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ब्रिटेन के लिए ‘नयी सुबह’, ‘लोकतंत्र की समाप्ति’ : सुनक को करना पड़ा सराहना और आलोचना का सामना

लंदन, 25 अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन के प्रथम गैर-श्वेत प्रधानमंत्री बन कर इतिहास रचने वाले भारतीय मूल के ऋषि सुनक को मंगलवार को सराहना और आलोचना, दोनों का सामना करना पड़ा। कुछ मीडिया संस्थानों ने उनके नेतृत्व को देश के लिए एक ‘‘नयी सुबह’’ बताया, जबकि अन्य ने उनकी ‘‘जीत की वैधता’’ पर सवाल उठाये हैं।

ब्रिटेन में मंगलवार को सुनक हर बड़े अखबारों के प्रथम पृष्ठ की प्रमुख खबर रहे।

‘द गार्डियन’ ने कंजरवेटिव पार्टी के 42 वर्षीय नेता की एक तस्वीर के साथ शीर्षक लगाया, ‘‘एकजुट हो जाओ, अन्यथा खत्म हो जाओगे-सुनक की टोरी सांसदों को चेतावनी।’’ तस्वीर में यह देखा जा सकता है कि लंदन स्थित पार्टी के मुख्यालय में उनका एक नायक की तरह स्वागत किया जा रहा है।

खबर में यह उल्लेख किया गया है कि सुनक दो महीनों के अंदर तीसरे और छह वर्षों में पांचवें कंजरवेटिव (पार्टी से) प्रधानमंत्री होंगे। खबर में कहा गया है, ‘‘वह प्रथम हिंदू के तौर देश का नेतृत्व कर भी इतिहास रचेंगे।’’

इसी तरह की भावना प्रकट करते हुए ‘द मेल’ ने शीर्षक लगाया, ‘‘ब्रिटेन के लिए एक नयी सुबह’’। साथ ही, उप-शीर्षक में लिखा: ‘‘ऋषि सुनक हमारे सबसे युवा आधुनिक प्रधाानमंत्री बने।’’

‘द सन’ ने लिखा, ‘‘आपके पास ताकत है, ऋषि।’’ साथ ही, मुख्य तस्वीर में उन्हें एक ‘लाईटसबेर’ पकड़े दिखाया गया है। लाईटसबेर प्रकाशपुंज वाली एक काल्पनिक तलवार है।

हालांकि, सभी मीडिया संस्थान सुनक के ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री बनने से खुश नहीं हैं।

सुनक पर करारा प्रहार करते हुए ‘द मिरर’ ने अपना शीर्षक लगाया, ‘‘हमारे नये गैर-निर्वाचित प्रधानमंत्री’’ लेकिन ‘‘आपके लिए किसने वोट दिया?’’

उन्हें महाराजा (चार्ल्स तृतीय) से दोगुना धनी बताते हुए इसकी मुख्य खबर में कहा गया है कि वह (सुनक) अब ‘‘निर्मम सार्वजनिक व्यय कटौती का नेतृत्व करेंगे।’’

‘‘लोकतंत्र की समाप्ति’’ शीर्षक के साथ स्कॉटलैंड के ‘डेली रिकॉर्ड’ ने सुनक की कहीं अधिक आलोचना की।

इस बीच,‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ ने आर्थिक चुनौतियों पर जोर दिया, जिनका पूर्व निवेश बैंकर से राजनेता बने सुनक को सामना करना है। अखबार ने उम्मीद जताई कि सुनक बाजार में विश्वास बहाल करेंगे।

‘द टाइम्स’ ने कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों को सुनक की इस चेतावनी को रेखांकित किया कि ‘‘मतभेदों को दूर करने में नाकाम रहने पर पार्टी खत्म हो जाएगी।’’

‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री का लक्ष्य परस्पर विरोधी गुटों को आर्थिक संकट खत्म करने के लिए एकजुट करने का होगा।’’

भाषा सुभाष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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