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भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर पर गोली चली, विपक्ष ने योगी की UP में ‘बिगड़ती’ कानून-व्यवस्था को ठहराया जिम्मेदार

अज्ञात हमलावरों ने बुधवार को चन्द्रशेखर के वाहन पर 'गोलीबारी' की. फिलहाल वह सहारनपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं. भीम आर्मी समर्थक जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.

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फाइल फोटो: दिल्ली के प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करते चंद्रशेखर आजाद.

सहारनपुर: आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चन्द्रशेखर आज़ाद पर बुधवार शाम कथित तौर पर स्विफ्ट कार में आए हथियारबंद लोगों के एक समूह ने हमला किया और उन पर कम से कम चार गोलियां चलाईं.

शाम के करीब 5 बज रहे थे और दलित अधिकार संगठन भीम आर्मी के सह-संस्थापक चंद्रशेखर अपने समर्थकों के एक समूह के साथ अपनी फॉर्च्यूनर कार में यात्रा कर रहे थे. वे देवबंद की गांधी कॉलोनी में एक समर्थक के घर आयोजित शोक सभा में शामिल होकर लौट रहे थे.

हालांकि चन्द्रशेखर खुद पर चलाई गई गोलियों से बचने के लिए छिप गए, लेकिन उनमें से एक उनकी कमर को छूकर निकल गई. उन्हें अस्पताल ले जाया गया और वह खतरे से बाहर हैं.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना के सिलसिले में गुरुवार को चार लोगों को हिरासत में लिया गया और अज्ञात हमलावरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत चंद्रशेखर के सहयोगी मनीष कुमार की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. देवबंद पुलिस स्टेशन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धाराओं के अंतर्गत केस फाइल किया गया है.

देवबंद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पुलिस अधिकारियों से बात करते हुए, जहां उन्हें पहली बार प्रारंभिक उपचार के लिए ले जाया गया था, चंद्रशेखर ने कहा कि हालांकि उन्हें खुद ज्यादा कुछ याद नहीं है, लेकिन उनके सहयोगियों ने हमलावरों की पहचान कर ली है.

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चंद्रशेखर ने अपने समर्थकों को संबोधित एक वीडियो रिकॉर्डिंग में कहा, “वे सहारनपुर की ओर भागे… राजमार्ग. मेरे समर्थकों के साथ अन्य दो वाहन (मेरे काफिले का हिस्सा) मेरी कार के पीछे कुछ दूरी पर थे. मेरी कार में मेरे छोटे भाई मनीष सहित पांच लोग थे. हमने यू-टर्न ले लिया. मेरे साथ आए एक डॉक्टर घायल हो गए हैं, उनके हाथ से खून बह रहा था. ”

उन्होंने कहा, “जब गोली चलाई गई, तो मैंने एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक), सहारनपुर को फोन किया और उन्हें बताया कि गोली चलाई गई है और मुझे लगा कि मुझे चोट लगी है.”

दिप्रिंट से बात करते हुए, चन्द्रशेखर के करीबी रोशिन्द्र कमांडो ने कहा कि भीम आर्मी प्रमुख को सहारनपुर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया है. “जिस कार में हमलावर आए थे वह हरियाणा नंबर की स्विफ्ट (HR70D0278) थी. हमारे नेता खुद को बचाने के लिए पीछे हट गए, नहीं तो कोई बड़ी घटना हो सकती थी.”

भीम आर्मी के पश्चिमी यूपी प्रभारी कपिल आज़ाद ने दिप्रिंट को बताया कि चंद्रशेखर पर “कम से कम चार गोलियां” चलाई गईं.

“गोलियां कार की बॉडी पर फंसी हुई हैं और एक सीट में फंसी हुई है. गाड़ी की सभी खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं.”

एसएसपी विपिन ताडा ने पत्रकारों को बताया कि देवबंद पुलिस को शाम करीब सवा पांच बजे हमले की सूचना मिली जिसके बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे.

सहारनपुर में कुछ हथियारबंद लोगों द्वारा कथित तौर पर गोली मारे जाने के बाद भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आज़ाद को ले जा रहे काफिले के अंदर खिड़की के टूटे हुए टुकड़े दिखाई दे रहे हैं। फोटोः एएनआई

ताडा ने कहा, “गोली चंद्रशेखर को घायल करते हुए शरीर को पार कर गई है. घटना की जांच की जा रही है. वह खतरे से बाहर हैं. उनके द्वारा दी गई जानकारी और मौके पर मौजूद सबूतों का विश्लेषण किया जाएगा और कानूनी कार्यवाही की जाएगी. ”

उन्होंने एएनआई को यह भी बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है.

सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि गुरुवार की सुबह, सहारनपुर पुलिस ने हमले में इस्तेमाल की गई स्विफ्ट डिजायर बरामद कर ली.

घटना के बाद उत्तर प्रदेश में ”बिगड़ती” कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्ष के हमले के बीच, राज्य भाजपा प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने ट्वीट किया: ”योगी के शासन में, किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाता है. यह सपा सरकार नहीं है जहां अपराधियों को खुलेआम संरक्षण दिया जाता था.”

‘चंद्रशेखर के लिए पहले भी मांगी थी सुरक्षा’

चन्द्रशेखर को न केवल दलित समुदाय में सम्मान प्राप्त है, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, विशेषकर सहारनपुर में उनका एक वफादार समर्थन आधार भी है. उनकी आज़ाद समाज पार्टी ने पश्चिमी यूपी क्षेत्र में चुनाव लड़ा है लेकिन अभी तक बड़ी चुनावी सफलता नहीं मिली है.

कपिल के अनुसार, पिछले दिनों चन्द्रशेखर की टीम ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर अपने नेता के लिए सुरक्षा का अनुरोध किया था.

कपिल ने दिप्रिंट को बताया, “हमने तीन साल पहले अपने नेता को सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को लिखा था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अब देखिए क्या हुआ है. इस सरकार में जब नेता सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता का क्या होगा? सरकार को कई बार पत्र देकर हमारे नेता को सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जब पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा कम कर दी गई है तो हम क्या उम्मीद कर सकते हैं.”

भीम आर्मी के बाड़मेर चैप्टर ने भी अब चन्द्रशेखर के लिए सुरक्षा की मांग की है.

भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी के सैकड़ों सदस्य अपना समर्थन दिखाने के लिए बुधवार शाम 6 बजे से ही सहारनपुर के सरकारी अस्पताल के बाहर इकट्ठा होने लगे.

वीडियो संदेश में चन्द्रशेखर ने शांति की अपील की. “मैं अपने सभी समर्थकों से अपील करना चाहता हूं, जो अस्पताल के बाहर हैं और जहां भी हैं, वे शांति बनाए रखें. हम संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल कर लड़ेंगे. हमारा किसी से कोई झगड़ा नहीं है. मैं ठीक हूं लेकिन मैं आपसे शांति बनाए रखने की अपील करूंगा.’ मेरी बात सुनो. कल एक त्यौहार है और मेरा अनुरोध है कि आप मेरी बात सुनें. मुझ पर प्रकृति का आशीर्वाद है और मैं ठीक हूं.”

इस अपील के बावजूद चन्द्रशेखर के समर्थक अस्पताल के बाहर डटे रहे और 12 घंटे के भीतर हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की.

भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने अस्पताल के बाहर घोषणा की, “जिले भर में अराजकता का माहौल है. हम प्रशासन को दिन नहीं बल्कि सिर्फ घंटे दे रहे हैं और तब तक नहीं हटेंगे. अगर 12 घंटे के अंदर उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई तो 13वां घंटा भीम आर्मी का होगा. एक और बात, चन्द्रशेखर आज़ाद जी ने एक संदेश दिया है…(शांति बनाए रखने के लिए)…”

विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने ट्वीट किया कि “राज्य प्रायोजित अपराधियों” द्वारा चन्द्रशेखर पर जानलेवा हमला अत्यंत निंदनीय और कायरतापूर्ण कृत्य है.

उन्होंने पूछा, “जब भाजपा राज में जन प्रतिनिधि सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता का क्या होगा?”

अपने ट्वीट में बीजेपी प्रवक्ता अवस्थी ने भी यादव को टैग किया था और कहा था, ‘अखिलेशजी, इससे पहले कि पुलिस पता लगाए, आपको पता चल गया है कि अपराधी कौन हैं, इसलिए कृपया उनके नाम उजागर करें और पुलिस की मदद करें.’

सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने लिखा कि ”प्रदेश में अराजक तत्वों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वे सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं और अब विपक्ष सत्ता और अपराधियों दोनों के निशाने पर है.”

उन्होंने कहा, “भीम आर्मी प्रमुख पर जानलेवा हमला खोखली कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए एक चेतावनी है. जागो लोगों.”

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह, जो सपा और आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन में भी हैं, ने लिखा कि घटना दुखद है.

उन्होंने लिखा, “चंद्रशेखर आज़ाद पर जानलेवा हमला एक दुखद घटना है. मुझे उम्मीद है कि भीम आर्मी प्रमुख जल्द ही स्वस्थ होकर अपने चुने हुए रास्ते पर फिर से चलेंगे.”

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी यूपी में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पर निशाना साधा और ट्विटर पर हमले की निंदा की.

(संपादन: पूजा मेहरोत्रा)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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