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पंचायत चुनाव और प्रोटेस्ट में सक्रियता तय करेगी टिकट की दावेदारी, यूपी कांग्रेस का ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष प्लान

कृषि बिल के खिलाफ किसानों की सरकार के प्रति बढ़ती नाराज़गी को ध्यान में रखते हुए यूपी में कांग्रेस ग्रामीण स्तर तक अपनी पहुंच बनाना चाहती है.

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लखनऊ में पैदल मार्च निकालतीं प्रियंका गांधी | सुमित कुमार | फाइल फोटो

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी एक साल से अधिक का समय बाकी है लेकिन कांग्रेस ने उम्मीदवार खोजने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए पार्टी की ओर से दो मापदंड तय किए गए हैं. पहला, पंचायत चुनाव में सक्रियता और दूसरा धरना प्रदर्शन के माध्यम से क्षेत्र में पहचान बनाना.

2021 की शुरुआत में ही हर विधानसभा सीट पर 3 से 4 दावेदार इन मापदंडों के आधार पर शॉर्टलिस्ट किए जाएंगे और साल के मध्य में उनमें से जिसकी दावेदारी मजबूत होगी उसे चुनाव लड़ने की हरी झंडी पार्टी की तरफ से मिलेगी.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने दिप्रिंट को बताया, ‘इस बार टिकट, क्षेत्र में सक्रियता के आधार पर ही मिलेगा.’

उन्होंने कहा, ‘अंतिम समय में कोई भी ‘हेलीकॉप्टर कैंडिडेट’ के बजाए 2021 के शुरुआती महीनों से ही दावेदारों की सक्रियता मॉनिटर की जाएगी. अप्रैल 2021 मे पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं. उनमें टिकट के दावेदारों की भागीदारी कैसी रहती है ये उनके शॉर्ट्लिस्ट होने में काफी अहम भूमिका निभाएगा.’

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि क्षेत्र में नौजवान और किसानों समेत स्थानीय मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शनों में उम्मीदवारों की सक्रियता कैसी है इसे भी मॉनिटर किया जाएगा.

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पंचायत चुनाव के लिए विशेष प्लान

कृषि बिल के खिलाफ किसानों की सरकार के प्रति बढ़ती नाराज़गी को ध्यान में रखते हुए यूपी में कांग्रेस ग्रामीण स्तर तक अपनी पहुंच बनाना चाहती है.

कांग्रेस पार्टी इस सिलसिले में 2 अक्टबूर से 17 दिसंबर तक ब्लॉक, न्याय पंचायत, ग्राम सभा स्तर तक अपने संगठन को बढ़ाने का प्रयास करेगी. इसके लिए पार्टी की ओर से ‘संगठन सृजन’ अभियान चलाया जाएगा.

हर ब्लॉक, हर ग्राम सभा में पार्टी से नए लोग जुड़ें इसे लेकर रणनीति बनाई गई है. पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश स्तर पर एक कमेटी पार्टी ने बनाई है जो पूरे प्लान को मॉनिटर करेगी.

प्रदेश कांंग्रेस के संगठन सचिव अनिल यादव ने बताया, ‘प्रत्येक ग्राम सभा स्तर पर कांग्रेस का संगठन एक्टिव दिखेगा. प्रदेश और जिला कमेटियां लगभग बन गई हैं. अब फोकस ब्लॉक, न्याय पंचायत और ग्राम पंचायतों पर है.’

उन्होंने कहा, ’25 सदस्यों वाली ब्लॉक कमेटी, 21 सदस्यों की न्याय पंचायत और हर ग्राम पंचायत में 15 सदस्यों की कमेटी होगी. ग्राम पंचायत कमेटी का अध्यक्ष युवा ही होगा जिसकी उम्र 25 से 35 के बीच होगी.’

यूपी कांग्रेस के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि गांव में संगठन अगर एक्टिव दिखेगा तो इससे तमाम विरोधियों का भ्रम दूर हो जाएगा जो अक्सर कहते आए हैं कि पार्टी एक्टिव नहीं दिखती.


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ग्रामीण स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश

ग्रामीण स्तर पर संगठन को लेकर कांग्रेस काफी गंभीर हो गई है.

हाल ही में पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रदेश पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मुद्दे पर चर्चा की और आगे की रणनीति तय की है. उन्होंने कहा था, ‘अगर हम पंचायत चुनाव में बेहतर करने में सफल रहे तो इसका असर 2022 विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा.’

हालांकि फरवरी महीने के बाद से ही प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश नहीं आईं हैं लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और जूम एप के जरिए वह लगातार एक्टिव हैं और मीटिंग कर रही हैं.

प्रियंका की टीम के एक करीबी सूत्र के मुताबिक, उम्मीद की जा रही है कि दिवाली के आसपास से वह यूपी में सक्रिय होंगी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बड़ी रैलियां तो संभव नहीं है लेकिन आने वाले समय में प्रियंका गांधी खुद गांव में छोटी-छोटी चौपाल करेंगी. फिलहाल वह संगठन की एक्टिविटीज़ को मॉनिटर कर रही हैं.


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