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‘शायद भगवान ने इसके लिए मुझे चुना है’, लंबे समय से टल रहे महिला आरक्षण बिल पेश होने पर बोले PM मोदी

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नए संसद भवन में लोकसभा की पहली बैठक में यह बिल पेश किया.

नए संसद के लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी/ @BJPLive

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को नए संसद भवन की लोकसभा में नया महिला आरक्षण बिल पेश किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “महिला आरक्षण बिल पर काफी चर्चा हुई है, बहुत वाद-विवाद भी हुए हैं. अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया लेकिन बिल को पारित कराने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं था और इस कारण यह सपना अधूरा रह गया. ईश्वर ने शायद ऐसे कई कामों के लिए मुझे चुना है. कल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी गई है. आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं. हमारी सरकार आज दोनों सदनों में महिलाओं की भागीदारी पर एक नया बिल ला रही है.”

उन्होंने आगे कहा, “नारीशक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा. मैं देश की माताओं, बहनों, बेटियों को नारीशक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं.”

केंद्रीय कानून मंत्री ने बिल पेश किया

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नए संसद भवन में लोकसभा की पहली बैठक में यह बिल पेश किया.

अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने के बाद लोकसभा में महिलाओं की सीटों की संख्या 181 हो जाएगी.

सदन में विधेयक को पारित करने के लिए चर्चा कल, 20 सितंबर को की जाएगी. सरकारी सूत्रों ने कहा कि विधेयक को 21 सितंबर को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

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इससे पहले नए संसद भवन में लोकसभा में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ यह सुनिश्चित करेगा कि अधिक महिलाएं संसद और राज्य विधानसभाओं की सदस्य बनें.

महिला आरक्षण विधेयक, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की गारंटी देता है, केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा 128वें संवैधानिक संशोधन विधेयक के रूप में पेश किया गया था.

महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था

इस मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे बोले कि, “वे हमें श्रेय नहीं देते लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था लेकिन इसे रोक दिया गया था.”

उन्होंने आगे कहा, “अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती है.”

इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियां उन महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है. प्रधानमंत्री जी, हम सभी को हमारी पार्टी ने सशक्त बनाया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं.”

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ”पिछड़े, एसटी की महिलाओं को ऐसे मौके नहीं मिलते जो उन्हें मिल रहे हैं, हम ये कह रहे हैं.”

यह नए संसद भवन में निचले सदन द्वारा उठाया गया दिन का पहला एजेंडा था.

संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र सोमवार को शुरू हुआ.


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