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चंद्रमा की चट्टानों से ज्वालामुखी की सक्रियता के बारे में मिले नये सुराग: चीन

चीन, पहली बार 2020 के दिसंबर में चंद्रमा से चट्टान पृथ्वी पर लेकर आया. इससे पहले अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ 1970 के दशक में यह कार्य कर चुके हैं.

चीनी ध्वज (प्रतीकात्मक तस्वीर) | पिक्साबे
चीनी ध्वज (प्रतीकात्मक तस्वीर) | पिक्साबे

बीजिंग: चीन के एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान द्वारा पिछले साल पृथ्वी पर लायी गयी चंद्रमा की चट्टानों के विश्लेषण से वर्षों पहले चंद्रमा पर हुई ज्वालामुखी गतिविधि के बारे में नयी जानकारी मिली है. एक अनुसंधानकर्ता ने मंगलवार को यह बताया.

ली शियानहुआ ने कहा कि नमूनों के विश्लेषण से चंद्रमा की रासायनिक संरचना के बारे में और इसके विकास पर उष्मा से पड़े प्रभाव के बारे में नयी जानकारी मिली है.

ली ने कहा कि नमूनों से यह संकेत मिलता है कि यह गतिविधि चंद्रमा पर दो अरब साल पहले भी हो रही थी, जबकि पूर्ववर्ती अनुमानों में कहा गया था कि इस तरह की गतिविधि 2.8 अरब और तीन अरब वर्ष पूर्व के बीच रुक गई थी.

ली ने संवाददाताओं से कहा कि चंद्रमा पर ज्वालामुखी गतिविधियां बहुत महत्वपूर्ण हैं. वे चंद्रमा के अंदर की हलचल को बयां करती हैं और चंद्रमा के अंदर ऊर्जा के पुनर्चक्रण को प्रदर्शित करती हैं.

चीन, पहली बार पिछले साल दिसंबर में चंद्रमा से चट्टान पृथ्वी पर लेकर आया. इससे पहले अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ 1970 के दशक में यह कार्य कर चुके हैं.

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