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राज्यसभा चुनाव में BJP ने 4 राज्यों में 8 सीटें जीतीं, महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस को लगा झटका

महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और राजस्थान की 16 राज्यसभा सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ और सभी चार राज्यों के नतीजे शनिवार सुबह तक घोषित कर दिए गए. 

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भाजपा कांग्रेस के झंडे | दिप्रिंट

नई दिल्ली: महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और राजस्थान की 16 राज्यसभा सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ और सभी चार राज्यों के नतीजे शनिवार सुबह तक घोषित कर दिए गए.

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सरकार को बड़ा झटका देते हुए बीजेपी ने शनिवार को राज्यसभा की छह में से तीन सीटें जीत लीं हैं. वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन ने मतगणना में आठ घंटे की देरी पर सवाल उठाया है. बीजेपी के विजेताओं में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राज्य के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और धनंजय महादिक शामिल हैं.

महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनावों की मतगणना करीब सात घंटे तक रोके जाने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भाजपा ने आयोग को अपने नियंत्रण में ले लिया है.

राउत ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी ने देश के लोकतंत्र, न्यायपालिका, केंद्रीय जांच तंत्र और निर्वाचन आयोग को अपने निंयत्रण में ले लिया है. महाराष्ट्र में, क्या तीन वोट पर निर्णय लेने में सात घंटे लगते हैं? यह चौंकाने वाला है। लोकतंत्र का ये ‘कॉमेडी शो’ कितना लंबा चलेगा?’

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को राज्य में राज्यसभा चुनाव में पार्टी की जीत को ‘खुशी के पल’ बताया है.

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फडणवीस ने कहा, ‘हमारे लिए खुशी के पल हैं क्योंकि बीजेपी के तीनों उम्मीदवार जीत गए हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘पीयूष गोयल और अनिल बोंडे को 48-48 वोट मिले हैं। हमारे तीसरे उम्मीदवार को शिवसेना के संजय राउत से ज्यादा वोट मिले हैं.’

राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मैं महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, राज्य पार्टी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल और पूरी टीम को जीत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.

वहीं, कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने अपनी जीत की घोषणा की और शेष उम्मीदवारों के लिए भी पुष्टि की.

इमरान ने कहा, ‘मैंने शिवसेना के संजय राउत और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल के साथ-साथ जीत हासिल की है. मैं विधायकों को धन्यवाद देता हूं. हमें दुख है कि (महा विकास अघाड़ी) के चौथे प्रत्याशी संजय पवार नहीं जीत सके.’

बीजेपी ने राज्य से डॉ अनिल बोंडे, पीयूष गोयल और धनंजय महादिक को मैदान में उतारा था, दिलचस्प बात यह है कि राज्य की छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार मैदान में थे.


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राजस्थान

कांग्रेस ने पार्टी शासित राजस्थान में सभी तीन राज्यसभा सीटों पर जीत हासिल कर ली है. बीजेपी ने भी राज्य में एक सीट अपने खाते में कर ली है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यसभा चुनावों में जीत के लिए पार्टी नेताओं रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी और मुकुल वासनिक को बधाई देते हुए कहा है कि बीजेपी ने ‘एक स्वतंत्र उम्मीदवार को मैदान में उतारकर खरीद-फरोख्त’ करने की कोशिश की.

वहीं, बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम तिवारी ने जीत तो हासिल कर ली लेकिन पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा चुनाव हार गए हैं.

गहलोत ने कहा कि पार्टी विधायकों और उसके सहयोगियों ने एकता दिखाई है और बीजेपी को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को इसी तरह की हार का सामना करना पड़ेगा.

उन्होंने विश्वास जताया कि पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद प्रदेश के मुद्दों को मजबूती से उठाएंगे.

हरियाणा

हरियाणा में कांग्रेस को झटका देते हुए बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार और निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को दो राज्यसभा सीटों के लिए निर्वाचित घोषित कर दिया गया है. मतदान नियमों के उल्लंघन के आरोपों के बाद मतगणना में देरी हुई थी. मतगणना आधी रात से शुरू हुई और शनिवार को सुबह 2 बजे के बाद परिणाम घोषित किए गए. चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन को पर्याप्त वोट नहीं मिले हैं.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हमारे लिए खुशी की बात है कि भाजपा उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार और निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को चुना है। मैं इनके पक्ष में मतदान करने वाले सभी विधायकों को हृदय से धन्यवाद देता हूं.

