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अफगान सरकार के हवाई हमले में कम से कम 14 लोगों की मौत, महिलाएं और बच्चे भी शामिल : प्रत्यक्षदर्शी

प्रत्यक्षदर्शी नूर रहमती ने बताया कि हेरात के अद्रास्कन जिले में जेल से रिहा हुए तालिबान के एक पूर्व लड़ाके का स्वागत करने सैकड़ों लोग एकत्रित हुए थे जब हमला किया गया.

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तालिबानी आतंकी, प्रतीकात्मक तस्वीर | Flickr

काबुल: अफगानिस्तान के पश्चिमी हेरात प्रांत में सरकार के हवाई हमले में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

इस हमले में अपने परिवार के तीन सदस्यों को खोने वाली प्रत्यक्षदर्शी नूर रहमती ने बताया कि हेरात के अद्रास्कन जिले में जेल से रिहा हुए तालिबान के एक पूर्व लड़ाके का स्वागत करने के लिए सैकड़ों लोग एकत्रित हुए थे जब एक हवाई जहाज ने लोगों पर हमला किया.

सरकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक दिन पहले हुए हवाई हमले की जांच की जा रही है.

अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते के दूसरे और अहम चरण के तहत अंतर अफगान वार्ता आगे बढ़ाने के मकसद से कैदियों की रिहाई के तौर पर गुलाम नबी को रिहा किया गया.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब यह हमला हुआ तब जिले के बुजुर्ग और शुभचिंतक नबी का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे. हमले में नबी का नौ साल का बेटा भी घायल हो गया.

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अमेरिका के शांति दूत जलमी खलीलजाद ने ट्वीट कर हिंसा की निंदा की और सरकार की जांच का स्वागत किया.

खलीलजाद ने कहा, ‘हेरात में तस्वीरों और प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से यह लगता है कि अफगान हवाई हमले में बच्चों समेत कई नागरिकों की मौत हुई है. हम इस हमले की निंदा और जांच का समर्थन करते हैं.’

तालिबान ने शांति समझौते के तहत रिहा किए जा रहे अपने कैदियों पर हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है. इस समझौते के तहत सरकार देशभर की जेलों में तालिबान के 5,000 कैदियों को रिहा करेगी और इसके बदले में तालिबान 1,000 सरकारी कर्मियों को रिहा करेगा.

तालिबान ने बयान जारी कर रिहा होने वाले कैदियों के खिलाफ हिंसा को लेकर चेतावनी दी. उसने कहा कि इससे फरवरी में हुआ समझौता कमतर होगा.

बयान में कहा गया है, ‘ऐसे कृत्यों से हाल ही में रिहा हुए और सामान्य जिंदगी जीने की इच्छा रखने वाले कैदी फिर से दुश्मन के खिलाफ हथियार उठाने को विवश हो सकते हैं.’

एक प्रत्यक्षदर्शी अब्दुल खलीक ने कहा, ‘ये पीड़ित तालिबान के नहीं हैं. वे सिर्फ घर लौट रहे अपने एक रिश्तेदार से मिलना चाहते थे.’ खलीक का भाई अब्दुल्ला इस हमले में घायल हो गया.

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