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मोदी के विकल्प के रूप में उभर रहे केजरीवाल से असुरक्षित महसूस कर रहा है केंद्र: सिसोदिया

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक निर्वाचित दिल्ली सरकार की तुलना में उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां प्रदान करता है और स्पष्ट करता है कि दिल्ली में ‘सरकार’ का मतलब ‘उपराज्यपाल’ हैं.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, फाइल फोटो/एएनआई

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को जीएनसीटीडी विधेयक पर केंद्र की निन्दा की और आरोप लगाया कि वह असुरक्षित महसूस कर रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकल्प के रूप में उभर रहे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि आप सरकार आगे की कार्रवाई के लिए मुद्दे पर कानूनी राय ले रही है.

सिसोदिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हर जगह शासन के दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है. केंद्र की भाजपा सरकार असुरक्षित महसूस कर रही है क्योंकि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकल्प के रूप में उभर रहे हैं. इसलिए निर्वाचित सरकार को कमतर करने के लिए यह विधेयक लाया गया है.’

उन्होंने कहा, ‘आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय के लिए हम कानूनी राय ले रहे हैं.’

राज्य सभा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक को विपक्ष के विरोध और बहिर्गमन के बीच पारित कर दिया. लोकसभा ने इसे 22 मार्च को पारित किया था.

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यह विधेयक निर्वाचित दिल्ली सरकार की तुलना में उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां प्रदान करता है और स्पष्ट करता है कि दिल्ली में ‘सरकार’ का मतलब ‘उपराज्यपाल’ हैं.


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