई को यूके में मंकीपॉक्स एक मरीज में देखा गया जो कि नाइजीरिया से यात्रा करके आया था.

इसी तरह से 18 मई को यूएसए के मैसाचुसेट्टस में कनाडा से आए एक यात्री में मंकीपॉक्स का एक मामला सामने आया. रिलीज के मुताबिक इनसे लोगों को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया गया है.

बयान में कहा गया, ‘मंकीपॉक्स दुर्लभ और काफी गंभीर बीमारी है जिसमें फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और लिंफनोड में सूजन के साथ चेहरे और शरीर पर चकत्ते हो जाते हैं. मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में यह आमतौर पर पाया जाता है. चूहों के काटने या नोचने से अथवा इस बीमारी से ग्रस्त पशुओं का दूध या मिल्क प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से यह बीमारी होती है.’

यह बीमारी लोगों में आसानी से नहीं फैलती लेकिन बॉडी फ्ल्यूड, मंकीपॉक्स के घावों या उन फ्ल्यूड्स लगे कपड़ों या सांस लेने पर बाहर आने वाले ड्रॉपलेट्स के जरिए फैल सकता है.


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