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मोदी के गढ़ वाराणसी में BJP वॉर रूम में बनाए रहती है गहमा-गहमी, हर वोटर तक पहुंचने की कोशिश

वाराणसी के गुलाबी बाग़ स्थित BJP के डिजिटल वॉर रूम में, क़रीब 100 वॉलंटियर्स हैं जो एक तीन मंज़िला इमारत में बैठते हैं. ये वॉर रूम पार्टी कार्यकर्त्ताओं, पदाधिकारियों और वॉलंटियर्स को आपस में जोड़ता है.

वाराणसी में बीजेपी का वॉर रूम पार्टी वर्कर्स को संगठन को जोड़ने के लिए काम करता हुआ | फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंट

वाराणसी: जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में 27 फरवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों के कार्यकर्ताओं के बूथ विजय सम्मेलन में अपने संबोधन का समापन कर रहे थे, तो उन्होंने एक छोटी सी इच्छा ज़ाहिर की. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वो उनका ‘प्रणाम वाराणसी के हर परिवार तक ले जाएं’, जो एक वीआईपी चुनाव क्षेत्र है जिसका ख़ुद पीएम लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं.

पीएम के दिल्ली से उड़ान भरकर वाराणसी में उतरने से पहले ही, उनका प्रणाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, व्हाट्सएप समूहों और इंस्टाग्राम फीड्स पर भर गया, और उनके प्रतिनिधियों ने वो वीडियो क्लिप अपलोड कर दी, जिसमें पीएम ने अपनी इच्छा का इज़हार किया था.

इसके पीछे विचार ये सुनिश्चित करना था कि संदेश उनके चुनाव क्षेत्र के कोने-कोने तक पहुंच जाए.

इस कार्य को संभव बनाया क़रीब 100 स्वयंसेवकों की एक टीम ने, जो एक तीन मंज़िला इमारत से काम कर रही थी. गुलाब बाग़ इलाक़े में स्थित बीजेपी का डिजिटल वॉर रूम हाल ही में, पीएम मोदी के दौरों की तैयारियों में व्यस्त रहा है, जिनमें जनसभाएं और पार्टी कार्यकर्ताओं को किए गए संबोधन शामिल हैं.

वॉर रूम के सामने एक बहुत स्पष्ट कार्य है. उसे न केवल एक गहमा-गहमी बनाए रखनी है, बल्कि 2022 के यूपी असेम्बली चुनावों के आख़िरी और आख़िरी से पहले चरण के, बाक़ी बचे चुनाव क्षेत्रों के बारे में प्रासंगिक जानकारी भी जुटाना है, जहां 3 और 7 मार्च को मतदान होना है. वॉर रूम पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और वॉलंटियर्स को आपस में जोड़ता है.

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दिप्रिंट से बात करते हुए, यूपी बीजेपी के सोशल मीडिया विभाग के सह-संयोजक शशि कुमार ने कहा कि ये वॉर रूम एक महीना पहले वजूद में आया, और इसका फोकस वाराणसी लोकसभा चुनाव क्षेत्र है, जिसमें पांच विधानसभा सीटें आती हैं.

उन्होंने कहा, ‘हमारे काम को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है: सोशल मीडिया ख़ासकर व्हाट्सएप के लिए सामग्री मुहैया कराना, सोशल मीडिया पर नज़र रखना और एक मीडिया सेल चलाना जो बूथ-स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहता है, और साथ ही फीडबैक लेता है कि, मसलन, उन्हें मतदाता सूची और प्रचार सामग्री आदि मिल गई है कि नहीं’.


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कार्यकर्ताओं और संगठन के बीच ‘महत्वपूर्ण लिंक’

वॉर रूम पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन के बीच एक लिंक है. 4-5 मार्च को पीएम मोदी के वाराणसी दौरे के दौरान, ये एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसमें वो सार्वजनिक रैलियों को संबोधित कर सकते हैं.

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने नाम छापने की इच्छा के साथ कहा, ‘हमारा उद्देश्य न केवल विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर पीएम मोदी की रैलियों का लाइव प्रसारण करना है, बल्कि साथ ही साथ सोशल मीडिया पर रैलियों की प्रतिक्रिया पर भी नज़र रखना है’. उन्होंने आगे कहा, ‘रैलियों के सभी अहम और प्रमुख बिंदु हमें उपलब्ध कराए जाएंगे, और हम अपने प्रसारण समूहों के ज़रिए उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं को पहुंचाएंगे, जो उन्हें आगे ले जाकर मतदाताओं के साथ साझा करेंगे’.

एक पार्टी पदाधिकारी ने अज्ञात रहने की शर्त पर कहा कि उनके पास 36,000 व्हाट्सएप समूहों का एक नेटवर्क है, और इनके ज़रिए वो एक ही बार में, 20 लाख लोगों तक पहुंच सकते हैं.

उत्तर प्रदेश बीजेपी के सोशल मीडिया प्रमुख अंकित सिंह चंदेल ने बताया कि वॉर रूम में काम करने वाले अधिकतर लोग युवा स्वयंसेवक हैं. उन्होंने कहा, ‘इस वॉर रूम का एक और अतिरिक्त पहलू है राज्य और केंद्र की स्कीमों के लाभार्थियों से संपर्क साधना, और निजी जुड़ाव तथा वीडियोज़ आदि के माध्यम से सरकार द्वारा किए गए उपायों की जानकारी उन तक पहुंचाना है’.

‘नाराज़गी’ से निपटना

मंगलवार को जब दिप्रिंट ने वॉर रूम का दौरा किया, तो वहां पर काफी हलचल थी. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल ने, जो करहल में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ खड़े हैं, वॉर रूम का दौरा किया और वॉलंटियर्स के साथ बातचीत की.

युवाओं का एक समूह कॉल्स करने और कार्यकर्ताओं से हर बारीक जानकारी का फीडबैक लेने में व्यस्त था कि क्या उन्हें प्रचार सामग्री और मतदाता सूची मिल गई है, और क्या उन्होंने प्रचार सामग्री को सोशल मीडिया पर भी साझा किया है.

केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल वार रूम पहुंचे और वॉलंटियर से बातचीत की | फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंट

वॉर रूम के बहुत से कार्यों में से एक ये है कि वो नज़र रखें कि पार्टी कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर क्या चर्चा कर रहे हैं, और क्या पार्टी के किसी फैसले को लेकर, किसी के अंदर भी कोई नाराज़गी है.

एक पार्टी पदाधिकारी ने नाम छिपाने की शर्त पर कहा, ‘जैसे ही हमें अंदाज़ा होता है कि कोई मुद्दा है, और पार्टी पदाधिकारी उसके बारे में सोशल मीडिया पर चर्चा कर रहा है, तो हम पार्टी नेताओं को आगाह करके सुनिश्चित करते हैं, कि मसले का समाधान हो जाए. ये उनकी जासूसी करना नहीं है, बल्कि ये सुनिश्चित करना है कि उनकी चिंताओं का समाधान हो जाए’.

डिजिटल वॉर रूम ख़ासतौर से पहली बार के वोटर्स, और महिला मतदाताओं पर काम कर रहा है. नाम छिपाने की शर्त पर एक दूसरे पार्टी नेता ने कहा, ‘उनके लिए विशेष सामग्री तैयार करके, पार्टी वर्कर्स के साथ साझा की जाती है. साथ ही साथ, हम ये भी सुनिश्चित करते हैं कि परंपरागत मतदाताओं को समय रहते वोटर पर्ची दे दी जाए, और मतदान संपन्न होने तक कार्यकर्ता उनके संपर्क में रहें’.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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