उन्होंने आगे कहा,’कुलदीप बिश्नोई बहुत खुला वोट दिया है, अपनी अंतर आत्मा की आवाज़ से दिया है कोई छुपाकर नहीं दिया। मोदी जी की विचारधारा, उपलब्धियों और नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने ऐसा किया होगा। उन्होंने इस बात की भी चिंता नहीं की है कि कांग्रेस उनके साथ क्या करेगी.’

वहीं, राज्यसभा के लिए चुनाव जीतने के बाद भाजपा उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि मैं राष्ट्रीय नेतृत्व और प्रदेश के नेतृत्व का धन्यवाद करता हूं कि मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को ये मौका दिया। मैं सर्व अनुसूचित जाति समाज की तरफ से भाजपा नेतृत्व का धन्यवाद करता हूं.

कर्नाटक

सत्तारूढ़ बीजेपी ने शुक्रवार को कर्नाटक में राज्यसभा के लिए चार सीटों पर हुए चुनाव में उन तीनों सीट पर जीत दर्ज की, जिसपर उसने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट आई, जबकि उसने दो सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.

जनता दल (सेक्युलर) एक भी सीट नहीं जीत पाया जिसने पर्याप्त वोट न होने के बावजूद अपना एक उम्मीदवार खड़ा किया था. कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर समर्थन करने के जद (एस) के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया था.

दिलचस्प है कि व्हिप जारी होने के बावजूद जद (एस) के एक विधायक ने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दे दिया और उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह सबसे पुरानी पार्टी से ‘प्यार’ करते हैं.

मतगणना के बाद चुनाव अधिकारियों ने भाजपा नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता-नेता जग्गेश और निवर्तमान विधान पार्षद लहर सिंह सिरोया तथा कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को विजयी घोषित किया.

सीतारमण और रमेश को कर्नाटक से संसद के उच्च सदन के लिए फिर से चुना गया.

चौथी सीट के लिए चुनाव परिणाम को लेकर रहस्य बना हुआ था, जिसमें तीनों राजनीतिक दलों के बीच कड़ी टक्कर देखी गई जिन्होंने जीतने के लिए पर्याप्त संख्या में वोट नहीं होने के बावजूद अपने उम्मीदवार खड़े किए थे.

कर्नाटक से चार सीट के लिए राज्यसभा चुनाव में कुल छह उम्मीदवार मैदान में थे, जिससे चौथे उम्मीदवार के लिए मुकाबला जरूरी हो गया.

चौथी सीट के लिए चुनाव में सिरोया (भाजपा के तीसरे उम्मीदवार), मंसूर अली खान (कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार) और डी कुपेंद्र रेड्डी (जद-एस के एकमात्र उम्मीदवार) के बीच सीधा मुकाबला हुआ.

क्रॉस वोटिंग के डर से तीनों राजनीतिक दलों ने व्हिप जारी कर अपने-अपने विधायकों से पार्टी उम्मीदवारों को वोट देने को कहा था.

क्षेत्रीय पार्टी के कोलार विधायक के श्रीनिवास गौड़ा ने पार्टी के निर्देश की अवहेलना करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार को अपना वोट डाला, जबकि गुब्बी के विधायक एस आर श्रीनिवास ने कथित तौर पर खाली मतपत्र पेटी में डाल दिया, जिससे जद (एस) विधायक दल के नेता एच डी कुमारस्वामी अपने सहयोगियों पर भड़क गए.

गौड़ा ने स्वीकार किया कि उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दिया है क्योंकि वह पार्टी से ‘प्यार’ करते हैं जबकि श्रीनिवास ने कुमारस्वामी के दावे को खारिज कर दिया और जोर देते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी उम्मीदवार को ही वोट दिया है.

ऐसी भी खबरें हैं कि श्रीनिवास ने बीजेपी के सिरोया के पक्ष में वोट किया.

क्रॉस वोटिंग में कथित संलिप्तता को लेकर कांग्रेस नेताओं की ‘नैतिकता’ पर सवाल उठाते हुए, कुमारस्वामी ने कहा, ‘वे लोकतंत्र को बचाने के नारे के साथ लोगों के पास जाते हैं, जबकि सिद्धरमैया और अन्य नेता दूसरे दलों के विधायकों को ‘हाईजैक’ करके निम्न स्तर की राजनीति में संलिप्त हैं. कैसे कांग्रेस, बीजेपी से अलग है? कांग्रेस, बीजेपी को जीतने में मदद कर रही है.’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कुमारस्वामी के ‘हाईजैक’ आरोप को खारिज करते हुए कहा, ‘अगर हमें ऐसा करना होता तो (जद-एस के) आधा दर्जन विधायक तैयार हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करना चाहते.’


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