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दुनिया के 47 फीसदी लोगों का मानना कि अगले दशक में हो सकता है परमाणु हथियारों का इस्तेमाल: रेड क्रॉस

सर्वेक्षण में 20 से 35 साल के युवाओं ने हिस्सा लिया जो युद्धग्रस्त अफगानिस्तान और सीरिया के साथ-साथ शांतिपूर्ण फ्रांस और ब्रिटेन सहित विभिन्न देशों के रहने वाले हैं.

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भारतीय युवा । पीटीआई | प्रतीकात्मक तस्वीर

जिनेवा: रेड क्रॉस द्वारा गुरुवार को जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के आधे से अधिक लोगों को भय है कि अगले दशक में दुनिया के किसी न किसी कोने में परमाणु हमले हो सकते हैं.

सर्वेक्षण में शामिल 16,000 युवाओं में से 47 प्रतिशत का विश्वास है कि उनके जीवनकाल में ही तृतीय विश्वयुद्ध हो सकता है.

जिनेवा से कार्यरत रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति जिसने रिपोर्ट तैयार की है उसके अध्यक्ष पीटा मौरर ने कहा, ‘युवा मानते हैं कि उनके जीवनकाल में प्रलयकारी युद्ध हो सकता है.’

सर्वेक्षण में 20 से 35 साल के युवाओं ने हिस्सा लिया जो युद्धग्रस्त अफगानिस्तान और सीरिया के साथ-साथ शांतिपूर्ण फ्रांस और ब्रिटेन सहित विभिन्न देशों के रहने वाले हैं.

रेड क्रॉस ने सर्वेक्षण के लिए ऑनलाइन पैनल और 16 देशों के प्रतिभागियों का फोन से या प्रत्यक्ष साक्षात्कार लिया.

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जब सर्वेक्षण में शामिल लोगों से पूछा गया कि उनके विचार से दुनिया में अगले दस साल में कहीं सैन्य संघर्ष होने पर परमाणु हमले की कितनी आशंका है? इसके जवाब में करीब 54 फीसदी ने कहा कि वे मानते हैं कि इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

समिति को सर्वेक्षण में कुछ चिंताजनक परिपाटी भी देखने को मिली है. सर्वेक्षण में शामिल लोगों से जब पूछा गया कि क्या कुछ परिस्थितियों में पकड़े गए दुश्मन को यातना देना सही है या नहीं? इसके जवाब में 41 प्रतिशत ने कहा कि हां कुछ परिस्थितियों में ऐसा करना गलत नहीं है.

हालांकि सर्वेक्षण में कुछ उम्मीद की किरण भी दिखाई देती है. अध्ययन में शामिल 54 फीसदी ने माना कि उन्होंने जिनेवा समझौते के बारे में सुना है जिसमें द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका के मद्देनजर 1949 में युद्धबंदियों की रक्षा के उपाय किए गए हैं.

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