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‘गाय को मां कहना मनुष्य जाति का ही अपमान’- सावरकर से पहले हिंदुत्व शब्द प्रचलन में नहीं था: शिवानंद तिवारी

राजद नेता ने कहा कि देश को बदलने की कोशिश सकारात्मक दिशा में नहीं हो रही है बल्कि जो हो रहा है वो हमारे देश की एकता, अखंडता और यहां तक कि धर्म के लिए भी खतरनाक है.

राजद नेता शिवानंद तिवारी | फोटो: फेसबुक

नई दिल्ली: हिंदू धर्म और हिंदुत्व को लेकर देश में चल रही मौजूदा बहस के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि गाय को मां की संज्ञा देना मनुष्य जाति का ही अपमान है.

तिवारी ने कहा, ‘सावरकर ने कहा है कि कोई जानवर मनुष्य का मां या बाप कैसे हो सकता है.’

तिवारी ने कहा कि हिंदुत्व शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल सावरकर ने 1923 में किया था. उसके पहले ये शब्द प्रचलन में नहीं था.

मोदी सरकार और भाजपा का नाम लिए बिना राजद नेता तिवारी ने कहा, ‘आप सावरकर की कुछ बातों को मानेंगे और कुछ बातों को नहीं मानेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘1923 में एक इंसान ने हिंदुत्व शब्द का इस्तेमाल किया, उस आधार पर आप हजारों सालों के सनातन धर्म को बदल देना चाहते हैं और सावरकर ने जो हिंदुत्व की परिभाषा दी वही सही हो गया.’

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तिवारी ने कहा कि सावरकर ने स्पष्ट तौर पर ये कहा है कि हिंदू और हिंदुत्व दोनों अलग-अलग चीज है.

राजद नेता ने कहा कि देश को बदलने की कोशिश सकारात्मक दिशा में नहीं हो रही है बल्कि जो हो रहा है वो हमारे देश की एकता, अखंडता और यहां तक कि धर्म के लिए भी खतरनाक है.

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार ट्वीट कर और अपनी रैलियों में भी हिंदू धर्म और हिंदुत्ववादियों के बीच के फर्क को बताते रहे हैं. उनका कहना है कि हिंदुत्ववादी हमेशा नफरत व हिंसा फैलाते हैं वहीं हिदू सत्य के रास्ते पर चलता है.


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सावरकर गोमांस खाने के खिलाफ नहीं थे: दिग्विजय सिंह

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि विनायक दामोदर सावरकर ने अपनी किताब में कहा है कि बीफ खाने में कोई गलत बात नहीं है.

सिंह ने शनिवार को भोपाल में कहा, ‘सावरकर ने अपनी किताब में कहा है कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व के बीच कोई संबंध नहीं है और गाय जो कि अपने मल के इर्द-गिर्द चक्कर लगाती है, वो कैसे हमारी माता हो सकती है.’

सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने दावा किया कि सिंह सावरकर को गलत तरीके से उद्धृत कर रहे हैं.


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