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उत्तर प्रदेश में 200 से ज्यादा अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट, कुल 600 पर कार्रवाई

यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा के मुताबिक योगी सरकार ने पिछले दो सालों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई की है. वह देश में अब तक किसी भी प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदम से बहुत बड़ी है.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फाइल फोटो | ट्विटर

लखनऊ: भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें मिलने के बाद योगी सरकार ने 200 से ज़्यादा अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट (वीआरएस) का फैसला किया है.

कुल 600 पर अब तक कार्रवाई की गई है. इनमें 400 से ज़्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों का अब प्रमोशन नहीं होगा, साथ ही उन्हें दूसरी जगह भेज दिया जाएगा. इनमें ज़्यादातर आईएएस और आईपीएस अफसरों पर कार्रवाई की गई है. इन अधिकारियों की लिस्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी गई है.

यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा के मुताबिक योगी सरकार ने पिछले दो सालों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई की है. वह देश में अब तक किसी भी प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदम से बहुत बड़ी है. उन्होंने बताया कि सरकार ने 200 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट दिया है. सौ से अधिक अधिकारी अभी भी सरकार के रडार पर हैं. श्रीकांत शर्मा ने कहा कि यह पहली सरकार होगी. जिसने 600 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई कर एक नज़ीर पेश की है.

पिछले महीने सीएम योगी ने दिए थे कड़े निर्देश

बीते महीने 20 जून को सचिवालय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेईमान और भ्रष्ट अधिकारी को आड़े हाथ लिया था. उन्होंने कहा था कि बेईमान-भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकार में कोई जगह नहीं. इन्हें तत्काल वीआरएस दे दीजिए. इसके अलावा जिन अधिकारियों की गतिविधियां संदिग्ध हैं और जिनके खिलाफ शिकायतें दर्ज हैं. उनकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे.

ई-ऑफिस की कार्य प्रगति से नाराज़ योगी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कार्य पद्धति सुधारने के निर्देश दिए थे. उन्होंने ई-ऑफिस की कार्य प्रगति पर असंतोष जताते हुए कहा कि दो वर्ष के बाद भी शत-प्रतिशत कार्य क्यों नहीं हो पाया है. दरअसल, यूपी के सचिवालय को पूरी तरह से ई -ऑफिस बनाया जाना था. उन्होंने अधिकारियों को ई-ऑफिस की व्यवस्था को तेज़ गति से पूर्ण करने के निर्देश दिए थे. उन्होंने अधिकारियों को सही समय पर निर्णय लेने और सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए थे.

शुरू हुआ बायोमैट्रिक सिस्टम

सीएम के निर्देशों के बाद सचिवालय कार्यालय आने में लेटलतीफी करने वाले कर्मचारियों पर नकेल कसने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में सचिवालय में बायोमैट्रिक अटेंडेंस व्यवस्था लागू कर दी गई है. साढ़े नौ बजे से पहले अधिकारियों व कर्मियों को अटेंडेंस लगाना होगा, लेट हुए तो सैलरी कटेगी और कार्रवाई भी होगी. इसके अलावा विधानसभा, सचिवालय में पान-गुटखा खाने पर 500 रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों व कर्मियों को हर हाल में नौ बजे तक कार्यालयों में पहुंचने का फरमान जारी किया है.

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