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ये नियाजी तो पाकिस्तान के अगले पीएम बन सकते हैं, उनके पास चीनी, पेट्रोल, मसाले और हर बेहतरीन चीज है

मोअज्जम महमूद नियाजी 2018 से ही प्रधानमंत्री की कुर्सी का सपना देख रहे हैं. वजन घटाने में उन्होंने ‘विश्व रिकॉर्ड’ बना रखा है.

मोअज्जम नियाज़ी की एक तस्वीर ट्विटर पर घूम रही है/फोटो: नायला इनायत

बार-बार बिजली की ‘लोड शेडिंग’ ने आपका जीना मुहाल कर रखा है और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से आपकी रातों की नींद हराम हो गई है. लेकिन कोई बात नहीं आप का भविष्य एकदम उज्ज्वल है. आपके सबसे बेहतरीन दिनों से भी ज्यादा उज्ज्वल. और इसकी वजह एक नियाजी है जिसमें पाकिस्तान के शानदार भविष्य की सारी संभावनाएं नजर आती हैं. सचमुच.

लोग उन्हें दूसरी पसंद कह सकते हैं, लेकिन हकीकत में वही एकमात्र विकल्प हैं. पाकिस्तान की आखिरी उम्मीद हैं मोअज्जम महमूद खान नियाजी, जो खुद को ‘महान वैज्ञानिक, त्वचा विशेषज्ञ और आहार विशेषज्ञ और राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान अमन लीग का अध्यक्ष नियाजी केमिकल इंडस्ट्री का चीफ एक्जीक्यूटिव’ बताते हैं.

ये खूबसूरत उपाधियां भले ही मायने रखती हों, लेकिन उतनी नहीं जितनी सच्चाई के साथ गढ़ी गई यह बात कि नियाजी पाकिस्तान के भावी प्रधानमंत्री हैं. भविष्य सामने है.


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उनके पास चीनी है, पेट्रोल है

मोअज्जम महमूद खान नियाजी को लगता है कि पाकिस्तान का 23वां प्रधानमंत्री बनने के लिए उनमें हर तरह की काबिलियत है. हम भी इससे सहमत है. निश्चित तौर पर वह अविवाहित है, जो उन्हें देश का सबसे योग्य कुंवारा बनाता है. वह जेमिमा खान को भी काफी पसंद करते हैं. उनकी हेयरलाइन शाहरुख खान की तरह है. अंदाज मार्टिन लूथर किंग के जैसा है. उन्होंने एक फेसबुक पोल में बिलावल भुट्टो जरदारी के खिलाफ जीत हासिल की, और 98 प्रतिशत ऑनलाइन वोटों के साथ ‘प्रधानमंत्री पद की पसंद’ बन गए. दुनिया भर में उनके जबर्दस्त प्रशंसक हैं. भारतीयों को उनसे जलन होती है, जो उनके नोबेल शांति पुरस्कार जीत पाने सकने के लिए एक पुख्ता कारण है. वजन घटाने में उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बना रखा है. वह हमारे लिए बहुत अहमियत रखते हैं. (क्या हुआ अगर अभी ट्विटर पर उनके करीब 1,200 फॉलोअर ही हैं.)

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गलत न समझें, नियाजी ‘सिर्फ बातें करने वाले’ सर्वोच्च नेता की तरह नहीं हैं. उनके इस क्रांतिकारी टू-इन-वन दावे ने दुनिया को हैरत में डाल रखा है कि वे पानी और सौर ऊर्जा को पेट्रोल और चीनी में बदल सकते हैं. सौर विकिरण से बनने वाली चीनी मधुमेह के मरीजों के लिए भी सुरक्षित होगी. आखिरकार, वो कुछ और हो न हो एक ‘महान वैज्ञानिक’ तो हैं ही. अब अगर वह कहते हैं कि वह पेट्रोल पर चल सकते है और उसे बिजली में तब्दील कर सकते हैं तो मेरा वोट तो उनको ही जाएगा.

