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कोरोना संकट से लड़खड़ाई दिल्ली सरकार की अर्थव्यवस्था, केंद्र से मांगी 5000 करोड़ की तत्काल मदद

टैक्स में आई कमी से जूझ रही दिल्ली सरकार ने पैसे जुटाने के लिए जो कदम उठाए हैं उनमें राजधानी में शराब पर 'स्पेशल कोरोना टैक्स' लगाना शामिल है.

लॉकडाउन के दौरान कनाट प्लेस की फाइल फोटो | सूरज सिंह बिष्ट, दिप्रिंट

नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार से 5,000 करोड़ रुपए की मांग की. दिल्ली सरकार के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से टैक्स कलेक्शन में 85 प्रतिशत की गिरावट आई है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लिखित में ये मांग की है.

मीडिया को संबोधित करते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्हें ये पैसे दिल्ली के कर्मचारियों का वेतन देने समेत अन्य ख़र्चों के लिए चाहिए. इस विषय में किए गए एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के लिए 5 हज़ार करोड़ रुपए की राशि की मांग की है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘कोरोना व लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन क़रीब 85% नीचे चल रहा है. केंद्र की ओर से बाक़ी राज्यों को जारी आपदा राहत कोष से भी कोई राशि दिल्ली को नहीं मिली है.’

कॉन्फ्रेंस के दौरान दी गई जानकारी में उन्होंने कहा कि दिल्ली में टैक्स कलेक्शन 3500 करोड़ से गिरकर काफ़ी नीचे आ गया है. पिछले दो महीने में जीएसटी का कलेक्शन 500-500 करोड़ रुपए का रहा.

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उन्होंने कहा कि हर महीने करीब 1700 करोड़ रुपए का कलेक्शन हो रहा है. फिलहाल दिल्ली को अपने खर्चों के लिए 5000 करोड़ की ज़रूरत है.

दिल्ली के कर्मचारियों की तनख्वाह देने समेत और अन्य ज़रूरतों के लिए केंद्र से 5000 करोड़ की मांग की गई है. सिसोदिया ने ये आरोप भी लगाया कि अभी तक केंद्र ने दिल्ली की कोई मदद नहीं की है.


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सिसोदिया के पास वित्त विभाग का भी प्रभार है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर महीने 3,500 करोड़ रुपये की जरूरत होती है.

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उन्होंने केंद्र से पांच हजार करोड़ रुपये मांगे हैं क्योंकि दिल्ली को आपदा राहत कोष से कुछ भी नहीं मिला, जबकि दूसरे राज्यों को मिला है.

आपको बता दें कि दिल्ली सरकरा ने पैसे जुटाने के लिए जो कदम उठाए हैं उनमें राजधानी में शराब पर ‘स्पेशल कोरोना टैक्स’ लगाना शामिल है.

मई के पहले हफ़्ते में लिए गए इस निर्णय में दिल्ली सरकार ने शराब की मैक्सिमम रिटेल प्राइस पर 70 प्रतिशत टैक्स लगाया है.

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