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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-भाजपा आई आमने-सामने, बीजेपी का आरोप- कोविड-19 से हुई मौत के आंकड़े छुपा रही है सरकार

भाजपा के हमले का जवाब देते हुए सत्तारूढ़ दल के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद ने दिप्रिंट को बताया, 'राज्य सरकार कोरोना की रोकथाम के संबंध में जो भी कदम उठा रही है उसका आधार केंद्र द्वारा जारी किये गए दिशा निर्देश ही हैं.'

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फाइल फोटो.

रायपुर : पिछले एक पखवाड़े से छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह एक गंभीर राजनीतिक लड़ाई का रंग लेने लगी है. भाजपा ने सीधा आरोप लगाया है कि भूपेश बघेल सरकार छवि बनाने के चक्कर में कोविड-19 से हुई संभावित मौतों के आंकड़े को छुपा रही है.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और विधायक विक्रम उसेंडी ने दिप्रिंट से कहा, ‘राज्य सरकार कोरोना से संबंधित वास्तविक आंकड़े छुपा रही है. उन्होंने आगे कहा, ‘कोरोना संक्रमण के मरीजों का आंकड़ा और उससे हुई मौतों की सच्चाई छिपाकर प्रदेश सरकार, पश्चिम बंगाल की सरकार के नक़्शे कदम पर चल रही है.’

उसेंडी ने कहा कि क्वारंटाइन केंद्रों में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों से भूपेश बघेल सरकार की पारदर्शिता और ईमानदारी सवालों के घेरे में आ गई है.

उसेंडी ने आगे कहा, ‘अभी हाल ही में बेमेतरा में एक युवक की मृत्यु होने के तीन घंटे के बाद उसकी सैम्पलिंग की गई, लेकिन मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है. वहीं, दूसरी ओर एक अन्य व्यक्ति को कोरोना संदिग्ध बता उपचार किया जा रहा था और बाद में उसे कोरोना निगेटिव बता दिया गया, जबकि उसका इलाज कर रहे डॉक्टर को क्वारंटाइन में रखा गया है.’


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उसेंडी ने अपने आरोप में आगे कहा कि प्रदेश के सूरजपुर जिलों में दो लोगों की मौत को भी संदिग्ध माना जा रहा है लेकिन राज्य सरकार इन्हें कोरोना निगेटिव साबित करने का प्रयास लर रही है. उसेंडी ने कहा सच्चाई सामने लाने के लिए सरकार को इन दोनों मृतकों का पोस्टमार्टम कराना चाहिए था.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने दिप्रिंट से कहा, ‘प्रदेश सरकार अपने स्वार्थ सिद्धि ले लिए साबित करना चाहती है कि राज्य में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई. भाजपा इस सबंध में पूरी जानकारी प्राप्त कर रही है. राज्य में हुई सभी मौतों के आंकड़े आने के बाद प्रदेश सरकार को एक्सपोज़ किया जाएगा.’

सुंदरानी कहते हैं दो माह से सरकार लगातार अपनी वाहवाही करा रही. भूपेश बघेल सरकार की कार्यशैली और कोरोना संक्रमण की रोकथाम में उसकी इच्छाशक्ति पर अब सवाल उठने लगे हैं.

भाजपा प्रवक्ता ने तंज कसते हुए कहा कि ‘प्रदेश में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि राहुल गांधी के परामर्श से काम करके ही प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण को काबू में रखा है, तो क्या मुख्यमंत्री अब कोविड-19 संक्रमण की बढ़ती संख्या में राहुल गांधी से परामर्श लेना बंद कर दिया है.’

सुंदरानी ने कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री को नसीहत दी कि वे राहुल गांधी से परामर्श लेते रहें. लेकिन प्रदेश में कोरोना को फैलने से रोकें.

सुंदरानी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में रोज बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव केस इस बात का प्रमाण हैं कि राज्य सरकार इसके रोकथाम के मोर्चे पर पूरी तरह फिसड्डी साबित हो चुकी है.


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कांग्रेस का जवाब

भाजपा के आरोप पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने दिप्रिंट ने प्रिंट से कहा, ‘यह बड़े दुख की बात है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे विपक्ष के लोग आधारहीन और गैर जिम्मेदाराना आरोप लगाने का प्रयास कर रहे हैं. कोई सरकार कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट को कैसे छुपा सकती है. भाजपा के लोग आरोप अपने सुविधा अनुसार लगाते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘राज्य में ज्यादातर सैम्पलों की जांच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर की देखरेख में की जाती है. क्या वे एम्स की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं, जबकि अब तक भाजपा के नेता सरकार द्वारा कोरोना के खिलाफ सफलता से लड़ी जा रही लड़ाई का श्रेय भी एम्स को ही देते आए हैं.’

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं के आरोप तथ्यहीन हैं. उन्हें अपने पदों का सम्मान करते हुए आरोप तथ्यों के साथ लगाना चाहिये.’

भाजपा के हमले का जवाब देते हुए सत्तारूढ़ दल के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद ने दिप्रिंट को बताया कि ‘राज्य सरकार कोरोना की रोकथाम के संबंध में जो भी कदम उठा रही है. उसका आधार केंद्र द्वारा जारी किये गए दिशा निर्देश ही हैं.’

प्रदेश में तो कोविड संक्रमण की जांच से लेकर उपचार तक मॉनिटरिंग नोडल संस्था तो एम्स रायपुर है. पूरे देश में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ अभी भी काफी निचले स्तर पर है. राज्य सरकार कोई भी जानकारी क्यों छिपाएगी. इससे उसे क्या लाभ होगा. प्रदेश के हर नागरिक की तरह सरकार भी चाहती है कि कोरोना का प्रकोप खत्म हो और सभी काम सुचारू रूप से संचालित हो सकें.’

आनंद ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, ‘भाजपा नेताओं को इस समय इस प्रकार की स्तरहीन बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. इससे संकट के इस दौर में भ्रामक स्थिति निर्मित होगी. सरकार और डॉक्टरों की मेहनत का ही परिणाम है की छ्त्तीसगढ़ में कोरोना से अभी तक कोई मौत नहीं हुई है.’

ज्ञात हो की विगत कुछ दिनों से प्रवासी श्रमिकों की लगातार हो रही वापसी के कारण राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. राज्य में अबतक 128 कोविड-19 पॉजिटिव केस पाए गए हैं, जिनमें 69 एक्टिव केस हैं. जबकि 59 मरीज ठीक होकर वापस घर जा चुके हैं. सरकार का दावा है कि प्रवसी श्रमिकों के लिए 18,460 क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता करीब 7.68 लाख संदिग्धों को रखने की है. हालांकि, इन केंद्रों में क्वारंटाइन किये गए श्रमिकों की वर्तमान संख्या करीब 1.21 लाख है.

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