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भारतीय मूल के लॉर्ड मेघनाद देसाई ने नस्लवाद को लेकर ब्रिटेन की लेबर पार्टी से दिया इस्तीफा

देसाई ने कहा, 'मैं बेहद असहज और थोड़ा शर्मिंदा हूं कि पार्टी में इस तरह का नस्लवाद भरा है. यहूदी सांसदों को खुलेआम भला-बुरा कहा जाता है, महिला सदस्यों को ट्रोल किया जाता है. यह साफ है और साफ तौर पर नस्लवाद है.'

मेघनाद देसाई | फोटो: कॉमन्स

लंदन: भारतीय मूल के अर्थशास्त्री, लेखक लॉर्ड मेघनाद देसाई ने ब्रिटेन के विपक्षी दल लेबर पार्टी पर नस्लीय भेदभाव से प्रभावी तरीके से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उसकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

उन्होंने कहा कि वह हमेशा से लेबर पार्टी के समर्थक थे लेकिन सदस्यता लेने के 49 वर्षों बाद बृहस्पतिवार को उन्होंने इसे रद्द कराने का फैसला किया क्योंकि जेर्मी कॉर्बिन को महज 19 दिन के निलंबन के बाद पार्टी में फिर से शामिल कर लिया गया जबकि देश के मानवाधिकार निगरानीकर्ता द्वारा उन्हें ‘गैरकानूनी कृत्यों’ में शामिल पाया गया था.

लॉर्ड देसाई (80) ने कहा, ‘उन्हें बिना माफी मांगे वापसी की इजाजत देने का फैसला बेहद विशिष्ट था. हाउस ऑफ कॉमन्स में पार्टी व्हिप के लिये कुछ महीनों तक उनकी अनदेखी की गई, लेकिन बेहद बड़े संकट के लिये यह काफी मामूली प्रतिक्रिया थी’

उन्होंने कहा, ‘मैं बेहद असहज और थोड़ा शर्मिंदा हूं कि पार्टी में इस तरह का नस्लवाद भरा है. यहूदी सांसदों को खुलेआम भला-बुरा कहा जाता है, महिला सदस्यों को ट्रोल किया जाता है. यह साफ है और साफ तौर पर नस्लवाद है.’

लेबर पार्टी पर कुछ सालों से यहूदियों को लेकर नस्लवादी टिप्पणियों का आरोप लगता रहा है और दिसंबर 2019 की चुनावी हार को भी इस संकट से जोड़कर देखा जा रहा था.

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देसाई ने कहा, ‘मैं निकट भविष्य में चीजों को वास्तव में बदलते हुए नहीं देख रहा और अंतत: मुझे अपने अंतर्मन के साथ जाना है. मैं यहूदियों के प्रति पूर्वाग्रह रखने वाले दल में नहीं रह सकता.’ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनका किसी और राजनीतिक दल में शामिल होने का इरादा नहीं है.


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