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कमलनाथ सरकार के पहले बजट में सॉफ्ट हिंदुत्व की छाप के साथ बदलाव की झलक

समाज के हर वर्ग की सुविधाओं में वृद्धि का संदेश भी दिया गया है. बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं और आदिवासी वर्ग पर खास जोर.

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, फाइल फोटो

भोपालः मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने बुधवार को विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया. बजट में बदलाव की झलक तो दिखी ही, साथ में समाज के हर वर्ग की सुविधाओं में वृद्धि का संदेश भी दिया गया है. बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं और आदिवासी वर्ग पर खास जोर दिया गया है. वहीं यह बजट सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे को भी आगे बढ़ाता नजर आ रहा है.

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान गांव, गरीब, किसान, महिला, आदिवासियों को खास सुविधाएं देने का वचन दिया था. सत्ता में आने के बाद पहले बजट में चुनावी वचनों को पूरा करने की कोशिश की गई है. दो लाख 33 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है. बजट में किसानों के लिए सबसे ज्यादा प्रावधान किए गए हैं.

किसान कर्जमाफी के लिए 8,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. किसानों के लिए कृषि बंधु योजना शुरू की जाएगी. वहीं किसान प्रतिनिधियों से निरंतर संवाद बनाए रखने, समस्याओं के समाधान एवं किसानों के लिए योजनाओं के सुचारु क्रियान्वयन की संस्थागत व्यवस्था हेतु कृषि सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा. ग्वालियर तथा जबलपुर में डेयरी साइंस एवं खाद्य प्रसंस्करण महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने प्रस्तावित हैं.

इसके साथ ही राज्य के विशिष्ट उत्पादों के निर्माताओं को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ब्रांडिंग की योजना बना रही है. इसके तहत चंदेरी एवं महेश्वर की साड़ियां, धार का बाघ प्रिट कपड़ा, भोपाल के बटुए, छतरपुर एवं टीकमगढ़ के पीतल के उत्पाद, रतलाम के नमकीन, मुरैना की गजक, भिंड के पेड़े, सागर की चिरौंजी बर्फी, मालवा के चूरमा-लड्डी व बाटी, बुन्देलखंड की मावा जलेबी तथा अन्य ऐसे उत्पादों की देश-विदेश में पहचान स्थापित किए जाने के लिए उनकी ब्रांडिग एवं मार्केटिग विशेषज्ञ एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी. इससे क्षेत्रीय व्यापारियों को खास लाभ होगा.

राज्य सरकार ने बजट के जरिए महिलाओं के सशक्तिकरण का भी संदेश दिया है. महिला रोजगार के लिए मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना शुरू की जाएगी. वहीं मध्यान्ह भोजन योजना में खाद्यान्न की आपूर्ति महिला स्व सहायता समूह के जरिए होगी. कन्या विवाह एवं निकाह की योजना में सरकारी सहायता की राशि 28 हजार रुपये से बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर आय सीमा के बंधन को समाप्त किया गया है.

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संपत्ति में महिला का अधिकार सुरक्षित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी अथवा बेटियों को अपनी संपत्ति का सह खातादार बनाता है, तो उस पर सिर्फ एक हजार 100 खर्च होंगे. पूर्व व्यवस्था में सह-खातेदार के रूप में नाम जोड़ने पर संपत्ति के कुल मूल्य का 1़8 प्रतिशत का खर्च आता था.

कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए बजट में सॉफ्ट हिंदुत्व भी नजर आया. 1000 गौशालाएं बनाई जानी हैं, जिसके लिए 132 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. गौशालाओं के तीन मॉडल्स बनाए गए हैं. पुरानी गौशालाओं के लिए भी चारे और भूसे के लिए एक रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 20 रुपये प्रतिदिन प्रति गाय देने का निर्णय लिया गया है. वहीं राम पथ गमन के क्षेत्र विकास को भी बजट में स्थान दिया गया है.

सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ने के सवाल पर वित्तमंत्री तरुण भनोट ने कहा, ‘यह हमारी परंपरा है. मैं स्वयं हिंदू और ब्राह्मण हूं. अपनी परंपराओं को आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है, यह काम हम नहीं करेंगे तो पाकिस्तान करेगा क्या.’

युवाओं को बेहतर रोजगार के लिए उद्योग नीति में बड़ा बदलाव किया गया है. राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को देना होगा.

भनोट ने कहा, ‘बीते छह माह में 17 वृहद औद्योगिक इकाइयों ने उत्पादन शुरू कर दिया है. प्रदेश में औद्योगिक निवेश का सकारात्मक वातावरण बना है. निवेश प्रोत्साहन में लैंड पूलिंग पॉलिसी का पायलट प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है. प्रदेश में चार नवीन टेक्सटाइल गारमेंट पार्क एवं एक कन्फेक्शनरी पार्क स्वीकृत किया गया है. इसके अतिरिक्त मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर हेतु एक कॉमन फेसिलिटेशन सेन्टर का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है.’

सरकार ने श्रमिकों के कल्याण हेतु नया सवेरा कार्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया है. वहीं भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर सैटेलाइट टाउन, औद्योगिक क्षेत्र तथा ड्राय-पोर्ट विकसित किए जाने की योजना बनाई जा रही है. प्रदेश के विकास में यह एक अभूतपूर्व परिवर्तनकारी कदम होगा.

इसी तरह शहरी युवाओं के लिए युवा स्वाभिमान योजना प्रारंभ की गई है, जिसका प्रमुख उद्देश्य युवाओं को व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर स्थाई रोजगार के लिए सक्षम बनाना है. इस योजना में अब तक 17 हजार से अधिक युवाओं का प्रशिक्षण प्रारंभ हो चुका है. सभी विभागों की स्वरोजगार योजनाओं को एम़ पी़ ऑनलाइन पोर्टल पर लाकर बैंकों के पोर्टल से जोड़ा जा रहा है. अबतक 40 हजार से अधिक युवाओं को इन योजनाओं से लाभान्वित किया गया है.

राज्य सरकार ने आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए बजट में खास प्रावधान किए हैं. आदिवासी हितग्राहियों को अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम के माध्यम से दिए गए एक लाख रुपये तक के ऋण माफ किए गए हैं. इसी प्रकार अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के माध्यम से दिए गए एक लाख रुपये तक के ऋण माफ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

बजट में प्रदेश के आदिवासियों की संस्कृति के संरक्षण एवं उनके कुल एवं ग्राम के देवी-देवता के स्थानों में निíमत देवगुढ़ी, मढ़िया, देवठान के निर्माण व जीर्णोद्घार तथा सामुदायिक भवन निर्माण, सभा कक्ष, पेयजल, स्नानागार और शौचालय आदि की व्यवस्था के लिए आष्ठान योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही आदिवासी क्षेत्र के ग्रामीण हाट बाजारों में ए़ टी़ एम़ स्थापित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया जा रहा है.

इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने बजट में पानी का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार देने का वादा किया है. इसके अलावा खेलों को भी प्रोत्साहित करने और शिक्षा में सुधार लाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. शिक्षा का बजट भी बढ़ाया गया है.

भाजपा ने इस बजट को जनता के साथ आधिकारिक धोखा करार दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा, ‘बजट में जनकल्याणकारी योजनाओं पर चुप्पी और किसान कर्जमाफी के लिए सिर्फ 8,000 करोड़ रुपये का प्रावधान, युवाओं को बेरोजगारी भत्ते पर गोलमाल यह बताता है कि राज्य सरकार किस तरह कपट करके सरकार चलाना चाहती है.’

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