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तेलंगाना में टीआरएस की आंधी, 119 सदस्यीय विधानसभा में 90 सीटों पर बढ़त

नतीजों से साफ है कि जनता ने कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी, तेलंगाना जन समिति, और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के गठबंधन को ठुकरा दिया है.

हैदराबाद: तेलंगाना के गौरव के नाम पर और अपनी कल्याणकारी योजनाओं के साथ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) मंगलवार को विधानसभा चुनावों में जबरदस्त जीत की ओर बढ़ रही है. चुनाव से पहले हुए तमाम सर्वेक्षणों और एग्जिट पोल को धता बताते हुए टीआरएस ने 119 सदस्यीय विधानसभा में 90 सीटों पर बढ़त बना ली है.

रुझानों के मुताबिक, सत्तारूढ़ टीआरएस पार्टी के उम्मीदवार 90 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे थे जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में पीपुल्स फ्रंट 18 सीटों पर आगे है.

टीआरएस प्रमुख व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव गजवेल निर्वाचन क्षेत्र में आगे हैं, जबकि उनके बेटे केटी रामाराव और उनके भतीजे हरीश राव सरसिला और सिद्दिपेट निर्वाचन क्षेत्रों में अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे हैं.

साफ लग रहा है कि लोगों ने कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के गठबंधन को ठुकरा दिया है.

कांग्रेस के कई शीर्ष नेता अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पीछे चल रहे हैं, जबकि तेदेपा, टीजेएस और सीपीआई किसी भी सीट पर आगे नहीं हैं.

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पांच सीटों पर आगे है. एक सीट पार्टी जीत चुकी है. जबकि भाजपा तीन निर्वाचन क्षेत्र में आगे है.

टीआरएस प्रमुख और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पार्टी बहुमत के साथ सत्ता में बनी रहेगी.

लोकसभा सांसद कविता ने कहा कि राज्य में पिछले साढ़े चार सालों में टीआरएस सरकार ने सभी मोर्चो पर अच्छा काम किया है. टीआरएस ने 2014 में 63 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस 21 सीटें ही जीत पाई थी.

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