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अमेरिका में बापू का अनादर, उपद्रवियों ने प्रतिमा तोड़ी भारत ने जताया विरोध

गांधी जी की मूर्ति तोड़े जाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इसकी निंदा की है. जबकि अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के अमेरिकियों ने घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है.

प्रतीकात्म फोटो: किसानों के समर्थन में उतरे वाशिंगटन में खालिस्तानी समर्थन, झंडे के साथ आए नजर/फोटो: सोशल मीडिया

वाशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में एक पार्क में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ अज्ञात बदमाशों ने तोड़फोड़ की और उसे उखाड़ दिया. इस घटना से देश भर में भारतीय अमेरिकी लोगों में रोष है और उन्होंने अधिकारियों से इसकी जांच नस्ली घृणा अपराध मामले के तौर पर करने की मांग की है.

स्थानीय समाचार पत्र ‘डेविस इंटरप्राइज’ की एक खबर में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कैलिफोर्निया के डेविस शहर के सेंट्रल पार्क में लगी महात्मा गांधी की छह फुट ऊंची और 294 किलोग्राम वजन वाली प्रतिमा के घुटनों पर प्रहार किया गया. प्रतिमा का आधा चेहरा क्षतिग्रस्त है और गायब है.

पुलिस ने बताया कि महात्मा गांधी की क्षतिग्रस्त प्रतिमा को सबसे पहले 27 जनवरी की सुबह पार्क के एक कर्मचारी ने देखा.

इससे पहले दिसंबर माह में भारत में कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में अमेरिका में महात्मा गांधी की मूर्ति के साथ छेड़खानी की गई थी. उस दौरान अमेरिकी राजदूत ने भारत से माफी भी मांगी थी.


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भारत सरकार ने की कड़ी निंदा

गांधी जी की मूर्ति तोड़े जाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इसकी निंदा की है. मंत्रालय ने अपने बयान में लिखा है, ’28 जनवरी’21 को, कैलिफोर्निया के शहर डेविस में सेंट्रल पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बर्बरतापूर्वक गिराया गया था. 2016 में भारत सरकार ने यह प्रतिमा उपहार स्वरूप दी थी. शांति और न्याय के सार्वभौमिक प्रतीक के खिलाफ इस दुर्भावना पूर्ण और घृणित कार्य की भारत सरकार कड़ी निंदा करती है.’

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में आगे लिखा है, ‘डेविस के मेयर ने इस घटना पर गहरा अफसोस जताया और बताया कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है. अमेरिकी विदेश विभाग ने संदेश दिया है कि बर्बरता का यह कार्य अस्वीकार्य है और कहा है कि इस कृत्य के लिए अपराधियों को माफ नहीं किया जाएगा.

डेविस शहर परिषद सदस्य लुकास फ्रेरिक्स ने बताया कि प्रतिमा को हटाया जा रहा है और इसे सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा.

‘द सेक्रामेंटो बी’ ने अपनी खबर में कहा कि जांचकर्ताओं अभी पता नहीं लगा पाए हैं कि प्रतिमा को कब तोड़ा गया और इसके पीछे कारण क्या है.

समाचार पत्र ने अपनी खबर में डेविस पुलिस विभाग के उप प्रमुख पॉल डोरोशोव के हवाले से कहा,‘ डेविस में रहने वाले कुछ लोगों के लिए यह संस्कृतिक आइकन हैं और इसे देखते हुए हम इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं.’

महात्मा गांधी की यह प्रतिमा भारत सरकार ने डेविस शहर को प्रदान की थी और गांधी विरोधी तथा भारत विरोधी संगठनों के विरोध प्रदर्शनों के बीच शहर परिषद ने चार वर्ष पूर्व इसे स्थापित किया था.

‘ऑर्गनाइजेशन फॉर माइनॉरिटीज इन इंडिया’ (ओएफएमआई) ने प्रतिमा की स्थापना का विरोध किया था. इसके बावजूद प्रतिमा की स्थापना का निर्णय किया गया था. इसके बाद से ही ओएफएमआई ने गांधी की प्रतिमा को हटाने का अभियान चलाया हुआ था.

भारतीय मूल के अमेरिकियों ने घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है.

‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी इंटरनेशनल’(एफआईएसआई) के गौरंग देसाई ने कहा, ‘ कई वर्षों से ओएफएमआई और खालिस्तानी अलगाववादियों जैसे भारत-विरोधी और हिंदू विरोधी कट्टरपंथी संगठनों द्वारा नफरत का माहौल बनाया जा रहा है.’

अन्य संगठनों ने भी घटना की निंदा की है.


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