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जिन्ना देश के पहले PM होते तो न होता देश का बंटवारा, अटल, आडवाणी की पसंद क्यों हैं वो: राजभर

राजभर ने कहा, 'जिन्ना को देश का प्रधानमंत्री बना दिया होता, इस बात को लेकर आडवाणी जी के विचार पढ़िए, अटल जी के विचार को पढ़िए, जो देश के शुभचिंतक है उनके विचारों को पढ़िए. वह उनकी तारीफ क्यों करते हैं?'

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सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, फाइल फोटो | सोशल मीडिया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को कहा कि अगर मोहम्मद अली जिन्ना को भारत का पहला प्रधानमंत्री बना दिया गया होता तो देश का बंटवारा नहीं होता.

राजभर ने वाराणसी में एक समाचार चैनल से कहा ‘देश का पहला प्रधानमंत्री जिन्ना को बना दिया होता तो देश का बंटवारा ही नहीं होता.’ उन्होंने कहा, ‘जिन्ना को देश का प्रधानमंत्री बना दिया होता, इस बात को लेकर आडवाणी जी के विचार पढ़िए, अटल जी के विचार को पढ़िए, जो देश के शुभचिंतक है उनके विचारों को पढ़िए. वह उनकी तारीफ क्यों करते हैं?’ राजभर की पार्टी ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन किया है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछली 31 अक्टूबर को हरदोई में एक कार्यक्रम में कहा था कि महात्मा गांधी सरदार वल्लभभाई पटेल जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना बैरिस्टर बने तथा देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और कभी इससे पीछे नहीं हटे. सत्तारूढ़ भाजपा ने इस मामले को लेकर सपा का घेराव किया था.

अखिलेश ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पाबंदी लगाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि सिर्फ पटेल ही ऐसा कर सकते थे.

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि जिन्ना को देश के बंटवारे का खलनायक माना जाता है और जो लोग उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें इसका कोई फायदा नहीं होगा.

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