होम विदेश पाकिस्तानी तालिबान ने ‘आतंकवादी और चरमपंथी’ कहे जाने को लेकर पत्रकारों को...

पाकिस्तानी तालिबान ने ‘आतंकवादी और चरमपंथी’ कहे जाने को लेकर पत्रकारों को चेतावनी दी

टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए आतंकवादी और चरमपंथी जैसे विशेषण के इस्तेमाल का मतलब है कि पेशेवर मीडिया अपने कर्तव्य के प्रति बेईमान है और वे अपने लिए दुश्मन पैदा करेंगे.

पाकिस्तान का झंडा | प्रतिकात्मक तस्वीर
पाकिस्तान का झंडा | प्रतिकात्मक तस्वीर

पेशावर (पाकिस्तान): प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने देश के मीडिया और पत्रकारों को उन्हें ‘आतंकवादी संगठन’ कहने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि ऐसा किये जाने पर उन्हें ‘शत्रु’ माना जाएगा.

टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा कि उनका संगठन मीडिया की उन खबरों पर नजर रख रहा है, जिसमें टीटीपी के लिए ‘आतंकवादी और चरमपंथी’ जैसे विशेषणों का इस्तेमाल किया जाता है.

‘डॉन’ समाचारपत्र ने टीटीपी के ऑनलाइन बयान के हवाले से कहा, ‘टीटीपी के लिए इस तरह के विशेषणों का इस्तेमाल करना मीडिया और पत्रकारों की पक्षपातपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.’

खुरासानी ने कहा, ‘टीटीपी के लिए इस तरह के विशेषण के इस्तेमाल का मतलब है कि पेशेवर मीडिया अपने कर्तव्य के प्रति बेईमान है और वे अपने लिए दुश्मन पैदा करेंगे.’

खुरासानी ने कहा कि इसलिए मीडिया को उन्हें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के नाम से संबोधित करना चाहिए.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

पाकिस्तानी तालिबान का गठन 2007 में हुआ था और सरकार ने अगस्त 2008 में नागरिकों पर लक्षित हमलों के बाद इसे एक प्रतिबंधित संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया था.

टीटीपी का पहला प्रमुख बैतुल्ला महसूद 2009 में अमेरिका द्वारा ड्रोन हमले में मारा गया था.

पाकिस्तान सरकार ने 2014 की अपनी राष्ट्रीय कार्य योजना में टीटीपी के सहयोगी समूहों पर प्रतिबंध लगा दिया था और मीडिया द्वारा तथाकथित ‘आतंकवादियों के महिमामंडन’ किये जाने पर रोक लगा दी थी.

आतंकवाद के खिलाफ सरकार की लड़ाई की चपेट में आकर अभी तक कई पाकिस्तानी पत्रकार मारे गए हैं


यह भी पढ़ें: चीन, पाकिस्तान और रूस यह समझ नहीं पा रहे हैं कि अब तालिबान के साथ उन्हें क्या करना है:


 

Exit mobile version