होम राजनीति बिहार में तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR ने RJD अध्यक्ष लालू यादव से...

बिहार में तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR ने RJD अध्यक्ष लालू यादव से मुलाकात की

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को बिहार का दौरा किया अपनी यात्रा के दौरान राव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की.

नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव | ANI

नई दिल्ली: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पटना में राबड़ी देवी के आवास पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से मुलाकात की. इससे पहले चंद्रशेखर राव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो मिलकर देश के सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश करेंगे.

गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को बिहार का दौरा किया अपनी यात्रा के दौरान राव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की. इसके बाद एक दोनों मुख्यमंत्रियों ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान राव ने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश के साथ बातचीत हुई और एक बात पर सहमति बनी कि किसी भी तरह से बीजेपी की सरकार को देश से बाहर करना है. 8 साल से नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने हुए हैं लेकिन हर सेक्टर में देश का विनाश हो रहा है, देश के सभी लोग परेशान हैं.

उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नाकामियों की वजह से ही देश को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, ‘जो राज्य अपने जगह पर खड़े होकर अच्छा काम कर रहे हैं उन्हें करने नहीं दिया जा रहा है क्या इसका जवाब केंद्र सरकार के पास है? मोदी जी का खुद का वादा था कि 2022 तक हर गरीब का अपना मकान होगा..क्या ये सफल हुआ?’

तेलंगाना के सीएम ने कहा कि आज जिस तरह से धर्म के नाम पर लोगों को और समाज को तोड़ने का काम किया जा रहा है साथ ही एक अच्छे भारत को खराब करने का जो प्रयास हो रहा है तो ये देश को कहां ले जाएगा? इसलिए देश की अर्थव्यवस्था खत्म और रुपए का मूल्य गिर गया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

राव के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, वह अपनी इस यात्रा के दौरान तेलंगाना के सिकंदराबाद में आग लगने की घटना में जान गंवाने बिहार के 12 मजदूरों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि दी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ केसीआर ने बुधवार को गालवान घाटी में अपने जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों को दस लाख रुपए और एक कबाड़ गोदाम में दुर्घटना में मारे गए प्रवासी श्रमिकों के प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपए दिए.

मुख्यमंत्री कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटिड) (जदयू) के मुख्य प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने कहा था कि, ‘बीजेपी को हराने के लिए यह दक्षिण और उत्तर के बीच एकता होगी.’

उन्होंने कहा था, ‘केसीआर निस्संदेह दक्षिण के एक प्रमुख नेता हैं और बीजेपी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण आवाज हैं. नीतीश कुमार में विपक्ष को नई उम्मीद नजर आ रही है. दोनों नेताओं के बीच बैठक का राष्ट्रीय असर होना तय है.’

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने जदयू नेता के विचारों से सहमति व्यक्त की.

तिवारी ने कहा, ‘केसीआर और नीतीश के बीच बैठक निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है. विपक्ष के बीच एकता कायम करने में दोनों नेताओं की अहम भूमिका होगी. राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) से नीतीश का जाना हाल के दिनों में भाजपा के लिए सबसे बड़ा झटका है.’

जदयू नेता कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित ‘धर्मनिरपेक्ष’ विकल्प के रूप में देखा जाता है.

राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव का कहना है, ‘2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के बीच मुकाबला होगा.’

राजद के एक अन्य प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि नीतीश कुमार लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे जब देश 2024 में अपना स्वतंत्रता दिवस मनाएगा.’

इस बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने एक बयान में कुमार और केसीआर की प्रस्तावित मुलाकात को विपक्षी एकता के ‘कॉमेडी’ कार्यक्रम की ताजा कड़ी बताते हुए आरोप लगाया, ‘तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर भी लालू प्रसाद की तरह परिवारवाद और भ्रष्टाचार में डूबे हैं. उनका जनाधार खिसक रहा है और नीतीश कुमार से उनका मिलना विपक्षी एकता का ‘कॉमेडी शो’ का ताजा ’एपीसोड’ (कड़ी) होगा.’


यह भी पढ़ें-‘2024 के लिए शंखनाद’: BJP ने बिहार चुनाव अभियान के लिए मुस्लिम-बहुल सीमांचल को क्यों चुना


Exit mobile version