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ईरान के नेता ने ट्रंप को कहा ‘जोकर’, जवाब मिला ‘जबान संभाल’ कर बात करें खामनेई

ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामनेई 80 वर्ष के हैं,1989 से ही ईरान के सर्वोच्च नेता हैं और सभी बड़े फैसलों में अंतिम निर्णय उन्हीं का माना जाता है.

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई. फोटो:दिप्रिंट

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई को ‘संभल कर बात करने’ की नसीहत दी.

ईरान की राजधानी तेहरान में खामनेई की टिप्पणी के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘ईरान के तथाकथित ‘सर्वोच्च नेता’ जो अब उतने सर्वोच्च नहीं रह गए हैं, को अमेरिका और यूरोप के बारे में कुछ खराब बातें कहनी है.’ ट्रंप ने कहा कि खामनेई ने जो अपने भाषण में बोला वह उनकी भूल है. दरअसल खामनेई ने अपने भाषण में अमेरिका को ‘बुरा’ और ब्रिटेन, फ्रांस तथा जर्मनी को ‘अमेरिका का प्यादा’ बताते हुए ट्रंप पर हमला बोला था.

ट्रंप ने ट्वीट किया,‘उनकी अर्थव्यवस्था चरमरा रही है और उनकी जनता परेशान है. उन्हें बोलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए.’

‘जोकर’ है ट्रंप, ईरान के लोगों को धोखा देगा: खामनेई

ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘जोकर’ करार दिया और कहा कि वह ईरान के लोगों का समर्थन करने का सिर्फ दिखावा करता है.

खामनेई ने 2012 के बाद पहली बार शुक्रवार की नमाज को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान के पीठ पर ‘जहरीला छुरा’ घोपगा.

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खामनेई ने कहा कि ईरान के शीर्ष जनरल के जनाजे ने यह दिखा दिया कि ईरान के लोग इस्लामिक रिपब्लिक का समर्थन करते हैं. इस माह की शुरुआत में जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिका के हवाई हमले में मौत हो गई थी.

खामनेई ने कहा कि अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ लड़ने वाले सबसे प्रभावी कमांडर की ‘कायराने तरीके से’ हत्या की.

खामनेई ने यूक्रेन के विमान को गलती से गिराए जाने की घटना को ‘भयानक हादसा’ करार दिया. उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना ने ईरान के लोगों को जितना दुख पहुंचाया है उतना ही दुश्मनों को खुशी हुई है.

उन्होंने कहा कि पश्चिम देशों में इतना दम नहीं हैं कि वे ‘ईरान के लोगों को घुटने के बल’ ला सकें.

उन्होंने कहा कि ईरान वार्ता के लिए तैयार है लेकिन अमेरिका के साथ नहीं.

खामनेई 1989 से ही देश के सर्वोच्च नेता हैं और सभी बड़े फैसलों में अंतिम निर्णय उन्हीं का होता है. 80 वर्षीय खामनेई सुलेमानी के अंतिम संस्कार में सार्वजनिक तौर पर रोए थे और अमेरिका के खिलाफ ‘ कड़े प्रतिशोध’ की कसम उठाई थी.

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