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मेक्सिको, अफगानिस्तान और फिलीपीन 2020 में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश रहे : CPJ

न्यूयॉर्क स्थित पत्रकार रक्षा समिति का कहना है कि इस साल कम से कम 21 पत्रकारों की हत्या उनके काम की वजह से की गई. साल 2019 में अपने काम की वजह से जान गंवाने वाले पत्रकारों की संख्या 10 थी.

रिपोर्टर्स | विकीमीडिया कॉमन्स

मेक्सिको सिटी: 2020 में पत्रकारों की उनके काम की वजह से हत्या के सबसे अधिक मामले मेक्सिको में और उसके बाद अफगानिस्तान तथा फिलिपीन में सामने आए हैं. न्यूयॉर्क स्थित पत्रकार रक्षा समिति (सीपीजे) ने अपनी नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.

दरअसल, इस साल 15 दिसंबर तक दुनियाभर में कम से कम 30 पत्रकारों की हत्या की गई जबकि पिछले वर्ष इस दौरान 26 पत्रकारों की हत्या हुई थी.

इस साल कम से कम 21 पत्रकारों की हत्या उनके काम की वजह से की गई. साल 2019 में अपने काम की वजह से जान गंवाने वाले पत्रकारों की संख्या 10 थी.

सीपीजे 15 अन्य पत्रकारों की हत्या की जांच कर पता लगाने में जुटी है कि क्या उनकी हत्या भी उनके काम की वजह से हुई.

मेक्सिको में साल 2020 में कम से कम चार पत्रकारों की निशाना बनाकर हत्या की गई जबकि पांचवे पत्रकार की अपराध स्थल की तस्वीरें खींचने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई.

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सीपीजे ने कहा कि वह कम से कम चार अन्य हत्याओं के पीछे की वजह पता लाने की कोशिश कर रही है. अन्य पत्रकार समूहों ने मेक्सिको में इस साल मारे गए पत्रकारों की संख्या 11 बताई है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मेक्सिको पश्चिमी गोलार्ध में पत्रकारों के लिये सबसे खतरनाक देश है. यहां पत्रकार अपराधियों, मादक पदार्थ तस्करों और भ्रष्टाचार में डूबे सरकारी तंत्र के बीच काम करते हैं. ‘

अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों ने कम से कम चार पत्रकारों की उनके काम की वजह से हत्या कर दी जबकि फिलीपीन में ऐसे पत्रकारों की संख्या कम से कम तीन रही.

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