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नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए तेलंगाना के CM चंद्रशेखर राव, केंद्र पर लगाया भेदभाव का आरोप

आयोग ने राव की तरफ से इस आशय की घोषणा के बाद शनिवार को एक बयान में कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री की तरफ से लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है.

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की संचालन परिषद की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की. यह बैठक जुलाई 2019 के बाद से गवर्निंग काउंसिल की पहली व्यक्तिगत बैठक है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बैठक का बहिष्कार किया क्योंकि उन्होंने शनिवार को प्रधान मंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि उनका निर्णय उनके विरोध का प्रतीक है. तेलंगाना सहित राज्यों के खिलाफ केंद्र के कथित घोर भेदभाव को करार दिया.

चंद्रशेखर राव ने कहा था, ‘मुझे 7 अगस्त को होने वाली NITI Aayog की 7 वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग लेना उपयोगी नहीं लगता है और मैं राज्यों के साथ भेदभाव करने के लिए केंद्र सरकार की वर्तमान प्रवृत्ति के कड़े विरोध के निशान के रूप में इससे दूर रहूंगा. भारत को एक मजबूत और विकसित देश बनाने के हमारे सामूहिक प्रयासों में हमें समान भागीदार के रूप में नहीं मान रहे हैं.’

आयोग ने राव की तरफ से इस आशय की घोषणा के बाद शनिवार को एक बयान में कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री की तरफ से लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है.

आयोग ने कहा, ‘तेलंगाना के माननीय मुख्यमंत्री की तरफ से लगाया गया यह आरोप गलत है कि इस बैठक का एजेंडा तय करते समय राज्यों के साथ विमर्श नहीं किया गया है. राज्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए गए हैं.’

नीति आयोग ने कहा कि हाल में उसकी तरफ से बैठक के लिए किए गए अनुरोधों के बावजूद मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. इसके पहले आयोग के उपाध्यक्ष की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ने जनवरी 2021 में विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की थी.

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राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक का बहिष्कार करने की बात कही है. इसके लिए उन्होंने राज्यों के साथ केंद्र सरकार के भेदभावपूर्ण बर्ताव को कारण बताते हुए कहा है कि राज्यों को सशक्त किए बगैर देश को सशक्त नहीं किया जा सकता है.

नीति आयोग की बैठक के एजेंडे में फसल विविधीकरण और तिलहन और दालों और कृषि-समुदायों में आत्मनिर्भरता; राष्ट्रीय शिक्षा नीति-स्कूली शिक्षा का कार्यान्वयन; राष्ट्रीय शिक्षा नीति-उच्च शिक्षा का कार्यान्वयन; और शहरी शासन हासिल करना शामिल है.

एक स्थिर, टिकाऊ और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में, सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग की सातवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक से केंद्र और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहयोग और सहयोग के एक नए युग की दिशा में तालमेल का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है.

आमतौर पर इस परिषद की बैठक हर साल होती है. पिछले साल यह बैठक 20 फरवरी को हुई थी. उस बार पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना और गुजरात के मु्ख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए थे.


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