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आरक्षण विधेयक पारित, शीतकालीन सत्र रहा ऐतिहासिक : तोमर

संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकसभा में 14 व राज्यसभा में चार विधेयक पारित हुए और लोकसभा में 47 फीसदी व राज्यसभा में 27 फीसदी काम हुआ.

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राज्यसभा फाइल फोटो.

नई दिल्लीः सरकार ने गुरुवार को कहा कि संसद का शीत सत्र ‘ऐतिहासिक’ रहा, क्योंकि नौकरियों व उच्च शिक्षा में सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण मुहैया कराने वाला विधेयक पारित हो गया. साथ ही, सरकार ने अवरोधों के कारण ‘कम कामकाज’ के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. सत्र के समापन के बाद यहां मीडिया को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकसभा में 14 और राज्यसभा में चार विधेयक पारित हुए.

उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान लोकसभा की 17 बैठकों में 47 फीसदी काम और राज्यसभा की 18 बैठकों में 27 फीसदी काम हुआ. सत्र की शुरुआत 11 दिसंबर को हुई थी.

उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक सत्र रहा, क्योंकि सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए कोटा मुहैया कराने वाला विधेयक पारित हो गया. इससे करोड़ों लोगों को फायदा होगा.’

इस अवसर पर मौजूद संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने दोनों सदनों में अवरोधों के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया, जिसके कारण कम कामकाज हुआ.

उन्होंने कहा कि तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो सका, लेकिन सरकार इसके प्रति ‘गंभीर’ है. उन्होंने कहा, ‘इसे हर हालत में पारित होना चाहिए. इसका मकसद मुस्लिम महिलाओं के सम्मान की सुरक्षा करना है.’

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महत्वपूर्ण विधेयकों को बिना जांच के जल्दबाजी में लाने पर विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि मामलों पर कार्य मंत्रणा समिति में चर्चा की गई और सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया.

गोयल ने कहा कि राज्यसभा में केवल तीन दिन काम हो सका. उन्होंने अवरोधों के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘वे (विपक्ष) लगातार कभी एक मुद्दे पर तो कभी दूसरे मुद्दे पर हंगामा करते रहे.’

गोयल ने कहा कि बीते दिन कोटा विधेयक पर सदन आठ घंटे से ज्यादा समय तक सुचारू रूप से चला. उन्होंने कहा, ‘अगर विपक्षी दल संसद को सुचारू रूप से चलने देना चाहते हैं तो संसद सुचारू रूप से चल सकती है.’

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