पेट्रोल के मामले में पाकिस्तान का महाशक्ति बनना हकीकत के करीब लगता है क्योंकि पानी से कार चलाने के लिए एक और वैज्ञानिक आगा वकार का क्रांतिकारी ‘वाटर किट’ जो है. इस विचार का तो पाकिस्तान में परमाणु बम के जनक ए.क्यू. खान ने भी स्वागत किया था. लेकिन पाकिस्तानियों को मुफ्त पेट्रोल और चीनी उपलब्ध कराने का विचार तो पीएम हाउस में नियाजी के पहुंचने पर ही संभव हो सकेगा.

इसने यह बहस भी सुलझा दी है कि 2023 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री की कुर्सी कौन हासिल करेगा. यह एक और नियाजी होगा लेकिन इमरान खान नियाजी नहीं. स्वर्णिम अध्याय लिखा जाना शुरू हो चुका है—नियाजी वंशज शासन के लिए तैयार है.

जिन्ना की मिरर इमेज

सोशल मीडिया पर प्रशंसकों की सराहना पाने वाले फैसलाबाद के नए नियाजी ने 2018 के चुनावों के समय से ही शीर्ष पद पर नजरें गड़ा रखी हैं. अपने आक्रामक भाषणों से इमरान खान की ‘तब्दीली’ को उजागर कर देने से लेकर ट्विटर को ‘क्रैश’ कर देने वाली हालिया इंट्री तक सबका ही संकेत स्पष्ट हैं—पाकिस्तान में हवा का रुख बदल रहा है. डॉ नियाजी ने ‘अपना कायद कैसा हो, बिलकुल नियाजी जैसा हो’, ‘जब तक सूरज चंद रहेगा, नियाजी तेरा नाम रहेगा’ जैसे नारों के साथ वापसी की है. वह राष्ट्रपिता, कायद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना के साथ अपनी समानताओं पर भी ध्यान आकर्षित करते हैं: ‘वही चेहरा-मोहरा वैसी ही आंखें, नाक, होंठ आदि.’

हालांकि, नियाजी ने साफ कर दिया है कि वो किसी का मोहरा नहीं हैं और उनकी पार्टी ‘पाकिस्तान अमन लीग’ सेना के साथ किसी तरह के समझौते की कोशिश नहीं कर रही है. और न ही उनकी पार्टी को मुख्यधारा के राजनीतिक दलों—पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी या सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खिलाफ प्रेशर ग्रुप माना जाना चाहिए. उनका दावा है कि अमन लीग अगले चुनाव में पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. यह मुमकिन है, यह देखते हुए कि कैसे ‘एक मौका मिलना चाहिए’ का सिद्धांत मौजूदा सत्तारूढ़ दल के लिए कारगर साबित हुआ था. तो, नियाजी को एक मौका मिलना चाहिए, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी पार्टी (हो या नहीं) को पाकिस्तान के चुनाव आयोग में पंजीकृत करना चाहिए. अन्यथा, भविष्य के प्रधानमंत्री को निराशा होना पड़ सकता है.

ट्विटर पर चल रहा एक मीम

उस दिन की कल्पना करें जब मोअज्जम महमूद नियाजी अमेरिका, इजरायल, भारत और अरब देशों को ‘साफ मना’ कर देंगे. हमारे पास बहुतायत में पेट्रोल होने के साथ नौकरी की तलाश में विदेशों से लोग यहां आएंगे. वो दिन दूर नहीं जब डॉ. नियाजी जैसे महान वैज्ञानिक के नेतृत्व में ‘महाशक्ति’ होना तो पाकिस्तान के लिए एक पर्याय ही बन जाएगा. ओह, ऐसा लगता है कि 2023 बस आ ही गया है.

लेखिका पाकिस्तान की स्वतंत्र पत्रकार हैं. उनका ट्विटर हैंडल @nalainayat है. व्यक्त विचार निजी हैं.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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