होम विदेश अमरीका और चीन के बाद रूस की पाक को ‘न’, कहा- ‘कश्मीर...

अमरीका और चीन के बाद रूस की पाक को ‘न’, कहा- ‘कश्मीर पर भारत का कदम संविधान के दायरे में’

चीन तो पहले ही पाकिस्तान को सलाह दे चुका है वह भारत से बातचीत कर विवाद सुलझाए. अब रूस ने भी कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया है.

news on politics
जम्मू कश्मीर में तैनात जवानों की फाइल फोटो | पीटीआई

मॉस्को: चीन और अमेरिका के बाद रूस ने भी पाकिस्तान से अपना हाथ खींच लिया है. चीन तो पहले ही पाकिस्तान को सलाह दे चुका है वह भारत से बातचीत कर विवाद सुलझाए. वहीं अब रूस ने भी कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया है और कहा है कि इसे लेकर किए गए बदलाव भारतीय संविधान के ढांचे के तहत हैं. रूस ने साथ ही भारत और पाकिस्तान से शांति बनाए रखने का भी आग्रह किया है.

रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि मॉस्को उम्मीद करता है कि ‘भारत और पाकिस्तान नई दिल्ली द्वारा जम्मू एवं कश्मीर के दर्जे में किए गए बदलाव के कारण क्षेत्र में स्थिति को जटिल नहीं होने देंगे.’

रूस ने कहा कि ‘जम्मू एवं कश्मीर के दर्जे में बदलाव और उसका दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन भारतीय गणतंत्र के संविधान के ढांचे के तहत किया गया है.’ रूस भारत और पाकिस्तान के रिश्ते सामान्य रखने का हमेशा से समर्थन करता रहा है.

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देशों के बीच जो भी मतभेद हैं वे 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र के प्रावधानों के अनुरूप राजनीतिक और कूटनीतिक तरीके से द्विपक्षीय आधार पर सुलझाए जाएंगे.’

भारत, पाकिस्तान बातचीत से विवाद सुलझाएं : चीन

इससे पहले चीन ने भी भारत और पाकिस्तान से अपने विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत करने की सलाह दी है. हालांकि, चीन ने अपनी पूर्व स्थिति पर कायम रहते हुए भारत से कश्मीर की यथास्थिति को ‘एकतरफा न बदलने’ को कहा. चीन की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के चीन से परामर्श के लिए यहां पहुंचने के बाद आई है. अपने बयान में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम पाकिस्तान व भारत से बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने व संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को कायम रखने का आह्वान करते हैं.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

चीन ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के फैसले का प्रत्यक्ष रूप से जिक्र नहीं करते हुए कहा, ‘प्राथमिकता यह है कि प्रासंगिक पक्ष को चाहिए कि वह यथास्थिति को एकतरफा बदलने से बाज आए और तनाव न बढ़ाए.’

कश्मीर नीति में कोई बदलाव नहीं : अमेरिका

कश्मीर मसले पर सबसे पहले बयान अमेरिका का आया और उसने अपने बयान में कहा कि कश्मीर पर उनकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य के दर्जे को वापस लिए जाने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में अमेरिका ने कहा है कि दोनों देशों को ‘शांति और संयम’ बनाए रखने की जरूरत है. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टेगस ने कहा कि कश्मीर को लेकर ट्रंप प्रशासन की नीति में कोई परिवर्तन नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘जाहिर तौर पर यह एक ऐसी बात है, जिसपर हम सभी बराबर नजर बनाए हुए हैं. हम सभी पक्षों से ‘शांति और संयम’ को कायम रखने की अपील करते हैं. हम कश्मीर व सभी अन्य मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का समर्थन करते हैं.’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान ‘भारत कश्मीर में नरसंहार करा सकता है’ पर अपनी प्रतिक्रिया में ऑर्टेगस ने कहा कि अमेरिका सभी से आग्रह करता है कि कानून का राज बनाए रखें, मानव अधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करें.

(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)

Exit mobile version