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भारतीयों ने ‘कोविड के साथ जीना सीख लिया’ और सरकार की ‘राष्ट्रीय संपत्ति मौद्रीकरण योजना’

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आर प्रसाद | द इकोनॉमिक टाइम्स
आर प्रसाद | द इकोनॉमिक टाइम्स

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने दिन के सबसे अच्छे कार्टून

डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के हालिया बयान कि भारत कोविड-19 के स्थानिक चरण में प्रवेश कर सकता है, आज के फीचर कार्टून में आर प्रसाद इसे चित्रित कर रहे हैं.

आलोक निरंतर | ट्विटर/@caricatured

आलोक निरंतर ने पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर निशाना साधा, जिन्होंने ईंधन की कीमतों में वृद्धि को सही ठहराने के प्रयास में कहा कि किसी को यह विचार करना चाहिए कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए करों का इस्तेमाल कोविड-19 के दौरान मुफ्त दवाएं प्रदान करने के लिए किया जा रहा है.

संदीप अध्वर्यु | द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया

संदीप अध्वर्यू एक कथित बलात्कार पीड़िता पर, जिसने सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर आत्मदाह का प्रयास करने के बाद दम तोड़ दिया, उसे दर्शा रहे हैं.

महमूद | ट्विटर/@कार्टूनिस्ट_पीएम

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी 6 लाख करोड़ रुपये की ‘राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन’ परियोजना जिसका उद्देश्य बड़ी व्यवहार्य संपत्ति का मौद्रीकरण करना है, निशाना साध रहे हैं.

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कीर्तिश भट्ट | बीबीसी समाचार हिंदी

कीर्तिश भट्ट केंद्र की मेगा राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन पहल को चित्रित कर रहे हैं जिसके तहत इन बुनियादी ढांचा संपत्तियों के मौद्रीकरण के लिए रेलवे, सड़कों और शिपिंग सहित 13 क्षेत्रों की पहचान की गई है.

(इस कार्टून्स को अंग्रेज़ी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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