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शहरों में ‘किट्टी पार्टी’ क्लब, गांवों में चौपाल- BJP ने UP में ‘साइलेंट वोटर्स’ को लुभाने की कैसी रणनीति बनाई

पार्टी ने घोषणा की है कि शहरी क्षेत्रों में जहां महिलाओं के लिए ‘किट्टी पार्टियों’ की तर्ज पर ‘कमल सहेली क्लब’ शुरू करने की योजना है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए ‘ग्राम सभा चौपाल’ का आयोजन किया जाएगा.

बीजेपी के कार्यकर्ता पार्टी के झंडे के साथ एक रैली में (प्रतीकात्मक तस्वीर) | PTI file

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अगले साल के शुरू में उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के मद्देनजर विशेष क्लबों और कार्यक्रमों के जरिये राज्य की महिला मतदाताओं को लुभाने की योजना बनाई है.

पार्टी ने घोषणा की है कि शहरी क्षेत्रों में जहां महिलाओं के लिए ‘किट्टी पार्टियों’ की तर्ज पर ‘कमल सहेली क्लब’ शुरू करने की योजना है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए ‘ग्राम सभा चौपाल’ का आयोजन किया जाएगा. पार्टी राज्यभर में हर निर्वाचन क्षेत्र में महिला सम्मेलन की भी योजना बनी रही है.

यूपी भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य ने दिप्रिंट को बताया, ‘कमल सहेली क्लबट किट्टी पार्टी क्लबों की तर्ज पर होंगे. हम हर निर्वाचन क्षेत्र में 500 से अधिक महिलाओं का एक क्लब बनाएंगे. हर महीने उनके लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसमें कुछ एक्टिविटी कराई जाएंगी और हम विजेताओं को सम्मानित भी करेंगे. हम अपनी महिला नेताओं को भी इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करेंगे.’

उनके मुताबिक, इसके पीछे विचार शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को एकजुट करना और महिलाओं तक पार्टी की पहुंच बढ़ाने का है.

शाक्य ने कहा कि यह कदम पार्टी की महिला नेताओं को स्थानीय स्तर पर संपर्क बढ़ाने में मददगार होगा. उन्होंने कहा, ‘हम अपने कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली सभी महिलाओं का ब्यौरा एकत्र करेंगे. हमारी महिला मोर्चा की टीम एक कप चाय पीने के लिए उनके घर जाएगी. इस तरह हम उनके साथ अपने संपर्क मजबूत बना पाएंगे.’

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उन्होंने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता इन महिलाओं को पार्टी की गतिविधियों और सरकार की पहल के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देना है. हम व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाएंगे, जिसमें हम उन्हें जोड़ते रहेंगे और अपनी गतिविधियों के बारे में बताते रहेंगे.’


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ग्रामीण मतदाताओं के लिए

महिला मोर्चा की एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि ‘कमल सहेली क्लब’ जहां शहरी महिलाओं के लिए होंगे, वहीं ग्रामीण महिलाओं के लिए पार्टी ने दो अलग-अलग कार्यक्रम बनाए हैं.

पदाधिकारी ने कहा, ‘सबसे पहले तो हम अक्टूबर में नवरात्रि के दौरान अपनी ‘ग्राम सभा चौपाल’ या ‘महिला चौपाल’ शुरू करेंगे जिसमें हम ग्रामीण महिलाओं से जुड़े मुद्दों को सुनेंगे. उनकी समस्याओं का जानने के बाद हम इन्हें दूर करने के लिए इसकी जानकारी स्थानीय प्रतिनिधियों को देंगे.

उन्होंने बताया, ‘जोनल स्तर पर हम उन लड़कियों को सम्मानित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेंगे जो परीक्षा में अच्छे अंक लाएंगी, यह हमारा दूसरा कार्यक्रम है. इस तरह हमने पूरे प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचने की योजना बनाई है.’

पार्टी आगे चलकर तमाम जोड़ों को भी इसी तरह से लुभाने की योजना बना रही है.

शाक्य ने बताया, ‘हम ‘कमल सहेली क्लब’ बनाने के बाद जोनल स्तर पर ‘कपल मैराथन’ का आयोजन करेंगे जिसमें विवाहित जोड़े हिस्सा लेंगे. वैसे तो यह अन्य मैराथन की तरह ही होगा लेकिन जिस पर हम काम कर रहे हैं, वो एक नई अवधारणा है. इसमें हर आयु वर्ग के विवाहित जोड़े भाग ले सकते हैं.’

पदाधिकारी ने कहा कि ‘कमल सहेली क्लब’ और ‘कपल मैराथन’ नई अवधारणाएं हैं. साथ ही जोड़ा कि 2014 में चंडीगढ़ भाजपा ने शहर की महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए एक अनूठा अभियान ‘कमल मेहंदी और रंगोली’ चलाया था, लेकिन हम यहां राज्य स्तर की पहल कर रह हैं.’

‘मौन मतदाता’

यूपी भाजपा के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘बिहार चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मौन मतदाताओं’ की अहमियत बताई थी, जिसमें उन्होंने महिलाओं को अपनी मौन मतदाता बताया था. अब यूपी में वे मोदी और (मुख्यमंत्री) योगी दोनों के लिए मौन मतदाता होंगी.’

उन्होंने कहा, ‘यूपी में महिला मतदाताओं की आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है, इसलिए उनकी अहमियत बहुत ज्यादा है. उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों ने पहले ही हमारी पहुंच काफी बढ़ा दी है, अब हमें इन आयोजनों के माध्यम से एक अलग ही स्तर पर ले जाना है.’

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