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ऋषि सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला

(तस्वीरों सहित)

(अदिति खन्ना)

लंदन, 25 अक्टूबर (भाषा) ऋषि सुनक ने मंगलवार को महाराजा चार्ल्स तृतीय

के साथ मुलाकात के बाद औपचारिक रूप से भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें उनके पूर्ववर्ती द्वारा की गई कुछ ‘गलतियों’ को दुरुस्त करने के लिए चुना गया है।

सुनक को दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था।

ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) हिंदू हैं और वह पिछले 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं।

पेशे से बैंकर रहे सुनक ने महाराजा से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने नयी सरकार बनाने के लिए महाराजा चार्ल्स तृतीय के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर अपने पहले संबोधन में सुनक ने कहा कि उन्होंने ऐसे समय में कार्यभार संभाला है जब ब्रिटेन ‘गंभीर आर्थिक संकट’ का सामना कर रहा है। उन्होंने इसकी वजह कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया और उम्मीद जताई कि वह इन चुनौतियों का सामना करने में सफल होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा देश रूस-यूक्रेन युद्ध व महामारी के कारण गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है… कुछ ‘गलतियां’ हुई थीं और उन्हें दुरुस्त करने के लिए मुझे चुना गया है और गलतियों को ठीक करने का काम तुरंत शुरू हो रहा है।’’

सुनक ने कहा, ‘मैं अपने देश को कथनी से नहीं, बल्कि करनी से एकजुट करूंगा। मैं आपके लिए दिन-रात काम करूंगा। हम एकजुट होकर अविश्वसनीय चीजें हासिल कर सकते हैं।’

नए प्रधानमंत्री ने ‘आने वाले दिनों में कठोर फैसले’ के लिए आगाह किया और महामारी के दौरान बतौर वित्त मंत्री अपनी उपलब्धियों की ओर इशारा करते हुए वादा किया कि वह आगे भी चुनौतियों को लेकर उसी तरह सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निपटने का प्रयास करेंगे।

पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने उन्हें बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘‘इस ऐतिहासिक दिन पर ऋषि सुनक को बधाई, यह हर कंजर्वेटिव के लिए हमारे नए प्रधानमंत्री को अपना पूरा और दिल से समर्थन देने का क्षण है।’

इससे पहले सुबह, निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने अपनी अंतिम कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की और उसके बाद उन्होंने महाराजा चार्ल्स तृतीय (73) को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप दिया।

उसके बाद सुनक महाराजा से मुलाकात के लिए राजमहल पहुंचे, जहां उन्हें ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री के रूप में नयी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया।

जब सुनक बतौर प्रधानमंत्री, पहली बार अपना संबोधन दे रहे थे, उस समय उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति और बेटियां कृष्णा और अनुष्का उनके साथ नहीं थीं। उम्मीद जताई जा रही थी कि इस संबोधन के मौके पर वे तीनों भी सुनक के साथ होंगी।

सुनक इस संबोधन के बाद अपने मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में अधिकारियों के साथ बैठक करने चले गए।

ब्रिटिश फ्यूचर थिंक-टैंक के निदेशक सुंदर कटवाला ने कहा, “ऋषि सुनक का भारतीय मूल का पहला ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनना एक ऐतिहासिक क्षण है। यह एक या दो दशक पहले संभव नहीं हो पाता… लेकिन हमें इस महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन को कम करके नहीं आंकना चाहिए।’’

कैंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी ने ब्रिटेन के निवासियों से आग्रह किया कि वे ऋषि सुनक के लिए प्रार्थना करें क्योंकि सुनक एक चुनौतीपूर्ण समय में प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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